कुश्ती में सुशील के सफलता को देखकर महज 12 साल की उम्र में ही जतीन ने कुश्ती खेलना शुरु कर दिया। बेटे का कुश्ती के प्रति प्रेम को देखकर पिता सतीश कुमार उसे गांव के आर्य समाज अखाड़ा में ले गए। जहां पहलवान आनंद प्रकाश ने कम उम्र के जतीन के प्रतिभा को देखते हुए उन्हें अपने अखाड़े में निरंतर कुश्ती के दांवपेंच की अभ्यास करवाने लगे। नियमित रूप से जीतोड़ मेहनत करते हुए जतीन ने ग्रामीण प्रतियोगिता सहित राज्य, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक हासिल करते हुए देश का नाम रोशन किया।
Read more: पहलवान सुशील के खेल से प्रेरणा लेकर सफल हुए जतिन