नई दिल्ली
नंदनगरी से किशोर को किडनैप करके गंग नहर में बहाने के मामले में चार दिन बाद भी लाश नहीं मिली है। ऐसे में दिल्ली पुलिस के लिए असमंजस की स्थिति बन रही है। पुलिस किशोर की किडनैपिंग और हत्या के आरोप में उसके चचेरे भाई समेत पांच आरोपियों को अरेस्ट कर चुकी है, लेकिन जब तक लाश नहीं मिल जाती, तब तक आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत जुटाने का दावा करना तो दूर, मर्डर की पुष्टि भी आधिकारिक तौर पर नहीं कर सकते। इस केस में अभी तक मर्डर की धारा 302 नहीं जुड़ी है। उसके लिए लाश मिलने का इंतजार है। फिलहाल किडनैपिंग के सेक्शन 364 के तहत एफआईआर दर्ज है।
दो राज्यों की पुलिस तलाश में जुटी
मुरादनगर की गंग नहर में दिल्ली पुलिस के साथ यूपी पुलिस भी शव की तलाश में दिन-रात जुटी है, लेकिन कहीं कुछ पता नहीं चल रहा है। नहर पर बने रेग्युलेटर तक कई गोताखोर लगे हैं। पुलिस को उम्मीद थी कि अधिक से अधिक 72 घंटे बाद शव पानी में फूलने की वजह से नहर की सतह या किनारे पर आ जाएगा, लेकिन वह समय भी गुजरने के बाद पुलिस की बैचेनी बढ़ रही है।
कानून के जानकारों का कहना है कि अभियुक्तों द्वारा सीआरपीसी की धारा 161 के तहत पुलिस को दिया गया बयान अदालत में महत्व नहीं रखता है। यह सिर्फ इन्वेस्टिगेशन में काम आता है। जब कोर्ट में सुनवाई होगी, तो अभियुक्त पुलिस को दिए बयान से मुकर सकते हैं। आमतौर पर अभियुक्त कोर्ट के समक्ष पुलिस को दिए बयान को झुठला देते हैं। यदि पुलिस को आशंका है कि अभियुक्त 161 के बयान से पलट जाएंगे, तो सीआरपीसी के सेक्शन 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान करवाए जा सकते हैं। यदि लाश नहीं मिली, तो केस सबूतों पर निर्भर होगा।
दूसरी तरफ एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि मृत किशोर दुबला-पतला था, इसलिए आशंका है कि उसकी लाश रेग्युलेटर से पार निकल गई हो। पुलिस ने उम्मीद नहीं छोड़ी है। यूपी पुलिस की सहायता से दिन-रात शव को तलाशने का काम जारी है।
यह जघन्य वारदात बीते मंगलवार की शाम को हुई थी। नंदनगरी बी-1 से 17 साल के किशोर का अपहरण उसके ही चचेरे भाई पंकज ने अपने साथियों से करवाया। चाचा से एक करोड़ की फिरौती मांगी। उसी रात कोल्डड्रिंक में नींद की गोलियां मिलाकर किशोर को पिला दीं। रात में नहर में बहा दिया। पुलिस ने कल पंकज समेत पाचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। तब से शव की तलाश की जा रही है।
नंदनगरी से किशोर को किडनैप करके गंग नहर में बहाने के मामले में चार दिन बाद भी लाश नहीं मिली है। ऐसे में दिल्ली पुलिस के लिए असमंजस की स्थिति बन रही है। पुलिस किशोर की किडनैपिंग और हत्या के आरोप में उसके चचेरे भाई समेत पांच आरोपियों को अरेस्ट कर चुकी है, लेकिन जब तक लाश नहीं मिल जाती, तब तक आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत जुटाने का दावा करना तो दूर, मर्डर की पुष्टि भी आधिकारिक तौर पर नहीं कर सकते। इस केस में अभी तक मर्डर की धारा 302 नहीं जुड़ी है। उसके लिए लाश मिलने का इंतजार है। फिलहाल किडनैपिंग के सेक्शन 364 के तहत एफआईआर दर्ज है।
दो राज्यों की पुलिस तलाश में जुटी
मुरादनगर की गंग नहर में दिल्ली पुलिस के साथ यूपी पुलिस भी शव की तलाश में दिन-रात जुटी है, लेकिन कहीं कुछ पता नहीं चल रहा है। नहर पर बने रेग्युलेटर तक कई गोताखोर लगे हैं। पुलिस को उम्मीद थी कि अधिक से अधिक 72 घंटे बाद शव पानी में फूलने की वजह से नहर की सतह या किनारे पर आ जाएगा, लेकिन वह समय भी गुजरने के बाद पुलिस की बैचेनी बढ़ रही है।
कानून के जानकारों का कहना है कि अभियुक्तों द्वारा सीआरपीसी की धारा 161 के तहत पुलिस को दिया गया बयान अदालत में महत्व नहीं रखता है। यह सिर्फ इन्वेस्टिगेशन में काम आता है। जब कोर्ट में सुनवाई होगी, तो अभियुक्त पुलिस को दिए बयान से मुकर सकते हैं। आमतौर पर अभियुक्त कोर्ट के समक्ष पुलिस को दिए बयान को झुठला देते हैं। यदि पुलिस को आशंका है कि अभियुक्त 161 के बयान से पलट जाएंगे, तो सीआरपीसी के सेक्शन 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान करवाए जा सकते हैं। यदि लाश नहीं मिली, तो केस सबूतों पर निर्भर होगा।
दूसरी तरफ एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि मृत किशोर दुबला-पतला था, इसलिए आशंका है कि उसकी लाश रेग्युलेटर से पार निकल गई हो। पुलिस ने उम्मीद नहीं छोड़ी है। यूपी पुलिस की सहायता से दिन-रात शव को तलाशने का काम जारी है।
यह जघन्य वारदात बीते मंगलवार की शाम को हुई थी। नंदनगरी बी-1 से 17 साल के किशोर का अपहरण उसके ही चचेरे भाई पंकज ने अपने साथियों से करवाया। चाचा से एक करोड़ की फिरौती मांगी। उसी रात कोल्डड्रिंक में नींद की गोलियां मिलाकर किशोर को पिला दीं। रात में नहर में बहा दिया। पुलिस ने कल पंकज समेत पाचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। तब से शव की तलाश की जा रही है।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।
Read more: जब तक लाश नहीं मिलेगी, तब तक 302 नहीं!