नई दिल्ली
यूपी के साहिबाबाद स्थित मदरसे में हुए गैंगरेप केस में अब गाजीपुर की नाबालिग पीड़िता का बयान सामने आया है जिसमें उसने घटनाक्रम के बारे में विस्तार से बताया है। मीडिया से बातचीत में उसने बताया कि उसे जबरन मदरसा ले जाया गया था।
पीड़िता ने कहा, 'वह (मुख्य आरोपी) मुझे जबरदस्ती मदरसा ले गया और उसने मुझे और मेरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी और मेरा फोन भी छीन लिया। मदरसे के मालिक ने भी मुझे धमकाया था। मुझे जो पानी दिया गया था उसे पीकर मुझे नींद आ गई। जब सुबह मेरी आंख खुली तो मैंने पाया कि मेरे कपड़े गीले थे।'
इधर, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के हाथ कथित नाबालिग आरोपी का आधार कार्ड लगा है, जिसमें उसकी डेट ऑफ बर्थ 1998 की है। क्राइम ब्रांच के सूत्रों का कहना है कि आरोपी की सही उम्र पता लगाने के लिए कराए गए बोन टेस्ट (बोन ऑसिफिकेशन टेस्ट) की रिपोर्ट भी आ गई है, जिसमें उसके बालिग होने की बात कही गई है।
क्राइम ब्रांच के सूत्रों का कहना है कि जो आधार कार्ड उनकी टीम ने तलाशा है, अगर लोकल पुलिस चाहती तो बहुत पहले उसे बरामद कर लेती और शायद उम्र को लेकर इस तरह का विवाद खड़ा नहीं होता।
क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पहले यह मामला गाजीपुर थाना पुलिस के पास था और इसकी तफ्तीश उसी के पास थी। लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे क्राइम ब्रांच को सौंपा गया।
यूपी के साहिबाबाद स्थित मदरसे में हुए गैंगरेप केस में अब गाजीपुर की नाबालिग पीड़िता का बयान सामने आया है जिसमें उसने घटनाक्रम के बारे में विस्तार से बताया है। मीडिया से बातचीत में उसने बताया कि उसे जबरन मदरसा ले जाया गया था।
पीड़िता ने कहा, 'वह (मुख्य आरोपी) मुझे जबरदस्ती मदरसा ले गया और उसने मुझे और मेरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी और मेरा फोन भी छीन लिया। मदरसे के मालिक ने भी मुझे धमकाया था। मुझे जो पानी दिया गया था उसे पीकर मुझे नींद आ गई। जब सुबह मेरी आंख खुली तो मैंने पाया कि मेरे कपड़े गीले थे।'
इधर, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के हाथ कथित नाबालिग आरोपी का आधार कार्ड लगा है, जिसमें उसकी डेट ऑफ बर्थ 1998 की है। क्राइम ब्रांच के सूत्रों का कहना है कि आरोपी की सही उम्र पता लगाने के लिए कराए गए बोन टेस्ट (बोन ऑसिफिकेशन टेस्ट) की रिपोर्ट भी आ गई है, जिसमें उसके बालिग होने की बात कही गई है।
क्राइम ब्रांच के सूत्रों का कहना है कि जो आधार कार्ड उनकी टीम ने तलाशा है, अगर लोकल पुलिस चाहती तो बहुत पहले उसे बरामद कर लेती और शायद उम्र को लेकर इस तरह का विवाद खड़ा नहीं होता।
क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पहले यह मामला गाजीपुर थाना पुलिस के पास था और इसकी तफ्तीश उसी के पास थी। लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे क्राइम ब्रांच को सौंपा गया।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।
Read more: मदरसा रेप: पीड़िता ने बताई पूरी कहानी