Sunday, May 6, 2018

पत्नी के झूठे आरोपों से ऐसे मिली पति को जीत

नई दिल्ली
दिल्ली हाई कोर्ट ने एक व्यक्ति की तलाक की अर्जी मंजूर करते हुए कहा कि पति और उसकी एक विधवा रिश्तेदार के बीच अवैध संबंध होने के पत्नी के झूठे आरोप क्रूरता के बराबर हैं। आरोप लगाने वाली महिला अपने पति से अलग रह रही है। जस्टिस जे.आर. मिधा ने पति को तलाक मंजूर करते हुए कहा कि अवैध संबंध के आरोप सच नहीं हैं।

कोर्ट ने दंपति के न्यायिक विच्छेदन के निचली अदालत के आदेश को निरस्त कर दिया। दंपति ने 1978 में शादी की थी और वे लंदन में रह रहे थे। न्यायिक विच्छेदन की डिक्री शादी का संबंध खत्म नहीं करती बल्कि दंपति को अपने संबंधों का निरीक्षण करने तथा भविष्य के बारे में सोचने का समय देती है जबकि तलाक शादी का संबंध खत्म कर देता है।

पति और पत्नी दोनों ने अलग अलग अपील दायर करके निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी थी। पति तलाक चाहता था क्योंकि उसका कहना था कि उसकी पत्नी उस पर बहुत शक करती है , उस पर अक्सर बेवफाई के आरोप लगाती है , अपशब्द कहती है , नखरे दिखाती है और उसकी मां के प्रति लापरवाह तथा गैरजिम्मेदार है। महिला ने दावा किया था कि उसने पति के साथ कोई क्रूरता नहीं की बल्कि वह उसे धोखा दे रहा है। अदालत ने पति के पक्ष में फैसला सुनाते हुए क्रूरता के आधार पर उसका तलाक मंजूर कर लिया।

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