Friday, May 4, 2018

अतिक्रमण अभियान फेल, कमिटी नाराज

नई दिल्ली
पुरानी दिल्ली में अतिक्रमण व सरकारी जमीन पर कब्जा हटाओ अभियान महज खानापूर्ति बनता जा रहा है। अतिक्रमण हटाने के कुछ घंटों बाद ही वहां दोबारा कब्जा हो रहा है। इस मसले पर एमसीडी अधिकारी पुलिस पर आरोप लगा रहे हैं जबकि जनप्रतिधियों का कहना है कि इस पूरे खेल में एमसीडी और पुलिस की मिलीभगत है। इस मसले पर मॉनिटरिंग कमिटी भी नाराज है। उसका कहना है कि वह एमसीडी और पुलिस अफसरों को बुलाकर पूछताछ करेगी। जनप्रतिनिधि इस बात से परेशान हैं लोग खुश होने के बजाय उनसे दोबारा कब्जा होने की शिकायत कर रहे हैं।

पुरानी दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चल रहा है। खारी बावली, चांदनी चौक, लाल किला, कश्मीरी गेट, जामा मस्जिद इलाके में भारी पुलिस बल के साथ एमसीडी दस्ता अतिक्रमण हटा रहा है और सड़कों व फुटपाथ पर हो रहे कब्जों को खाली करा रहा है। स्थानीय कारोबारी व लोग इस ऐक्शन को लेकर खुश है, लेकिन उनकी खुशी ज्यादा देर तक नहीं टिक पाती है। उसका कारण यह है कि वहां कुछ देर बाद ही दोबारा से कब्जा हो जाता है। लोग इस बात से नाराज हैं कि एक बार ऐक्शन होने के बाद एमसीडी वाले दोबारा वहां ये देखने नहीं आते कि उनके ऐक्शन का क्या असर है। जिन इलाकों में भी अभियान चला है, अब वहां हालात जस के तस नजर आ रहे हैं।

इस मसले पर नॉर्थ एमसीडी अफसरों का कहना है कि यह पुलिस की जिम्मेदारी है कि वहां पर दोबारा से कब्जा न हो। इस आशय के आदेश सुप्रीम कोर्ट भी जारी कर चुका है। अधिकारी के अनुसार जिस भी स्थान से कब्जा हटाया जाता है तो उसकी जानकारी स्थानीय थानाध्यक्ष को दी जाती है और उनसे कहा जाता है, वहां दोबारा कब्जा नहीं होना चाहिए लेकिन हम हैरान हैं कि पुरानी दिल्ली में चला यह अभियान फेल हो गया, क्योंकि वहां दोबारा से कब्जा हो गया। उन्होंने कहा कि इस मसले की शिकायत हमने एमसीडी कमिश्नर से की है और उनसे गुजारिश की है कि वह पुलिस द्वारा यह सुनिश्चित करवाएं कि वहां दोबारा कब्जा न हो। बताते हैं कि कमिश्नर ने उनसे कहा है कि वह इस मामले को मॉनिटरिंग कमिटी के सामने उठाएंगे।

इस अतिक्रमण फेल अभियान को लेकर सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमिटी भी खासी नाराज है। कमिटी के अनुसार मीडिया के जरिए उन तक यह सूचना पहुंच रही है कि जहां भी अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया है, वहां पर दोबारा से कब्जा हो गया। कमिटी के एक सदस्य के अनुसार यह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही हमने यह अभियान चलाने का निर्देश जारी किया था। उनका कहना है कि इस मसले पर अगले सप्ताह पुलिस और एमसीडी अफसरों को बुलाकर बात की जाएगी और इसका निदान तलाशा जाएगा। सदस्य का कहना है कि अगर अतिक्रमण हटाने पर दोबारा कब्जा हो जाता है तो ऐसे अभियान की जरूरत क्या है।

इस अतिक्रमण फेल अभियान को लेकर चांदनी चौक की विधायक अलका लांबा खासी नाराज हैं। उनका कहना है कि लोग इस बात की शिकायत कर रहे हैं कि उनके इलाके में अवैध कब्जे हटाए जाते हैं पर वहां पर दोबारा कब्जे हो जाते हैं। अलका का कहना है कि दोबारा कब्जा इसलिए हो रहा है, क्योंकि यह सब पुलिस और एमसीडी की मिलीभगत हो होता है। उन्होंने कहा कि कल उन्होने जामा मस्जिद इलाके में कब्जा हटवाया था, लोग शिकायत कर रहे हैं कि वहां आज फिर से कब्जा हो सकता है। अलका के अनुसार आज वह दिन भर जामा मस्जिद इलाके में डेरा जमाकर रहेंगी और देखेंगी कि आखिर यह कब्जा कैसे और किसकी शह पर हो रहा है।

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