नई दिल्ली
दिल्ली सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों में दवाइयों से लेकर सर्जरी तक के मनमाने रेट वसूलने पर रोक लगाने के मकसद से प्रॉफिट कैपिंग पॉलिसी को लेकर ड्राफ्ट एडवाइजरी जारी की है। इसमें नियम है कि अस्पताल आने के छह घंटे में इमरजेंसी रूम या कैजुअल्टी में मरीज की मौत होगी तो 50 पर्सेंट बिल माफ करना होगा। 6 से 24 घंटे में मौत पर बिल का 20 पर्सेंट माफ करना होगा।
हेल्थ मिनिस्टर सत्येंद्र जैन ने बताया कि अस्पताल बिल न चुकाने की सूरत में डेडबॉडी देने से इनकार नहीं कर सकेंगे। प्राइवेट अस्पतालों को निर्देश दिए जाएंगे कि वे केंद्र सरकार की आवश्यक दवाओं की केंद्रीय लिस्ट (NLEM) में शामिल 376 दवाइयों में से ही मरीजों को दवाई लिखेंगे, जिनके रेट केंद्र सरकार फिक्स करती है।
सभी निजी अस्पताल, नर्सिंग होम पर लागू
लिस्ट के बाहर दवाइयां लिखने पर उनके खरीद मूल्य से 50 पर्सेंट से ज्यादा मुनाफा नहीं लिया जा सकेगा। ग्लब्स, सिरिंज जैसी कन्स्यूमबल व डिस्पोजेबल आइटम्स पर भी यही फॉर्म्युला लागू होगा। प्राइवेट अस्पताल अपने यहां से दवाइयां खरीदने को मजबूर नहीं कर सकेंगे। अस्पताल में अगर एक सर्जरी के बाद दूसरी सर्जरी की जरूरत पड़ेगी तो दूसरी सर्जरी के लिए अस्पताल 50 पर्सेंट रेट ही ले सकेगा।
इस ड्राफ्ट एडवाइजरी पर 30 दिनों तक पब्लिक के सुझाव लिए जाएंगे। फिर एलजी की मंजूरी से कानून बदलकर नोटिफिकेशन जारी होगा, जो दिल्ली के हर प्राइवेट अस्पताल और नर्सिंग होम पर लागू होगा।
दिल्ली सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों में दवाइयों से लेकर सर्जरी तक के मनमाने रेट वसूलने पर रोक लगाने के मकसद से प्रॉफिट कैपिंग पॉलिसी को लेकर ड्राफ्ट एडवाइजरी जारी की है। इसमें नियम है कि अस्पताल आने के छह घंटे में इमरजेंसी रूम या कैजुअल्टी में मरीज की मौत होगी तो 50 पर्सेंट बिल माफ करना होगा। 6 से 24 घंटे में मौत पर बिल का 20 पर्सेंट माफ करना होगा।
हेल्थ मिनिस्टर सत्येंद्र जैन ने बताया कि अस्पताल बिल न चुकाने की सूरत में डेडबॉडी देने से इनकार नहीं कर सकेंगे। प्राइवेट अस्पतालों को निर्देश दिए जाएंगे कि वे केंद्र सरकार की आवश्यक दवाओं की केंद्रीय लिस्ट (NLEM) में शामिल 376 दवाइयों में से ही मरीजों को दवाई लिखेंगे, जिनके रेट केंद्र सरकार फिक्स करती है।
सभी निजी अस्पताल, नर्सिंग होम पर लागू
लिस्ट के बाहर दवाइयां लिखने पर उनके खरीद मूल्य से 50 पर्सेंट से ज्यादा मुनाफा नहीं लिया जा सकेगा। ग्लब्स, सिरिंज जैसी कन्स्यूमबल व डिस्पोजेबल आइटम्स पर भी यही फॉर्म्युला लागू होगा। प्राइवेट अस्पताल अपने यहां से दवाइयां खरीदने को मजबूर नहीं कर सकेंगे। अस्पताल में अगर एक सर्जरी के बाद दूसरी सर्जरी की जरूरत पड़ेगी तो दूसरी सर्जरी के लिए अस्पताल 50 पर्सेंट रेट ही ले सकेगा।
इस ड्राफ्ट एडवाइजरी पर 30 दिनों तक पब्लिक के सुझाव लिए जाएंगे। फिर एलजी की मंजूरी से कानून बदलकर नोटिफिकेशन जारी होगा, जो दिल्ली के हर प्राइवेट अस्पताल और नर्सिंग होम पर लागू होगा।
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