Wednesday, March 7, 2018

DJB को फटकार- सीवर लाइन बनी यमुना, आपने क्या किया?

नई दिल्ली
नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (NGT) ने यमुना नदी की दुर्दशा पर चिंता जताते हुए दिल्ली जल बोर्ड (DJB) के जवाब पर उसे कड़ी फटकार लगाई है। दरअसल, बोर्ड ने कहा था कि यमुना में अमोनिया के उच्च स्तर के लिए हरियाणा जिम्मेदार है। इस पर NGT ने कहा कि यह नदी दिल्ली में एक नाले में तब्दील होकर रह गई है। जस्टिस जवाद रहीम की अध्यक्षता वाली पीठ ने DJB से पूछा कि उसने यमुना का पानी साफ करने के लिए क्या किया है?

ट्राइब्यूनल ने साफ कहा कि वह केवल नदी में प्रदूषण को लेकर चिंतित है, दोनों राज्यों के बीच जल बंटवारे के मुद्दे पर नहीं जा रहा है। पीठ ने टिप्पणी की, ‘आप यहां-वहां की बातें क्यों कर रहे हैं? हम केवल यमुना में प्रदूषण को लेकर चिंतित हैं। आप हमेशा एक नई योजना के साथ आ जाते हैं। हम पूरी यमुना की बात कर रहे हैं न कि अलग-अलग हिस्से की। हम यमुना को अलग-अलग हिस्सों में नहीं बांट रहे हैं क्योंकि यह सब एक पारिस्थितिकी तंत्र है।’

पीठ ने कहा, ‘आप चाहते हैं कि हरियाणा आपको ज्यादा पानी दे लेकिन यह बताइए कि आपने क्या किया है? आपके क्षेत्र में यमुना सीवर लाइन बन गई है।’ एक घंटे से ज्यादा चली कार्यवाही के दौरान DJB के वकील एच. एस. फुल्का ने कहा कि हरियाणा को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वह यमुना में ज्यादा पानी छोड़े और उसे कहा जाना चाहिए कि राष्ट्रीय राजधानी में आपूर्ति के लिए वह जल का शोधन करे।

वकील ने आगे कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में पेयजल की गंभीर समस्या है और हरियाणा या दिल्ली में यमुना नदी को प्रदूषित करने वाले उद्योगों को तुरंत निर्देश दिया जाना चाहिए। हरियाणा सरकार के वकील ने इसका विरोध किया और कहा कि DJB को आरोप-प्रत्यारोप में पड़ने के बजाए जल शोधन की क्षमता बढ़ानी चाहिए।

उन्होंने आरोप लगाया कि DJB ने ट्राइब्यूनल के आदेशों का पालन नहीं किया क्योंकि मुद्दे के समाधान के लिए आयोजित बैठक में इनके मुख्य सचिव ने हिस्सा नहीं लिया। 9 मार्च को भी इस मामले पर सुनवाई जारी रहेगी। इससे पहले NGT ने हरियाणा सरकार को यमुना नदी में अमोनिया एवं अन्य प्रदूषकों के मुद्दे के समाधान के लिए कार्ययोजना सौंपने को कहा था।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।


Read more: DJB को फटकार- सीवर लाइन बनी यमुना, आपने क्या किया?