नई दिल्ली
दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने लाभ के पद विवाद में फंसे आप के 20 विधायकों को मौजूदा बजट सत्र में हिस्सा लेने की मंजूरी दे दी है। उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट के मामले में आप के 20 विधायकों की अयोग्यता निरस्त करने के फैसले के बाद यह कदम उठाया।
विधानसभा में पहुंचने वाले पहले विधायकों में अलका लांबा और नितिन त्यागी शामिल थे। त्यागी के सदन में पहुंचने के साथ ही आप विधायकों ने 'भारत माता की जय' के नारे लगाए और अपनी मेजें थपथपा विधायकों का स्वागत किया। इसके थोड़ी ही देर बाद आप के अन्य विधायकों ने भी सदन में अपने सहयोगियों के साथ नारेबाजी करते हुए मेजें थपथपाईं।
हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, बने रहेंगे AAP के 20 विधायक
बता दें कि आम आदमी पार्टी (आप) को बड़ी राहत देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने लाभ के पद मामले में उसके 20 विधायकों को अयोग्य ठहराने वाली अधिसूचना को शुक्रवार को निरस्त कर दिया। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति चंद्रशेखर की पीठ ने कहा कि आप विधायकों को अयोग्य ठहराने वाली अधिसूचना कानूनन सही नहीं थी। हाई कोर्ट की पीठ ने उनका मामला फिर से सुनवाई के लिए चुनाव आयोग के पास भेज दिया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी आदेश का स्वागत करते हुए इसे 'सच्चाई की जीत' बताया।
दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने लाभ के पद विवाद में फंसे आप के 20 विधायकों को मौजूदा बजट सत्र में हिस्सा लेने की मंजूरी दे दी है। उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट के मामले में आप के 20 विधायकों की अयोग्यता निरस्त करने के फैसले के बाद यह कदम उठाया।
विधानसभा में पहुंचने वाले पहले विधायकों में अलका लांबा और नितिन त्यागी शामिल थे। त्यागी के सदन में पहुंचने के साथ ही आप विधायकों ने 'भारत माता की जय' के नारे लगाए और अपनी मेजें थपथपा विधायकों का स्वागत किया। इसके थोड़ी ही देर बाद आप के अन्य विधायकों ने भी सदन में अपने सहयोगियों के साथ नारेबाजी करते हुए मेजें थपथपाईं।
हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, बने रहेंगे AAP के 20 विधायक
बता दें कि आम आदमी पार्टी (आप) को बड़ी राहत देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने लाभ के पद मामले में उसके 20 विधायकों को अयोग्य ठहराने वाली अधिसूचना को शुक्रवार को निरस्त कर दिया। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति चंद्रशेखर की पीठ ने कहा कि आप विधायकों को अयोग्य ठहराने वाली अधिसूचना कानूनन सही नहीं थी। हाई कोर्ट की पीठ ने उनका मामला फिर से सुनवाई के लिए चुनाव आयोग के पास भेज दिया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी आदेश का स्वागत करते हुए इसे 'सच्चाई की जीत' बताया।
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