नई दिल्ली
ईस्ट दिल्ली और साउथ दिल्ली में पानी की व्यवस्था को सुधारने के लिए दिल्ली जल बोर्ड ने एक बड़ा प्रोजेक्ट तैयार किया है। इसके तहत ओखला वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट को नए सिरे से सुधारा जाएगा। इसे अपग्रेड किया जाएगा, ताकि हर स्थिति में वॉटर ट्रीटमेंट का काम चलता रहे। जल बोर्ड ने पूरा ले-आउट प्लान तैयार कर लिया है। जल बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि इस प्रॉजेक्ट पर 6 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। चूंकि यह बड़ा प्रोजेक्ट है, इसलिए पूरा करने में 1 से डेढ़ साल तक लगेगा। इसके साथ रैनीवेल को भी सुधारा जाएगा। ताकि दोनों जगह से पानी की सप्लाई बेहतर रहे।
ईस्ट दिल्ली के लक्ष्मी नगर, मयूर विहार, साउथ दिल्ली के ज्यादातर एरिया में पानी सप्लाई ओखला वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट से ही होती है। यहां यमुना के पानी को ट्रीट करके सप्लाई की जाती है। युमना में अमोनिया की लगातार बढ़ती मात्रा के चलते ज्यादातर प्लांट अपनी क्षमता से कम काम कर पा रहे हैं। इससे निपटने के लिए इन प्लांट को अपग्रेड करने की जरूरत है।
अधिकारियों का कहना है कि प्लांट के अपग्रेड हो जाने से अमोनिया की मात्रा बढ़ने पर भी काम प्रभावित नहीं होगा। साथ ही 12 एमजीडी अतिरिक्त पानी ट्रीट किया जा सकेगा। उम्मीद है कि अप्रैल से प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया जाएगा।
ईस्ट दिल्ली और साउथ दिल्ली में पानी की व्यवस्था को सुधारने के लिए दिल्ली जल बोर्ड ने एक बड़ा प्रोजेक्ट तैयार किया है। इसके तहत ओखला वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट को नए सिरे से सुधारा जाएगा। इसे अपग्रेड किया जाएगा, ताकि हर स्थिति में वॉटर ट्रीटमेंट का काम चलता रहे। जल बोर्ड ने पूरा ले-आउट प्लान तैयार कर लिया है। जल बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि इस प्रॉजेक्ट पर 6 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। चूंकि यह बड़ा प्रोजेक्ट है, इसलिए पूरा करने में 1 से डेढ़ साल तक लगेगा। इसके साथ रैनीवेल को भी सुधारा जाएगा। ताकि दोनों जगह से पानी की सप्लाई बेहतर रहे।
ईस्ट दिल्ली के लक्ष्मी नगर, मयूर विहार, साउथ दिल्ली के ज्यादातर एरिया में पानी सप्लाई ओखला वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट से ही होती है। यहां यमुना के पानी को ट्रीट करके सप्लाई की जाती है। युमना में अमोनिया की लगातार बढ़ती मात्रा के चलते ज्यादातर प्लांट अपनी क्षमता से कम काम कर पा रहे हैं। इससे निपटने के लिए इन प्लांट को अपग्रेड करने की जरूरत है।
अधिकारियों का कहना है कि प्लांट के अपग्रेड हो जाने से अमोनिया की मात्रा बढ़ने पर भी काम प्रभावित नहीं होगा। साथ ही 12 एमजीडी अतिरिक्त पानी ट्रीट किया जा सकेगा। उम्मीद है कि अप्रैल से प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया जाएगा।
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