नई दिल्ली
दिल्ली अवैध हथियारों का बड़ा गढ़ बनती जा रही है। हाल यह है कि यहां पिछले साल के मुकाबले इस साल दो गुना से भी अधिक अवैध हथियार पकड़े गए हैं। इनमें से अधिकतर अवैध हथियार मध्यप्रदेश के बुराहनपुर, सेंधवा, खरगोन और खांडवा इलाकों से दिल्ली लाए गए। जबकि कुछ हथियार बिहार के मुंगेर से भी दिल्ली लाए गए। इस साल 15 मार्च तक दिल्ली में पकड़े गए अवैध हथियारों के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो दिल्ली पुलिस ने हर दिन कम से कम पांच अवैध हथियारों को जब्त किया।
आंकड़े बताते हैं कि इस साल 15 मार्च तक अवैध हथियारों के दिल्ली में 303 मामले दर्ज हुए। इनमें 353 लोगों को गिरफ्तार करके इनके कब्जे से 413 रिवॉल्वर-पिस्तौल और 705 कारतूस समेत 73 अन्य हथियार पकड़े गए। इसी समय में पिछले साल 146 मुलजिमों को गिरफ्तार करके दिल्ली पुलिस ने मात्र 163 अवैध हथियारों को जब्त किया था। सूत्रों का कहना है कि पिछले कुछ समय से दिल्ली और एनसीआर में अवैध हथियारों की डिमांड में दो से तीन गुना बढ़ोतरी हुई है। इन्हें खरीदने वाले अधिकतर तो बदमाश ही हैं बाकी कुछ फार्महाउस मालिक, बिल्डर और फाइनेंस का बिजनेस करने वाले भी इन्हें खरीद रहे हैं।
स्पेशल सेल ने दावा किया है कि उसने पिछले एक साल में 600 से अधिक अवैध हथियारों को जब्त किया है। बताया जाता है कि मध्यप्रदेश और बिहार से दिल्ली-एनसीआर में अवैध हथियारों की सप्लाई करने वाले आठ बड़े गैंग की सेल ने पहचान की थी। इनमें से ईश्वर, रिछपाल, बलजीत और मेरठ के हाजी गैंग का सेल ने पूरी तरह से सफाया करने का दाव किया है। अब तीन और बड़े गैंग के बारे में पता लगा है जो की अवैध हथियारों की सप्लाई में लगे हुए हैं।
यह लोग एक अवैध पिस्तौल या रिवॉल्वर को एमपी और बिहार से आठ से 10 हजार रूपये में खरीदते हैं और दिल्ली लाकर उसे 25 से 30 हजार रूपये में बेचते हैं। यही नहीं लगातार हो रही गिरफ्तार के बाद इन्होंने अपने काम करने का तरीका भी बदला है। अब जो भी कैरियर दिल्ली अवैध हथियार लाता है। वह अपने साथ मोबाइल फोन नहीं रखता। इसके अलावा जिसे इन्हें हथियारों की सप्लाई करनी होती है। उसे भी यह एकदम से मिलते ही हथियार नहीं दे रहे हैं। पहले इस बात को यह लोग सुनिश्चित करते हैं कि कहीं उनके पीछे पुलिस तो नहीं लगी है। जब इन्हें एक-दो जगह बदलने पर यह यकीन हो जाता है कि उनके पीछे पुलिस नहीं है। तभी यह माल की डिलिवरी कर रहे हैं।
दिल्ली अवैध हथियारों का बड़ा गढ़ बनती जा रही है। हाल यह है कि यहां पिछले साल के मुकाबले इस साल दो गुना से भी अधिक अवैध हथियार पकड़े गए हैं। इनमें से अधिकतर अवैध हथियार मध्यप्रदेश के बुराहनपुर, सेंधवा, खरगोन और खांडवा इलाकों से दिल्ली लाए गए। जबकि कुछ हथियार बिहार के मुंगेर से भी दिल्ली लाए गए। इस साल 15 मार्च तक दिल्ली में पकड़े गए अवैध हथियारों के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो दिल्ली पुलिस ने हर दिन कम से कम पांच अवैध हथियारों को जब्त किया।
आंकड़े बताते हैं कि इस साल 15 मार्च तक अवैध हथियारों के दिल्ली में 303 मामले दर्ज हुए। इनमें 353 लोगों को गिरफ्तार करके इनके कब्जे से 413 रिवॉल्वर-पिस्तौल और 705 कारतूस समेत 73 अन्य हथियार पकड़े गए। इसी समय में पिछले साल 146 मुलजिमों को गिरफ्तार करके दिल्ली पुलिस ने मात्र 163 अवैध हथियारों को जब्त किया था। सूत्रों का कहना है कि पिछले कुछ समय से दिल्ली और एनसीआर में अवैध हथियारों की डिमांड में दो से तीन गुना बढ़ोतरी हुई है। इन्हें खरीदने वाले अधिकतर तो बदमाश ही हैं बाकी कुछ फार्महाउस मालिक, बिल्डर और फाइनेंस का बिजनेस करने वाले भी इन्हें खरीद रहे हैं।
स्पेशल सेल ने दावा किया है कि उसने पिछले एक साल में 600 से अधिक अवैध हथियारों को जब्त किया है। बताया जाता है कि मध्यप्रदेश और बिहार से दिल्ली-एनसीआर में अवैध हथियारों की सप्लाई करने वाले आठ बड़े गैंग की सेल ने पहचान की थी। इनमें से ईश्वर, रिछपाल, बलजीत और मेरठ के हाजी गैंग का सेल ने पूरी तरह से सफाया करने का दाव किया है। अब तीन और बड़े गैंग के बारे में पता लगा है जो की अवैध हथियारों की सप्लाई में लगे हुए हैं।
यह लोग एक अवैध पिस्तौल या रिवॉल्वर को एमपी और बिहार से आठ से 10 हजार रूपये में खरीदते हैं और दिल्ली लाकर उसे 25 से 30 हजार रूपये में बेचते हैं। यही नहीं लगातार हो रही गिरफ्तार के बाद इन्होंने अपने काम करने का तरीका भी बदला है। अब जो भी कैरियर दिल्ली अवैध हथियार लाता है। वह अपने साथ मोबाइल फोन नहीं रखता। इसके अलावा जिसे इन्हें हथियारों की सप्लाई करनी होती है। उसे भी यह एकदम से मिलते ही हथियार नहीं दे रहे हैं। पहले इस बात को यह लोग सुनिश्चित करते हैं कि कहीं उनके पीछे पुलिस तो नहीं लगी है। जब इन्हें एक-दो जगह बदलने पर यह यकीन हो जाता है कि उनके पीछे पुलिस नहीं है। तभी यह माल की डिलिवरी कर रहे हैं।
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