Thursday, March 1, 2018

दिल्ली में हर महीने पॉक्सो के तहत 7 केस दर्ज

नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस हर महीने पॉक्सो ऐक्ट के तहत 7 केस दर्ज करती है। अधिकारियों ने बताया कि शहर की सामाजिक-आर्थिक असमानता के कारण बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा में तेजी आई है। बाल यौन हिंसा के मुद्दों से निपट रहे पुलिस अधिकारियों की शिकायत है कि माता-पिता अपने काम के कारण बच्चों की गतिविधियों से अनजान रहते हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, 'उन मामलों में जिनमें माता-पिता काम पर जाते हैं, बच्चों को पड़ोसियों और जानकारों के भरोसे छोड़ दिया जाता है। ऐसे में खराब मानसिकता के लोगों के लिए यह अवसर की तरह होता है।'

पुलिस का दावा है कि पॉक्सो मामलों में अपराधियों को 24 घंटे के भीतर सामान्यतः गिरफ्तार कर लिया जाता है। जागरूकता के कारण ऐसे अपराधों को दर्ज कराने में जहां तेजी आई है, वहीं कई मामलों में ऐसे अपराधों की अनदेखी कर दी जाती है क्योंकि अपराधी बच्चों का जानकार, पड़ोसी या रिश्तेदार होते हैं। पुलिस का कहना है कि ऐसे अपराधों में 90 प्रतिशत जानकार शामिल होते हैं।

अध्ययन के मुताबिक, 35 प्रतिशत लोग प्रभावशाली व्यक्ति जैसे शिक्षक या परिवार के बड़े सदस्य होते हैं। उनका प्रभाव इस कदर होता है कि वे बच्चों को डराकर चुप करा देते हैं। अध्ययन बताता है कि एनजीओ द्वारा काउंसलिंग किए गए 90 प्रतिशत ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें बच्चों ने अपने साथ हुए अपराध के बारे में तब तक नहीं बोला है जब तक खुद उनके माता-पिता को इसकी जानकारी नहीं हुई है।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।


Read more: दिल्ली में हर महीने पॉक्सो के तहत 7 केस दर्ज