वरिष्ठ संवाददाता, नई दिल्ली
राजधानी में पिछले साल दिसंबर से शुरू हुई सीलिंग में सबसे बड़ी कार्रवाई गुरुवार को हुई। साउथ दिल्ली के लाजपत नगर की अमर कॉलोनी, ग्रेटर कैलाश-2 और वेस्ट जोन को मिलाकर ही करीब 400 प्रॉपर्टियां सील कर दी गईं। ईस्ट और नॉर्थ एमसीडी एरिया के रेजिडेंशल इलाकों में स्टिल्ट पार्किंग नियमों के उल्लंघन पर 72 प्रॉपर्टियों को सील किया गया।
मॉनिटरिंग कमिटी के निर्देश पर हुई कार्रवाई में अमर कॉलोनी मार्केट ज्यादा निशाने पर रही। करीब 200 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी, फिर भी दुकानदारों ने जमकर विरोध किया। सीलिंग टीम का ऐक्शन शुरू होते ही सभी दुकानदारों ने एकसाथ दुकानें बंद कर दीं और मार्केट में आकर विरोध जताने लगे। मामला इतना बढ़ा कि पुलिस को बल प्रयोग कर लोगों को काबू करना पड़ा। हंगामे में एक दुकानदार का सिर फट गया। कई अन्य लोगों के हाथ और पैर में चोटें आईं। मार्केट में अपनी दुकानों को सील होते देख कई महिला दुकानदार बेहोश हो गईं।
अमर कॉलोनी मार्केट, ग्रेटर कैलाश-2 और वेस्ट जोन के रेजिडेंशल इलाकों में 350 दुकानों और 33 स्टिल्ट पार्किंग में बने निर्माण को सील किया गया। ईस्ट में आनंद विहार में 13, गांधी नगर में 11, शकरपुर में 6 और पांडव नगर में 2 जगह कार्रवाई हुई।
(कुछ महिला व्यापारी तो बेहोश तक हो गईं)
...तो आज हो सकती है और बड़ी कार्रवाई
पिछले साल 15 दिसंबर से दिल्ली में सीलिंग की कार्रवाई शुरु होने के 83 दिनों में गुरुवार को सबसे बड़ी कार्रवाई की गई। इस दिन नॉर्थ, साउथ और ईस्ट दिल्ली में 455 प्रॉपर्टी सील की गईं। विरोध में दुकानदारों ने भारी हंगामा किया और कई लोगों को चोटें भी आईं। सिर्फ अमर कॉलोनी मार्केट में ही 350 दुकानें सील की गईं। अफसरों का कहना है कि शुक्रवार को पर्याप्त संख्या में अगर पुलिसवाले उपलब्ध हो गए, तो बड़ी कार्रवाई हो सकती है। अमर कॉलोनी मार्केट में प्रॉपर्टी मिस यूज और अतिक्रमण के खिलाफ सीलिंग की गई। जैसे ही यहां सीलिंग शुरू हुई, दुकानदारों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। दुकानदारों की शिकायत थी कि वे पिछले 10 सालों से कन्वर्जन चार्ज और अन्य चार्ज भुगतान कर रहे हैं। ऐसे में उनकी दुकानें क्यों सील की जा रही हैं?
यहां तक कि उन्हें नोटिस भी नहीं दिया गया और सामान निकालने का मौका भी एमसीडी ने नहीं दिया। लाखों का माल दुकान में पड़ा है। ऐसे में जो उनका नुकसान होगा, उसकी भरपाई कौन करेगा? गुस्साए दुकानदारों ने एक बार सड़क जाम करने की कोशिश भी की, लेकिन पुलिस ने तुरंत उन्हें वहां से हटा दिया।
राजधानी में पिछले साल दिसंबर से शुरू हुई सीलिंग में सबसे बड़ी कार्रवाई गुरुवार को हुई। साउथ दिल्ली के लाजपत नगर की अमर कॉलोनी, ग्रेटर कैलाश-2 और वेस्ट जोन को मिलाकर ही करीब 400 प्रॉपर्टियां सील कर दी गईं। ईस्ट और नॉर्थ एमसीडी एरिया के रेजिडेंशल इलाकों में स्टिल्ट पार्किंग नियमों के उल्लंघन पर 72 प्रॉपर्टियों को सील किया गया।
मॉनिटरिंग कमिटी के निर्देश पर हुई कार्रवाई में अमर कॉलोनी मार्केट ज्यादा निशाने पर रही। करीब 200 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी, फिर भी दुकानदारों ने जमकर विरोध किया। सीलिंग टीम का ऐक्शन शुरू होते ही सभी दुकानदारों ने एकसाथ दुकानें बंद कर दीं और मार्केट में आकर विरोध जताने लगे। मामला इतना बढ़ा कि पुलिस को बल प्रयोग कर लोगों को काबू करना पड़ा। हंगामे में एक दुकानदार का सिर फट गया। कई अन्य लोगों के हाथ और पैर में चोटें आईं। मार्केट में अपनी दुकानों को सील होते देख कई महिला दुकानदार बेहोश हो गईं।
अमर कॉलोनी मार्केट, ग्रेटर कैलाश-2 और वेस्ट जोन के रेजिडेंशल इलाकों में 350 दुकानों और 33 स्टिल्ट पार्किंग में बने निर्माण को सील किया गया। ईस्ट में आनंद विहार में 13, गांधी नगर में 11, शकरपुर में 6 और पांडव नगर में 2 जगह कार्रवाई हुई।
(कुछ महिला व्यापारी तो बेहोश तक हो गईं)
...तो आज हो सकती है और बड़ी कार्रवाई
पिछले साल 15 दिसंबर से दिल्ली में सीलिंग की कार्रवाई शुरु होने के 83 दिनों में गुरुवार को सबसे बड़ी कार्रवाई की गई। इस दिन नॉर्थ, साउथ और ईस्ट दिल्ली में 455 प्रॉपर्टी सील की गईं। विरोध में दुकानदारों ने भारी हंगामा किया और कई लोगों को चोटें भी आईं। सिर्फ अमर कॉलोनी मार्केट में ही 350 दुकानें सील की गईं। अफसरों का कहना है कि शुक्रवार को पर्याप्त संख्या में अगर पुलिसवाले उपलब्ध हो गए, तो बड़ी कार्रवाई हो सकती है। अमर कॉलोनी मार्केट में प्रॉपर्टी मिस यूज और अतिक्रमण के खिलाफ सीलिंग की गई। जैसे ही यहां सीलिंग शुरू हुई, दुकानदारों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। दुकानदारों की शिकायत थी कि वे पिछले 10 सालों से कन्वर्जन चार्ज और अन्य चार्ज भुगतान कर रहे हैं। ऐसे में उनकी दुकानें क्यों सील की जा रही हैं?
यहां तक कि उन्हें नोटिस भी नहीं दिया गया और सामान निकालने का मौका भी एमसीडी ने नहीं दिया। लाखों का माल दुकान में पड़ा है। ऐसे में जो उनका नुकसान होगा, उसकी भरपाई कौन करेगा? गुस्साए दुकानदारों ने एक बार सड़क जाम करने की कोशिश भी की, लेकिन पुलिस ने तुरंत उन्हें वहां से हटा दिया।
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