नई दिल्ली
नॉर्थ, साउथ और ईस्ट एमसीडी स्कूलों में पढ़ने वाले तीसरी और पांचवी क्लास के बच्चे हिंदी और गणित में बेहद ही कमजोर हैं। यह खुलासा एनसीईआरटी के नैशनल अचीवमेंट सर्वे रिपोर्ट से हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले करीब 53 प्रतिशत और पांचवी में पढ़ने वाले करीब 44 प्रतिशत बच्चे इन दोनों विषयों में कमजोर हैं। इस रिपोर्ट के आधार पर अब साउथ एमसीडी ने बच्चों की हिंदी और गणित विषयों में मजबूत बनाने के लिए नई रणनीति बनाई है।
साउथ एमसीडी मेयर कमलजीत सहरावत के अनुसार, टेस्ट में पाया गया कि साउथ जिले में स्थित एमसीडी स्कूलों में पढ़ने वाले तीसरी क्लास के 45.24, वेस्ट में 57.06, सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट में 45.36, पूर्वी दिल्ली में 57.09, नई दिल्ली में 58.08, नॉर्थ दिल्ली में 53.72, नॉर्थ- ईस्ट दिल्ली में 51.52, नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली में 50.85 और साउथ-वेस्ट दिल्ली में 53.36 प्रतिशत बच्चे गणित में कमजोर हैं। इसी तरह से इन जिलों में पांचवी में पढ़ने वाले करीब 44 प्रतिशत बच्चे गणित में कमजोर हैं।
स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि तीसरी क्लास के करीब 57 प्रतिशत बच्चे हिंदी में कमजोर पाए गए। इसमें से ईस्ट और नई दिल्ली के एमसीडी स्कूलों में पढ़ने वाले 62 प्रतिशत बच्चे हिंदी में कमजोर पाए गए हैं। इन स्कूलों में पढ़ने वाले पांचवी के 52 प्रतिशत बच्चे हिंदी में कमजोर पाए गए।
मेयर ने बताया कि अब साउथ एमसीडी ने 'बुनियादी प्रोजेक्ट' तैयार किया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत 26 और 28 फरवरी को एमसीडी स्कूलों के टीचर्स को ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वे बच्चों को बेहतर शिक्षा दे सकें। मार्च में दूसरी, तीसरी और चौथी क्लास के बच्चों का परफॉर्मेंस टेस्ट लिया जाएगा और इस आधार पर उन्हें तीन कैटिगरी में रखा जाएगा। पहला उज्जवल, दूसरा उत्कर्ष और तीसरा उद्यम होगा। इसी आधार पर इन तीनों कैटिगरी में शामिल छात्रों की शिक्षा में सुधार किया जाएगा।
नॉर्थ, साउथ और ईस्ट एमसीडी स्कूलों में पढ़ने वाले तीसरी और पांचवी क्लास के बच्चे हिंदी और गणित में बेहद ही कमजोर हैं। यह खुलासा एनसीईआरटी के नैशनल अचीवमेंट सर्वे रिपोर्ट से हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले करीब 53 प्रतिशत और पांचवी में पढ़ने वाले करीब 44 प्रतिशत बच्चे इन दोनों विषयों में कमजोर हैं। इस रिपोर्ट के आधार पर अब साउथ एमसीडी ने बच्चों की हिंदी और गणित विषयों में मजबूत बनाने के लिए नई रणनीति बनाई है।
साउथ एमसीडी मेयर कमलजीत सहरावत के अनुसार, टेस्ट में पाया गया कि साउथ जिले में स्थित एमसीडी स्कूलों में पढ़ने वाले तीसरी क्लास के 45.24, वेस्ट में 57.06, सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट में 45.36, पूर्वी दिल्ली में 57.09, नई दिल्ली में 58.08, नॉर्थ दिल्ली में 53.72, नॉर्थ- ईस्ट दिल्ली में 51.52, नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली में 50.85 और साउथ-वेस्ट दिल्ली में 53.36 प्रतिशत बच्चे गणित में कमजोर हैं। इसी तरह से इन जिलों में पांचवी में पढ़ने वाले करीब 44 प्रतिशत बच्चे गणित में कमजोर हैं।
स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि तीसरी क्लास के करीब 57 प्रतिशत बच्चे हिंदी में कमजोर पाए गए। इसमें से ईस्ट और नई दिल्ली के एमसीडी स्कूलों में पढ़ने वाले 62 प्रतिशत बच्चे हिंदी में कमजोर पाए गए हैं। इन स्कूलों में पढ़ने वाले पांचवी के 52 प्रतिशत बच्चे हिंदी में कमजोर पाए गए।
मेयर ने बताया कि अब साउथ एमसीडी ने 'बुनियादी प्रोजेक्ट' तैयार किया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत 26 और 28 फरवरी को एमसीडी स्कूलों के टीचर्स को ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वे बच्चों को बेहतर शिक्षा दे सकें। मार्च में दूसरी, तीसरी और चौथी क्लास के बच्चों का परफॉर्मेंस टेस्ट लिया जाएगा और इस आधार पर उन्हें तीन कैटिगरी में रखा जाएगा। पहला उज्जवल, दूसरा उत्कर्ष और तीसरा उद्यम होगा। इसी आधार पर इन तीनों कैटिगरी में शामिल छात्रों की शिक्षा में सुधार किया जाएगा।
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Read more: MCD स्कूलों के 57 प्रतिशत बच्चे हिंदी में कमजोर: सर्वे