Tuesday, February 13, 2018

सिर्फ इंडिगो का नहीं हो सकता IGI टर्मिनल-1: HC

नई दिल्ली
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे (आईजीआई) के टर्मिनल-एक (टी-1) को अलग से केवल इंडिगो एयरलाइंस को नहीं दिया जा सकता। न्यायालय ने कहा केवल इस आधार पर कि यह किसी खास उद्यमी के अनुकूल है इसे इस्तेमाल के लिये अलग से नहीं दिया जा सकता और न ही वह विमानन कंपनी इस उड्डयन टर्मिनल पर अपने एकाधिकार का दावा कर सकती है।

अदालत ने कहा कि दिल्ली इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) के इंडिगो के उड़ान संचालन कार्य को आंशिक रूप से टी-1 से टी- 2 में स्थानांतरित करने को केवल इस आधार पर अकारण नहीं ठहराया जा सकता कि इससे संबंधित एयरलाइन को परेशानी होगी।

न्यायमूर्ति हीमा कोहली और रेखा पाली की पीठ ने मामले में डायल के निर्णय को सही ठहराने वाले एकल न्यायधीश के फैसले को बरकरार रखा है। पीठ ने इंडिगो की इस दलील को खारिज कर दिया जिसमें उसने कहा कि टी-1 को विशेष रूप से उसके विमान परिचालन के लिये दिया जाना चाहिए जबकि सस्ती विमान सेवा स्पाइसजेट को उसका पूरा परिचालन टी-2 में स्थानांतरित करने को कहा जाना चाहिए।

पीठ ने कहा कि यह सुझाव इंडिगो के अपने वाणिज्यक विचार पर आधारित हो सकता है इसमें आम जनता के फायदे को नहीं देखा गया है। पीठ ने इंडिगो की दलील पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि डायल ने जिस बदलाव का निर्देश दिया है वह अस्थाई उपाय है। एक बार टी-1 का उन्नयन कार्य पूरा हो जाने के बाद सभी एयरलाइनों को पूरी क्षमता के साथ अपनी उड़ाने संचालित करने का मौका मिल जाएगा।

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