नई दिल्ली
दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को आम आदमी पार्टी सरकार से कहा कि वह स्टैंडर्ड फ्लोर बस खरीदने की निविदा पर आगे नहीं बढ़ाए। अदालत ने कहा कि वह खरीद को मंजूरी नहीं देगी क्योंकि इससे दिव्यांगों के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन होगा जिन्हें इस तरह के वाहनों में सवारी करने में दिक्कत होती है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की पीठ ने स्पष्ट किया कि वे 'स्टैंडर्ड फ्लोर बसों के लिए निविदा को अनुमति नहीं देंगे।' पीठ निपुण मल्होत्रा की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी जो लोकोमोटर दिव्यांगता से पीड़ित हैं।
उन्होंने 300 करोड़ रुपये की लागत से दो हजार स्टैंडर्ड बस खरीदने के दिल्ली सरकार के कदम को चुनौती दी है। याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए वकील जय देहाद्राई ने पीठ से अपील की कि स्टैंडर्ड फ्लोर बसों की खरीद के लिए जारी निविदा पर रोक लगाई जाए।
दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को आम आदमी पार्टी सरकार से कहा कि वह स्टैंडर्ड फ्लोर बस खरीदने की निविदा पर आगे नहीं बढ़ाए। अदालत ने कहा कि वह खरीद को मंजूरी नहीं देगी क्योंकि इससे दिव्यांगों के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन होगा जिन्हें इस तरह के वाहनों में सवारी करने में दिक्कत होती है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की पीठ ने स्पष्ट किया कि वे 'स्टैंडर्ड फ्लोर बसों के लिए निविदा को अनुमति नहीं देंगे।' पीठ निपुण मल्होत्रा की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी जो लोकोमोटर दिव्यांगता से पीड़ित हैं।
उन्होंने 300 करोड़ रुपये की लागत से दो हजार स्टैंडर्ड बस खरीदने के दिल्ली सरकार के कदम को चुनौती दी है। याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए वकील जय देहाद्राई ने पीठ से अपील की कि स्टैंडर्ड फ्लोर बसों की खरीद के लिए जारी निविदा पर रोक लगाई जाए।
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