नई दिल्ली
अगर आप दिल्ली मेट्रो में महिलाओं से घिरे खड़े हैं और उनमें से एक बेहोश होने लगती है तो आपको अपना कीमती सामान संभाल लेना चाहिए। दिल्ली मेट्रो पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। दो ऐसे गैंग्स को गिरफ्तार किया गया है जो अधिकतर महिला कोच में सक्रिय रहते थे। बड़ी सफाई से ये गैंग लोगों के कीमती सामान उड़ा देते थे और पता भी नहीं चलता था।
पुलिस ने बताया, 'यह गैंग 3 से 10 महिलाओं के साथ काम करता है। इनमें से कुछ के पास बच्चे भी होते हैं ताकि कोई उनपर शक न करे। वे भीड़ का फायदा उठाकर अपने शिकार के पास जाती हैं और कीमती सामान उड़ा देती हैं। इसके बाद वे सामान को दूसरी महिला को दे देती हैं ताकि उन्हें कोई पकड़ न पाए। पुलिस की नजरों से बचने के लिए ये महिलाएं अलग-अलग मेट्रो स्टेशन पर एक-एक करके उतरती हैं।' चोरी करने वाली इन महिलाओं के पति कोई काम नहीं करते हैं। चोरी के ज्यादातर मामले इंटरचेंज वाले स्टेशन्स पर सामने आए हैं। इनमें राजीव चौक और कश्मीरी गेट शामिल हैं।
ये चोरनियां कई बार बच्चों को भी अपने साथ रखती हैं और दूध पिलाने का नाटक करते हुए बच्चों पर कपड़ा डाले रहती हैं। इसी दौरान वे कामती सामान चुराकर कपड़े के नीचे छिपा लेती हैं। गिरफ्तार किए गए एक गैंग के पास से सोने और हीरे की जूलरी समेत लगभग 25 लाख रुपये बरामद किए गए हैं। इनमें से एक गैंग की सभी महिलाएं कठपुतली कॉलोनी में रहती हैं।
अपराध की दुनिया में नई-नई आईं दो महिलाओं को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है जिनकी उम्र 25 और 22 साल है। उनको 30 साल की लक्ष्मी नाम की महिला ने इसकी ट्रेनिंग दी। उनको गिरफ्तार करके 15 लाख की जूलरी बरामद की गई है। कठपुतली कॉलोनी की महिलाएं कुछ साल पहले जेब काटने वाली महिलाओं के संपर्क में आईं। लक्ष्मी को चोरी करने के तरीके पता थे लेकिन उसे पकड़े जाने का डर था। उसने अपने गैंग में 10 महिलाओं को शामिल किया। इसके बाद मेट्रों में उसने बाकी महिलाओं को चोरी करने की ट्रेनिंग दी।
शुक्रवार को गुरुविंदर सिंह ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई कि उनकी जूलरी चोरी हुई है। DCP (मेट्रो) ने स्टेशन्स के सीसीटीवी फुटेज देखे। पुलिस ने गैंग की सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि चोरी करने वाली ये महिलाएं महाराष्ट्र की हैं और कुछ साल से दिल्ली में रह रही हैं। वे झुग्गी में रहती हैं और कमाने का कोई जरिया न होने की वजह से चोरी करती हैं। बीते साल मेट्रो पुलिस में लगभग 11,000 FIR दर्ज कराई गई हैं।
अगर आप दिल्ली मेट्रो में महिलाओं से घिरे खड़े हैं और उनमें से एक बेहोश होने लगती है तो आपको अपना कीमती सामान संभाल लेना चाहिए। दिल्ली मेट्रो पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। दो ऐसे गैंग्स को गिरफ्तार किया गया है जो अधिकतर महिला कोच में सक्रिय रहते थे। बड़ी सफाई से ये गैंग लोगों के कीमती सामान उड़ा देते थे और पता भी नहीं चलता था।
पुलिस ने बताया, 'यह गैंग 3 से 10 महिलाओं के साथ काम करता है। इनमें से कुछ के पास बच्चे भी होते हैं ताकि कोई उनपर शक न करे। वे भीड़ का फायदा उठाकर अपने शिकार के पास जाती हैं और कीमती सामान उड़ा देती हैं। इसके बाद वे सामान को दूसरी महिला को दे देती हैं ताकि उन्हें कोई पकड़ न पाए। पुलिस की नजरों से बचने के लिए ये महिलाएं अलग-अलग मेट्रो स्टेशन पर एक-एक करके उतरती हैं।' चोरी करने वाली इन महिलाओं के पति कोई काम नहीं करते हैं। चोरी के ज्यादातर मामले इंटरचेंज वाले स्टेशन्स पर सामने आए हैं। इनमें राजीव चौक और कश्मीरी गेट शामिल हैं।
ये चोरनियां कई बार बच्चों को भी अपने साथ रखती हैं और दूध पिलाने का नाटक करते हुए बच्चों पर कपड़ा डाले रहती हैं। इसी दौरान वे कामती सामान चुराकर कपड़े के नीचे छिपा लेती हैं। गिरफ्तार किए गए एक गैंग के पास से सोने और हीरे की जूलरी समेत लगभग 25 लाख रुपये बरामद किए गए हैं। इनमें से एक गैंग की सभी महिलाएं कठपुतली कॉलोनी में रहती हैं।
अपराध की दुनिया में नई-नई आईं दो महिलाओं को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है जिनकी उम्र 25 और 22 साल है। उनको 30 साल की लक्ष्मी नाम की महिला ने इसकी ट्रेनिंग दी। उनको गिरफ्तार करके 15 लाख की जूलरी बरामद की गई है। कठपुतली कॉलोनी की महिलाएं कुछ साल पहले जेब काटने वाली महिलाओं के संपर्क में आईं। लक्ष्मी को चोरी करने के तरीके पता थे लेकिन उसे पकड़े जाने का डर था। उसने अपने गैंग में 10 महिलाओं को शामिल किया। इसके बाद मेट्रों में उसने बाकी महिलाओं को चोरी करने की ट्रेनिंग दी।
शुक्रवार को गुरुविंदर सिंह ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई कि उनकी जूलरी चोरी हुई है। DCP (मेट्रो) ने स्टेशन्स के सीसीटीवी फुटेज देखे। पुलिस ने गैंग की सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि चोरी करने वाली ये महिलाएं महाराष्ट्र की हैं और कुछ साल से दिल्ली में रह रही हैं। वे झुग्गी में रहती हैं और कमाने का कोई जरिया न होने की वजह से चोरी करती हैं। बीते साल मेट्रो पुलिस में लगभग 11,000 FIR दर्ज कराई गई हैं।
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