नई दिल्ली
शुक्रवार शाम दिल्ली में दो चांद दिख रहे थे। खास बात यह है कि इनमें से एक को लोग छूकर भी देख सकते हैं। ब्रिटिश काउंसिल में कलाकार ल्यूक जेरम ने 'म्यूजियम ऑफ द मून' प्रदर्शनी की शुरुआत की। उन्होंने 23 फुट का चांद बनाया है जो NASA को मिली चांद की तस्वीरों से हूबहू मिलता है। इसकी सतह भी बिल्कुल चांद की तरह है। यह चांद 1 मार्च तक देखा जा सकता है। इससे पहले मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया और कोलकाता में विक्टोरिया में स्मारक पर इसका प्रदर्शन किया गया।
शुक्रवार को लोग इस कला को देखने पहुंचे। यहां सेल्फी लेने के लिए एक सेल्फी पॉइन्ट भी बनाया गया है। पोज देने के लिए ऐस्ट्रोनॉट का कटआउट भी लगाया गया है। चंद्रमा पर यान उतरने की आवाज भी बैकग्राउंड से सुनाई देती है। एक छात्र क्षितिज सक्सेना ने बताया, 'जब मैं यहां से गुजर रहा था तो इस चांद ने हमें आकर्षित किया और हमने यहां अपने दोस्तों के साथ फोटो खिंचाया।'
यूके-भारत के सांस्कृतिक वर्ष के आखिरी दिनों में ब्रिटिश काउंसिल ने यह चांद लोगों के लिए लगाया है। यह वास्तविक चांद से 5 लाख गुना छोटा है। इसे लगभग 1:5,00,000 की स्केल में बनाया गया है। इसका गोल आकार चंद्रमा की 5 किलोमीटर की सतह को दिखाता है। यह वास्तविक चंद्रमा की तरह बढ़ता-घटता भी है।
शुक्रवार शाम दिल्ली में दो चांद दिख रहे थे। खास बात यह है कि इनमें से एक को लोग छूकर भी देख सकते हैं। ब्रिटिश काउंसिल में कलाकार ल्यूक जेरम ने 'म्यूजियम ऑफ द मून' प्रदर्शनी की शुरुआत की। उन्होंने 23 फुट का चांद बनाया है जो NASA को मिली चांद की तस्वीरों से हूबहू मिलता है। इसकी सतह भी बिल्कुल चांद की तरह है। यह चांद 1 मार्च तक देखा जा सकता है। इससे पहले मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया और कोलकाता में विक्टोरिया में स्मारक पर इसका प्रदर्शन किया गया।
शुक्रवार को लोग इस कला को देखने पहुंचे। यहां सेल्फी लेने के लिए एक सेल्फी पॉइन्ट भी बनाया गया है। पोज देने के लिए ऐस्ट्रोनॉट का कटआउट भी लगाया गया है। चंद्रमा पर यान उतरने की आवाज भी बैकग्राउंड से सुनाई देती है। एक छात्र क्षितिज सक्सेना ने बताया, 'जब मैं यहां से गुजर रहा था तो इस चांद ने हमें आकर्षित किया और हमने यहां अपने दोस्तों के साथ फोटो खिंचाया।'
यूके-भारत के सांस्कृतिक वर्ष के आखिरी दिनों में ब्रिटिश काउंसिल ने यह चांद लोगों के लिए लगाया है। यह वास्तविक चांद से 5 लाख गुना छोटा है। इसे लगभग 1:5,00,000 की स्केल में बनाया गया है। इसका गोल आकार चंद्रमा की 5 किलोमीटर की सतह को दिखाता है। यह वास्तविक चंद्रमा की तरह बढ़ता-घटता भी है।
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