नई दिल्ली
सड़क हादसे, एसिड अटैक और थर्मल बर्न के पीड़ितों का दिल्ली में रजिस्टर्ड सभी प्राइवेट नर्सिंग होम्स और निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज करने के संबंध में औपचारिक आदेश जारी कर दिया गया है। इलाज का पूरा खर्चा दिल्ली सरकार उठाएगी, जिसके लिए दिल्ली आरोग्य कोष की स्थापना की गई है।
दिल्ली सरकार के डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विसेज और दिल्ली आरोग्य कोष के मेंबर सेक्रटरी डॉ. कीर्ति भूषण ने गुरुवार को इस बारे में ऑफिस मेमो जारी कर दिया है। इसमें यह भी साफ कर दिया है कि अगर हादसा दिल्ली में हुआ हो और दिल्ली पुलिस के कार्यक्षेत्र के तहत आता हो, तभी इलाज मुफ्त किया जाएगा। भले ही ऐसे लोग समाज के किसी भी तबके के हों और उनकी इनकम कितनी भी ज्यादा या कम क्यों ना हो। पीड़ित को वेरिफिकेशन या योग्यता के लिए इलाज कराने से पहले कोई दस्तावेज दिखाने की भी जरूरत नहीं होगी।
खास बात यह है कि इलाज के लिए मरीज को पहले जिस हॉस्पिटल में ले जाया जाएगा, वहां सुविधाएं या या विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं होने पर दूसरे हॉस्पिटल में शिफ्ट करने के लिए ऐम्बुलेंस का इंतजाम भी करके देना होगा। यानी अस्पताल मरीज को दूसरे हॉस्पिटल में ले जाने की बात कहकर टरका नहीं सकते।
मरीज के इलाज में हुए खर्च को वसूलने के लिए अस्पतालों और नर्सिंग होम्स को दिल्ली आरोग्य कोष के साथ एक अग्रीमेंट करना होगा। इसी के बाद पहले से तय रेट्स के आधार पर पेमेंट किया जाएगा। दिल्ली सरकार की नई फसिलिटी से उन लोगों को फायदा होगा, जो इलाज का खर्च उठाने में सक्षम नहीं हैं। हादसे के घायलों की मदद करने वाले भी नहीं झिझकेंगे।
सड़क हादसे, एसिड अटैक और थर्मल बर्न के पीड़ितों का दिल्ली में रजिस्टर्ड सभी प्राइवेट नर्सिंग होम्स और निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज करने के संबंध में औपचारिक आदेश जारी कर दिया गया है। इलाज का पूरा खर्चा दिल्ली सरकार उठाएगी, जिसके लिए दिल्ली आरोग्य कोष की स्थापना की गई है।
दिल्ली सरकार के डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विसेज और दिल्ली आरोग्य कोष के मेंबर सेक्रटरी डॉ. कीर्ति भूषण ने गुरुवार को इस बारे में ऑफिस मेमो जारी कर दिया है। इसमें यह भी साफ कर दिया है कि अगर हादसा दिल्ली में हुआ हो और दिल्ली पुलिस के कार्यक्षेत्र के तहत आता हो, तभी इलाज मुफ्त किया जाएगा। भले ही ऐसे लोग समाज के किसी भी तबके के हों और उनकी इनकम कितनी भी ज्यादा या कम क्यों ना हो। पीड़ित को वेरिफिकेशन या योग्यता के लिए इलाज कराने से पहले कोई दस्तावेज दिखाने की भी जरूरत नहीं होगी।
खास बात यह है कि इलाज के लिए मरीज को पहले जिस हॉस्पिटल में ले जाया जाएगा, वहां सुविधाएं या या विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं होने पर दूसरे हॉस्पिटल में शिफ्ट करने के लिए ऐम्बुलेंस का इंतजाम भी करके देना होगा। यानी अस्पताल मरीज को दूसरे हॉस्पिटल में ले जाने की बात कहकर टरका नहीं सकते।
मरीज के इलाज में हुए खर्च को वसूलने के लिए अस्पतालों और नर्सिंग होम्स को दिल्ली आरोग्य कोष के साथ एक अग्रीमेंट करना होगा। इसी के बाद पहले से तय रेट्स के आधार पर पेमेंट किया जाएगा। दिल्ली सरकार की नई फसिलिटी से उन लोगों को फायदा होगा, जो इलाज का खर्च उठाने में सक्षम नहीं हैं। हादसे के घायलों की मदद करने वाले भी नहीं झिझकेंगे।
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