प्रमुख संवाददाता, नई दिल्ली
सेकंड क्लास में पढ़ने वाली सात साल की बच्ची नैन्सी घर से स्कूल की पिकनिक पर जाने के लिए तैयार होकर आई थी। टीचर्स उसे क्लासरूम के अंदर ही बैठा हुआ छोड़ गए। स्कूल के चौकीदार ने भी क्लासरूम को चेक किए बगैर दरवाजा बंद कर बाहर से ताला लगा दिया। बच्ची भूखी-प्यासी क्लासरूम के अंदर बिलखती रही, लेकिन किसी ने उसकी चीखें नहीं सुनी। शाम को जब बच्चे पिकनिक से वापस लौटकर आए तब बच्ची को तलाशना शुरू किया गया। क्लास टीचर ने यह कहकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की कोशिश की कि आज तो नैन्सी स्कूल ही नहीं आई थी। यह सुनकर बच्ची की मां के होश उड़ गए। उनके शोर मचाने पर बच्ची की खोजबीन हुई।
बच्ची सेकंड फ्लोर पर अपने क्लासरूम के अंदर बेसुध हालत में पड़ी मिली। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, चारूचंद बिष्ट परिवार के साथ गोकलपुरी में रहते हैं। बड़ा बेटा कुणाल बिष्ट गंगा विहार स्थित कैपिटल पब्लिक स्कूल में आठवीं में पढ़ता है, जबकि छोटी बेटी नैन्सी इसी स्कूल में है। शनिवार को स्कूल प्रशासन पहली क्लास से पांचवीं क्लास तक के बच्चों को पिकनिक पर इंडिया गेट समेत दूसरी कई जगहों पर घुमाने ले जा रहे थे। नैन्सी को भी पिकनिक पर जाना था। स्कूल प्रशासन ने पिकनिक पर जाने वाले बच्चों को सुबह 8 बजे स्कूल में पहुंचने के लिए कहा था। पैरंट्स बच्चों को खुद स्कूल छोड़ने गए। स्कूल ने पैरंट्स को कहा था कि वे शाम 5:30 बजे बच्चों को स्कूल से लेने भी आ जाएं। बच्ची की मां मीना सुबह 8 बजे टीचर्स के सामने नैन्सी को क्लास में छोड़कर घर आ गई थीं। शाम को जब वह नैन्सी को लेने स्कूल पहुंचीं तो टीचर्स ने उन्हें बताया कि उनकी बेटी तो पिकनिक पर गई ही नहीं थी।
लापरवाही का आरोप
बच्ची की मां मीना ने बताया कि वह दो टीचर्स के सामने अपनी बेटी को क्लास के अंदर छोड़कर गई थीं। टीचर्स ने जब पिकनिक पर जाने वाली लिस्ट को चेक किया तो उसमें बच्ची का नाम नहीं मिला। बच्ची न मिलने पर परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। स्कूल प्रशासन के भी हाथ-पैर फूल गए। इस दौरान स्कूल प्रशासन ने एक-एक क्लासरूम को खोलकर चेक किया। शाम 6 बजे के करीब जब दूसरी मंजिल पर स्थित नैन्सी का क्लासरूम खोला गया तो बच्ची बेसुध हालत में पड़ी मिली। परिजनों ने स्कूल पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया और गोकलपुरी थाने में भी शिकायत दर्ज कराई।
क्या कहना है डीसीपी का
इस संबंध में जब डीसीपी नॉर्थ ईस्ट अजीत कुमार सिंघला से बात की गई तो उनका कहना था कि इस संबंध में आईपीसी की धारा-336 और जेजे ऐक्ट की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि शुरुआती छानबीन में पता चला कि बच्ची क्लासरूम के अंदर ही बैठी रह गई। बाकी बच्चे नीचे इकट्ठा हुए और पिकनिक पर चले गए। उन्होंने बताया कि बच्ची के पैरंट्स ने स्कूल के प्रिंसिपल पर आरोप लगाया है। जांच में जिस किसी की भी लापरवाही सामने आएगी उसके खिलाफ ऐक्शन लिया जाएगा।
सेकंड क्लास में पढ़ने वाली सात साल की बच्ची नैन्सी घर से स्कूल की पिकनिक पर जाने के लिए तैयार होकर आई थी। टीचर्स उसे क्लासरूम के अंदर ही बैठा हुआ छोड़ गए। स्कूल के चौकीदार ने भी क्लासरूम को चेक किए बगैर दरवाजा बंद कर बाहर से ताला लगा दिया। बच्ची भूखी-प्यासी क्लासरूम के अंदर बिलखती रही, लेकिन किसी ने उसकी चीखें नहीं सुनी। शाम को जब बच्चे पिकनिक से वापस लौटकर आए तब बच्ची को तलाशना शुरू किया गया। क्लास टीचर ने यह कहकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की कोशिश की कि आज तो नैन्सी स्कूल ही नहीं आई थी। यह सुनकर बच्ची की मां के होश उड़ गए। उनके शोर मचाने पर बच्ची की खोजबीन हुई।
बच्ची सेकंड फ्लोर पर अपने क्लासरूम के अंदर बेसुध हालत में पड़ी मिली। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, चारूचंद बिष्ट परिवार के साथ गोकलपुरी में रहते हैं। बड़ा बेटा कुणाल बिष्ट गंगा विहार स्थित कैपिटल पब्लिक स्कूल में आठवीं में पढ़ता है, जबकि छोटी बेटी नैन्सी इसी स्कूल में है। शनिवार को स्कूल प्रशासन पहली क्लास से पांचवीं क्लास तक के बच्चों को पिकनिक पर इंडिया गेट समेत दूसरी कई जगहों पर घुमाने ले जा रहे थे। नैन्सी को भी पिकनिक पर जाना था। स्कूल प्रशासन ने पिकनिक पर जाने वाले बच्चों को सुबह 8 बजे स्कूल में पहुंचने के लिए कहा था। पैरंट्स बच्चों को खुद स्कूल छोड़ने गए। स्कूल ने पैरंट्स को कहा था कि वे शाम 5:30 बजे बच्चों को स्कूल से लेने भी आ जाएं। बच्ची की मां मीना सुबह 8 बजे टीचर्स के सामने नैन्सी को क्लास में छोड़कर घर आ गई थीं। शाम को जब वह नैन्सी को लेने स्कूल पहुंचीं तो टीचर्स ने उन्हें बताया कि उनकी बेटी तो पिकनिक पर गई ही नहीं थी।
लापरवाही का आरोप
बच्ची की मां मीना ने बताया कि वह दो टीचर्स के सामने अपनी बेटी को क्लास के अंदर छोड़कर गई थीं। टीचर्स ने जब पिकनिक पर जाने वाली लिस्ट को चेक किया तो उसमें बच्ची का नाम नहीं मिला। बच्ची न मिलने पर परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। स्कूल प्रशासन के भी हाथ-पैर फूल गए। इस दौरान स्कूल प्रशासन ने एक-एक क्लासरूम को खोलकर चेक किया। शाम 6 बजे के करीब जब दूसरी मंजिल पर स्थित नैन्सी का क्लासरूम खोला गया तो बच्ची बेसुध हालत में पड़ी मिली। परिजनों ने स्कूल पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया और गोकलपुरी थाने में भी शिकायत दर्ज कराई।
क्या कहना है डीसीपी का
इस संबंध में जब डीसीपी नॉर्थ ईस्ट अजीत कुमार सिंघला से बात की गई तो उनका कहना था कि इस संबंध में आईपीसी की धारा-336 और जेजे ऐक्ट की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि शुरुआती छानबीन में पता चला कि बच्ची क्लासरूम के अंदर ही बैठी रह गई। बाकी बच्चे नीचे इकट्ठा हुए और पिकनिक पर चले गए। उन्होंने बताया कि बच्ची के पैरंट्स ने स्कूल के प्रिंसिपल पर आरोप लगाया है। जांच में जिस किसी की भी लापरवाही सामने आएगी उसके खिलाफ ऐक्शन लिया जाएगा।
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