विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आज सुबह फिर 'लाव-लश्कर' के साथ पुरानी दिल्ली का दौरा किया और वहां सड़कों व फुटपाथ के किनारे हो रहे कब्जों (अतिक्रमण) पर नाराजगी जताई। उन्होंने यह भी पूछा कि इस इलाके में पटरी बाजार क्यों लग रहा है? बैजल ने अफसरों को आदेश दिए गए हैं कि वे इस ऐतिहासिक इलाके को साफ करें ताकि टूरिस्टों और आम लोगों को परेशान न हो। उनका यह भी क्यों लग रहा है कहना है कि इस इलाके को साफ रखने के लिए लगातार प्रयास जरूरी है।
उपराज्यपाल शनिवार सुबह करीब 8:30 बजे लाल किला के बाहर पहुंचे। उन्होंने आसपास का जायजा लिया और फिर जामा मस्जिद इलाके का भी दौरा किया। वह पुरानी दिल्ली में करीब पौने घंटे तक रहे। उपराज्यपाल ने पिछले माह भी नौ दिसंबर को इलाके का दौरा किया था और इलाके को चाक-चौबंद करने के आदेश जारी किए थे। असल में उपराज्यपाल इस इलाके में लगातार इसलिए दौरा कर रहे हैं कि 9 जनवरी से दिल्ली में आसियान व्यापार सम्मेलन आयोजित हो रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस सम्मेलन में आने वाले प्रतिनिधि पुरानी दिल्ली के ऐतिहासिक स्थलों का दौरा करेंगे, साथ ही चांदनी चौक बाजार में खरीदारी भी कर सकते हैं। इसलिए वहां साफ-सफाई व अन्य व्यवस्थाओं का ठीक करने के लिए उनका दौरा चल रहा है।
लाल किला चौक और उसके आसपास का इलाका उपराज्यपाल को काफी साफ सुथरा दिखा। उसका कारण यह था कि वहां पटरी बाजार लगाने वालों के फड़ और तख्ते हटा दिए गए थे और सड़क पर चूना बिछा दिया गया था। यह चौक पूरे दिन पटरी बाजार के चलते जाम रहता है, लेकिन उपराज्यपाल के आने से उसे चकाचक कर दिया गया था। बताते हैं कि एलजी को इस बात की जानकारी थी, इसलिए उन्होंने अफसरों से पूछा कि इस इलाके में अवैध बाजार क्यों लग रहा है और सड़कों और फुटपाथों पर कब्जे क्यों हो रहे हैं। इस दौरे में उनके साथ दिल्ली पुलिस, पीडब्ल्यूडी, एमसीडी आदि विभागों के आला अधिकारी भी थे। उन्होंने अफसरों से पूछा कि आखिर पटरी बाजार लगाने के लिए जिम्मेदार कौन है।
उपराज्यपाल को जामा मस्जिद और उसके आसपास के इलाके में दौरे पर भी फुटपाथ और सड़क पर अतिक्रमण नजर आए। वहां दीवारों पर बहुत अधिक पोस्टर चिपके हुए थे और पार्किंग की भी गंभीर समस्या दिखी। बताते हैं कि उन्होंने मौके पर ही इन समस्याओं पर कड़ी नाराजगी जताई और कहा कि आसियान सम्मेलन को देखते हुए यहां व्यवस्था नहीं सुधारी गई तो अफसरों पर एक्शन करना पड़ेगा। अफसरों पांच दिन का वक्त दिया गया है कि इलाके को सुधारें वरना संबंधित अफसरों को बख्शा नहीं जाएगा।
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