सिद्धार्थ रॉय, नई दिल्ली
ऑटोरिक्शा, बस और टैक्सी में सफर करना आपके लिए अब पहले से ज्यादा सुरक्षित होगा। इनसे संबंधित शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई के लिए ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने एक नया कंट्रोल रूम तैयार किया है। यह कंट्रोल रूम ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के हेडक्वॉटर्स में खोला गया है। अब पब्लिक ट्रांसपोर्ट के खिलाफ शिकायत करने पर तुरंत कार्रवाई हो सकेगी।
नॉर्थ दिल्ली के सिविल लाइंस इलाके में स्थापित इस कंट्रोल रूम के माध्यम से शिकायतों की सुनवाई रियल टाइम (तुरंत) में की जाएगी। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट का कहना है कि यह देश में अपनी तरह का पहला कंट्रोल रूम है। विभाग के एक अधिकारी ने कंट्रोल रूम की कार्यप्रणाली के बारे में बताते हुए कहा, 'जैसे ही हमें किसी भी ऑटो रिक्शा या टैक्सी के बारे में ज्यादा किराया वसूलने या बदतमीजी की शिकायत मिलेगी, हम उस गाड़ी को अपने मॉनिटर पर ट्रैक कर पाएंगे। तुरंत ही नोटिस के रूप में एक मेसेज ड्राइवर्स के नंबर पर चला जाएगा। हमारे पास ऐसी सभी गाड़ियों के ड्राइवर्स के नंबर का डेटाबेस मौजूद है। इस मेसेज को चेतावनी को तौर पर गाड़ी के मालिक को भेजा जाएगा, इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।'
इस समय दिल्ली में लगभग 90,000 ऑटोरिक्शा और लगभग 40,000 टैक्सियां रजिस्टर्ड हैं। इन सभी गाड़ियों में जीपीएस लगा है, जिससे इन्हें ट्रैक करने में आसानी होगी। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अधिकारी ने आगे बताया, 'कार्रवाई में सबसे बड़ी समस्या कई गाड़ियों में जीपीएस चालू न होना है। अब जीपीएस चालू नहीं रखने वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।' आपको बता दें कि आप डीटीसी के हेल्पलाइन नंबर 42400400 पर कॉल करके पब्लिक ट्रांसपोर्ट से संबंधित शिकायत कर सकते हैं।
ऑटोरिक्शा, बस और टैक्सी में सफर करना आपके लिए अब पहले से ज्यादा सुरक्षित होगा। इनसे संबंधित शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई के लिए ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने एक नया कंट्रोल रूम तैयार किया है। यह कंट्रोल रूम ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के हेडक्वॉटर्स में खोला गया है। अब पब्लिक ट्रांसपोर्ट के खिलाफ शिकायत करने पर तुरंत कार्रवाई हो सकेगी।
नॉर्थ दिल्ली के सिविल लाइंस इलाके में स्थापित इस कंट्रोल रूम के माध्यम से शिकायतों की सुनवाई रियल टाइम (तुरंत) में की जाएगी। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट का कहना है कि यह देश में अपनी तरह का पहला कंट्रोल रूम है। विभाग के एक अधिकारी ने कंट्रोल रूम की कार्यप्रणाली के बारे में बताते हुए कहा, 'जैसे ही हमें किसी भी ऑटो रिक्शा या टैक्सी के बारे में ज्यादा किराया वसूलने या बदतमीजी की शिकायत मिलेगी, हम उस गाड़ी को अपने मॉनिटर पर ट्रैक कर पाएंगे। तुरंत ही नोटिस के रूप में एक मेसेज ड्राइवर्स के नंबर पर चला जाएगा। हमारे पास ऐसी सभी गाड़ियों के ड्राइवर्स के नंबर का डेटाबेस मौजूद है। इस मेसेज को चेतावनी को तौर पर गाड़ी के मालिक को भेजा जाएगा, इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।'
इस समय दिल्ली में लगभग 90,000 ऑटोरिक्शा और लगभग 40,000 टैक्सियां रजिस्टर्ड हैं। इन सभी गाड़ियों में जीपीएस लगा है, जिससे इन्हें ट्रैक करने में आसानी होगी। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अधिकारी ने आगे बताया, 'कार्रवाई में सबसे बड़ी समस्या कई गाड़ियों में जीपीएस चालू न होना है। अब जीपीएस चालू नहीं रखने वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।' आपको बता दें कि आप डीटीसी के हेल्पलाइन नंबर 42400400 पर कॉल करके पब्लिक ट्रांसपोर्ट से संबंधित शिकायत कर सकते हैं।
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