नई दिल्ली
दिल्ली के राजनिवास मार्ग, सिविल लाइंस की निवासी एक 81 वर्षीय महिला के दो बेटे और बेटी विदेश में रहते हैं। उन्होंने दिल्ली में बूढ़ी मां की देखभाल के लिए ड्राइवर को रख छोड़ा था। उस पर जरूरत से ज्यादा विश्वास महंगा साबित हुआ। आरोप है कि ड्राइवर ने वृद्धा के बैंक अकाउंट्स के चेक चोरी करके 18.94 लाख रुपये निकाल लिए और नौकरी छोड़ गया।
इस संबंध में वृद्धा ने सिविल लाइंस थाने में शिकायत दी है। पुलिस ने धोखाधड़ी और चोरी का केस दर्ज कर लिया है। यहां सुरक्षा कारणों से वृद्धा की पहचान नहीं दी जा रही है। वह राजनिवास मार्ग पर रहती हैं। उन्होंने पुलिस को बताया है कि उनकी एक बेटी और दो बेटे विदेश में रहते हैं। बच्चों ने उनकी देखभाल के लिए एक ड्राइवर कम घरेलू सहायक को उनके साथ रखा था। उसका नाम देवेंद्र कुमार राठौड़ (30) है। यूपी के झांसी का रहने वाला है। 5-6 साल से उनके पास काम कर रहा था। उससे कोई अग्रीमेंट नहीं करवाया था। सिर्फ भरोसे पर काम दिया था, यही भरोसा महंगा साबित हुआ।
ड्राइवर 29 दिसंबर को अपना पूरा हिसाब करके नौकरी छोड़ गया। वृद्धा को कुछ दिन बाद पता चला कि उनके घर की कुछ चाबियां और दो बैंक अकाउंट्स की चेक बुक से कुछ चेक गायब हैं। उन्होंने बैंक स्टेटमेंट चेक की तो पता चला कि पिछले साल जुलाई से नवंबर के बीच में अलग-अलग चेक्स के जरिए उनके अकाउंट से कुल 18.94 रकम निकाले गए। वृद्धा का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि उन सभी चेक्स पर उनके साइन थे या नहीं, लेकिन यह सब उनके ड्राइवर ने धोखे से किया। आशंका है कि उसने घर से जूलरी और कीमती सामान भी चुराया है, जिसका आकलन करके पुलिस को सूचना देने की बात कही है।
दिल्ली के राजनिवास मार्ग, सिविल लाइंस की निवासी एक 81 वर्षीय महिला के दो बेटे और बेटी विदेश में रहते हैं। उन्होंने दिल्ली में बूढ़ी मां की देखभाल के लिए ड्राइवर को रख छोड़ा था। उस पर जरूरत से ज्यादा विश्वास महंगा साबित हुआ। आरोप है कि ड्राइवर ने वृद्धा के बैंक अकाउंट्स के चेक चोरी करके 18.94 लाख रुपये निकाल लिए और नौकरी छोड़ गया।
इस संबंध में वृद्धा ने सिविल लाइंस थाने में शिकायत दी है। पुलिस ने धोखाधड़ी और चोरी का केस दर्ज कर लिया है। यहां सुरक्षा कारणों से वृद्धा की पहचान नहीं दी जा रही है। वह राजनिवास मार्ग पर रहती हैं। उन्होंने पुलिस को बताया है कि उनकी एक बेटी और दो बेटे विदेश में रहते हैं। बच्चों ने उनकी देखभाल के लिए एक ड्राइवर कम घरेलू सहायक को उनके साथ रखा था। उसका नाम देवेंद्र कुमार राठौड़ (30) है। यूपी के झांसी का रहने वाला है। 5-6 साल से उनके पास काम कर रहा था। उससे कोई अग्रीमेंट नहीं करवाया था। सिर्फ भरोसे पर काम दिया था, यही भरोसा महंगा साबित हुआ।
ड्राइवर 29 दिसंबर को अपना पूरा हिसाब करके नौकरी छोड़ गया। वृद्धा को कुछ दिन बाद पता चला कि उनके घर की कुछ चाबियां और दो बैंक अकाउंट्स की चेक बुक से कुछ चेक गायब हैं। उन्होंने बैंक स्टेटमेंट चेक की तो पता चला कि पिछले साल जुलाई से नवंबर के बीच में अलग-अलग चेक्स के जरिए उनके अकाउंट से कुल 18.94 रकम निकाले गए। वृद्धा का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि उन सभी चेक्स पर उनके साइन थे या नहीं, लेकिन यह सब उनके ड्राइवर ने धोखे से किया। आशंका है कि उसने घर से जूलरी और कीमती सामान भी चुराया है, जिसका आकलन करके पुलिस को सूचना देने की बात कही है।
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