नई दिल्ली
भारत-श्रीलंका के बीच हुए टैस्ट मैच में श्रीलंकाई खिलाड़ियों की तरह इस बार गणतंत्र दिवस पर आसियान प्रतिनिधियों को मास्क न पहनना पड़े, इसके लिए सीपीसीबी पूरी तैयारियों में है। प्रदूषण के लिहाज से दिल्ली हाई अलर्ट पर रहेगी। यह हाई अलर्ट आगामी एक हफ्ते के दौरान ही घोषित कर दिया जाएगा। प्रदूषण के खतरनाक स्थिति में पहुंचते ही इमर्जेंसी स्तर के कदम भी उठाए जाएंगे। प्रदूषण के इमर्जेंसी स्तर पहुंचने पर दिल्ली में आने वाले डीजल ट्रकों पर रोक, निर्माण कार्य पर रोक के अलावा ऑड-ईवन लागू करने जैसे कदम उठाए जा सकते हैं।
3 दिसंबर 2017 में फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में भारत-श्रीलंका के बीच हुए मैच में प्रदूषण को लेकर भारत की खूब किरकिरी हुई थी। 3 दिसंबर को एयर इंडेक्स 351 रहा था। इस समय भी दिल्ली का एयर इंडेक्स लगभग उतना ही चल रहा है। हवाओं के बावजूद, बुधवार को एयर इंडेक्स 350 रहा। अगर 26 जनवरी के आसपास हवाओं की गति की करें तो आईएमडी महज 7 दिनों का पूर्वानुमान करता है। जबकि कुछ वेबसाइट्स के अनुसार, 22 से 25 जनवरी तक हवाओं की गति 4 से 9 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच रहेगी। अधिकतम तापमान भी 20 से 22 और न्यूनतम तापमान 9 से 10 डिग्री रहने की संभावना है। अगर पूर्वानुमान सही रहा तो प्रदूषण बना रहेगा।
सीपीसीबी के अनुसार, इस हफ्ते प्रदूषण कंट्रोल से जुड़ी सभी एजेंसियां ऐक्टिव मोड पर काम करेंगी। प्रदूषण से संबंधित शिकायतों को कम से कम समय में दूर करना होगा। सिविक एजेंसियां पानी का छिड़काव करेंगी। डेलिगेशन के ठहरने और दौरे वाली जगहों पर विशेष टीमें प्रदूषण रोकने के लिए तैनात होंगी। सिविक एजेंसियों के अलावा सीपीसीबी की 40 क्विक रिस्पॉन्स टीमें, डीपीसीसी की टीमें सभी प्रदूषण को कम करने के लिए हर संभव कदम उठाएंगी, जिसमें पब्लिक ट्रांसपॉर्ट को भी बढ़ाना शामिल है।
दिल्ली-एनसीआर में कोयले पर चल रही इंडस्ट्री को इस दौरान बंद करने पर भी निर्णय लिया जा सकता है। इस बारे में सीपीसीबी पहले ही मिनिस्ट्री को लिख चुका है। सीपीसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि श्रीलंका क्रिकेट के समय सीपीसीबी को ही कटघरे में खड़ा किया गया। सभी ने सीपीसीबी से सवाल किए, ऐसे में अब इस तरह के हालात न बनें इसके लिए पूरा प्लान तैयार किया गया है।
भारत-श्रीलंका के बीच हुए टैस्ट मैच में श्रीलंकाई खिलाड़ियों की तरह इस बार गणतंत्र दिवस पर आसियान प्रतिनिधियों को मास्क न पहनना पड़े, इसके लिए सीपीसीबी पूरी तैयारियों में है। प्रदूषण के लिहाज से दिल्ली हाई अलर्ट पर रहेगी। यह हाई अलर्ट आगामी एक हफ्ते के दौरान ही घोषित कर दिया जाएगा। प्रदूषण के खतरनाक स्थिति में पहुंचते ही इमर्जेंसी स्तर के कदम भी उठाए जाएंगे। प्रदूषण के इमर्जेंसी स्तर पहुंचने पर दिल्ली में आने वाले डीजल ट्रकों पर रोक, निर्माण कार्य पर रोक के अलावा ऑड-ईवन लागू करने जैसे कदम उठाए जा सकते हैं।
3 दिसंबर 2017 में फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में भारत-श्रीलंका के बीच हुए मैच में प्रदूषण को लेकर भारत की खूब किरकिरी हुई थी। 3 दिसंबर को एयर इंडेक्स 351 रहा था। इस समय भी दिल्ली का एयर इंडेक्स लगभग उतना ही चल रहा है। हवाओं के बावजूद, बुधवार को एयर इंडेक्स 350 रहा। अगर 26 जनवरी के आसपास हवाओं की गति की करें तो आईएमडी महज 7 दिनों का पूर्वानुमान करता है। जबकि कुछ वेबसाइट्स के अनुसार, 22 से 25 जनवरी तक हवाओं की गति 4 से 9 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच रहेगी। अधिकतम तापमान भी 20 से 22 और न्यूनतम तापमान 9 से 10 डिग्री रहने की संभावना है। अगर पूर्वानुमान सही रहा तो प्रदूषण बना रहेगा।
सीपीसीबी के अनुसार, इस हफ्ते प्रदूषण कंट्रोल से जुड़ी सभी एजेंसियां ऐक्टिव मोड पर काम करेंगी। प्रदूषण से संबंधित शिकायतों को कम से कम समय में दूर करना होगा। सिविक एजेंसियां पानी का छिड़काव करेंगी। डेलिगेशन के ठहरने और दौरे वाली जगहों पर विशेष टीमें प्रदूषण रोकने के लिए तैनात होंगी। सिविक एजेंसियों के अलावा सीपीसीबी की 40 क्विक रिस्पॉन्स टीमें, डीपीसीसी की टीमें सभी प्रदूषण को कम करने के लिए हर संभव कदम उठाएंगी, जिसमें पब्लिक ट्रांसपॉर्ट को भी बढ़ाना शामिल है।
दिल्ली-एनसीआर में कोयले पर चल रही इंडस्ट्री को इस दौरान बंद करने पर भी निर्णय लिया जा सकता है। इस बारे में सीपीसीबी पहले ही मिनिस्ट्री को लिख चुका है। सीपीसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि श्रीलंका क्रिकेट के समय सीपीसीबी को ही कटघरे में खड़ा किया गया। सभी ने सीपीसीबी से सवाल किए, ऐसे में अब इस तरह के हालात न बनें इसके लिए पूरा प्लान तैयार किया गया है।
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