नई दिल्ली
प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा संचालित राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल ने शुक्रवार से एक महत्वपूर्ण अभियान की शुरुआत की। इसके तहत अगले एक हफ्ते तक अस्पताल आने वाले उच्च जोखिम वाले मरीजों को एन-95 मास्क बांटे जाएंगे। अस्पताल के डीन डॉ. राजीव सूद ने कहा कि जो मरीज पहले से ही फेफडे़ की बीमारी और अन्य समस्याओं से जूझ रहे हैं, प्रदूषण से उनकी हालत और बिगड़ सकती है। इससे उनके जीवन के लिए खतरा भी पैदा हो सकता है।
उन्होंने कहा कि मास्क पहनने जैसे एहतियाती कदमों से उन्हें बेहतर ढंग से सांस लेने में मदद मिल सकती है और हवा में मौजूद जहरीले तत्वों से उत्पन्न खतरा कम हो सकता है। मौजूदा समय में इस तरह के कदम बहुत महत्वपूर्ण हैं, जब हवा की स्थिति खतरनाक स्तर तक पहुंच चुकी है। अस्पताल में जरूरतमंद मरीजों को प्रदूषण रोधी मास्क वितरित करने का काम सप्ताहभर चलेगा।
ऑर्गनाइजेशन फॉर इकनॉमिक कोऑपरेशन ऐंड डिवेलपमेंट (OECD) की रिपोर्ट के अनुसार वायु प्रदूषण को भारत में मौतों के लिए पांचवें सबसे बडे़ कारक के रूप में चिह्नित किया गया है और 2005 से 2010 के बीच जितनी जानें गईं उनमें तीन प्रतिशत की वजह वायु प्रदूषण रहा। इस अवधि में इस कारण से होने वाली मौतों की संख्या में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
सूद ने कहा कि हवा की खराब होती गुणवत्ता के कारण मौतों के आंकडे़ में वृद्धि हो रही है। अस्पताल अपने कॉर्पोरेट-सामाजिक दायित्व (CSR) पहल के तहत विशेष मरीजों को एक हजार से अधिक एन-95 मास्क बांटेगा।
प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा संचालित राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल ने शुक्रवार से एक महत्वपूर्ण अभियान की शुरुआत की। इसके तहत अगले एक हफ्ते तक अस्पताल आने वाले उच्च जोखिम वाले मरीजों को एन-95 मास्क बांटे जाएंगे। अस्पताल के डीन डॉ. राजीव सूद ने कहा कि जो मरीज पहले से ही फेफडे़ की बीमारी और अन्य समस्याओं से जूझ रहे हैं, प्रदूषण से उनकी हालत और बिगड़ सकती है। इससे उनके जीवन के लिए खतरा भी पैदा हो सकता है।
उन्होंने कहा कि मास्क पहनने जैसे एहतियाती कदमों से उन्हें बेहतर ढंग से सांस लेने में मदद मिल सकती है और हवा में मौजूद जहरीले तत्वों से उत्पन्न खतरा कम हो सकता है। मौजूदा समय में इस तरह के कदम बहुत महत्वपूर्ण हैं, जब हवा की स्थिति खतरनाक स्तर तक पहुंच चुकी है। अस्पताल में जरूरतमंद मरीजों को प्रदूषण रोधी मास्क वितरित करने का काम सप्ताहभर चलेगा।
ऑर्गनाइजेशन फॉर इकनॉमिक कोऑपरेशन ऐंड डिवेलपमेंट (OECD) की रिपोर्ट के अनुसार वायु प्रदूषण को भारत में मौतों के लिए पांचवें सबसे बडे़ कारक के रूप में चिह्नित किया गया है और 2005 से 2010 के बीच जितनी जानें गईं उनमें तीन प्रतिशत की वजह वायु प्रदूषण रहा। इस अवधि में इस कारण से होने वाली मौतों की संख्या में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
सूद ने कहा कि हवा की खराब होती गुणवत्ता के कारण मौतों के आंकडे़ में वृद्धि हो रही है। अस्पताल अपने कॉर्पोरेट-सामाजिक दायित्व (CSR) पहल के तहत विशेष मरीजों को एक हजार से अधिक एन-95 मास्क बांटेगा।
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