नई दिल्ली
डिजिटल इंडिया के दौर में दिल्ली पुलिस का एक थाना ऐसा भी है, जहां आज तक लैंडलाइन फोन ही नहीं है, और न ही इंटरनेट। पुलिस अफसर वायरलेस सेट पर बात करते हैं। बिना लैंडलाइन फोन के इलाके के लोगों को तो परेशानी होती ही है, थाने का स्टाफ भी परेशान है। इस परेशानी की वजह बताई गई है एमटीएनएल, जिसने यहां अपनी लाइन नहीं बिछाई है। इस वजह से थाने में लैंडलाइन फोन नहीं लग पा रहे हैं।
पुलिस का कहना है कि ऐसा नहीं है कि एमटीएनएल को इस समस्या के बारे में नहीं बताया गया है। यहां न तो लैंडलाइन फोन है और न ही फैक्स। एमटीएनएल की लाइन न होने से वाई-फाई तो दूर की बात, थाने के कंप्यूटरों में इंटरनेट तक की सुविधा नहीं है। इस समस्या की वजह से लोगों को थाने के चक्कर लगाने पड़ते हैं। पुलिस का कहना है कि लैंडलाइन नंबर न होने के चलते हमने 3 मोबाइल नंबर ले रखे हैं, लेकिन यहां सिग्नल वीक होने की वजह से मोबाइल भी काम नहीं करते हैं। यहां तक कि थाने के एसएचओ का मोबाइल भी यदा-कदा ही मिलता है। ऐसे में लोगों को परेशानी होती है।
एमटीएनएल से जब यहां यह सुविधा देने को कहा गया तो एक बार उन्होंने यहां सर्वे भी कराया था। पता चला कि जहां तक एमटीएनएल की लाइन आ रही है, वहां से थाने तक करीब 2 किलोमीटर लंबी लाइन अलग से बिछानी पड़ेगी। इसमें कुछ तकनीकी समस्याएं आ रही हैं। इस वजह से एमटीएनएल थाने तक लाइन नहीं पहुंचा पा रहा है।
यह दिल्ली का इकलौता ऐसा थाना होगा, जहां डिजिटल इंडिया के जमाने में लैंडलाइन फोन नहीं है। इमरजेंसी में भी पहले लोगों को थाने की दौड़ लगानी पड़ती है, तब पुलिस से मदद मिलती है। जो मोबाइल नंबर हैं, वह आसानी से मिलते नहीं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जब उन्हें थाने में एसएचओ से कॉन्टैक्ट करना होता है तो वह वायरलेस सेट पर ही बात करते हैं।
डिजिटल इंडिया के दौर में दिल्ली पुलिस का एक थाना ऐसा भी है, जहां आज तक लैंडलाइन फोन ही नहीं है, और न ही इंटरनेट। पुलिस अफसर वायरलेस सेट पर बात करते हैं। बिना लैंडलाइन फोन के इलाके के लोगों को तो परेशानी होती ही है, थाने का स्टाफ भी परेशान है। इस परेशानी की वजह बताई गई है एमटीएनएल, जिसने यहां अपनी लाइन नहीं बिछाई है। इस वजह से थाने में लैंडलाइन फोन नहीं लग पा रहे हैं।
पुलिस का कहना है कि ऐसा नहीं है कि एमटीएनएल को इस समस्या के बारे में नहीं बताया गया है। यहां न तो लैंडलाइन फोन है और न ही फैक्स। एमटीएनएल की लाइन न होने से वाई-फाई तो दूर की बात, थाने के कंप्यूटरों में इंटरनेट तक की सुविधा नहीं है। इस समस्या की वजह से लोगों को थाने के चक्कर लगाने पड़ते हैं। पुलिस का कहना है कि लैंडलाइन नंबर न होने के चलते हमने 3 मोबाइल नंबर ले रखे हैं, लेकिन यहां सिग्नल वीक होने की वजह से मोबाइल भी काम नहीं करते हैं। यहां तक कि थाने के एसएचओ का मोबाइल भी यदा-कदा ही मिलता है। ऐसे में लोगों को परेशानी होती है।
एमटीएनएल से जब यहां यह सुविधा देने को कहा गया तो एक बार उन्होंने यहां सर्वे भी कराया था। पता चला कि जहां तक एमटीएनएल की लाइन आ रही है, वहां से थाने तक करीब 2 किलोमीटर लंबी लाइन अलग से बिछानी पड़ेगी। इसमें कुछ तकनीकी समस्याएं आ रही हैं। इस वजह से एमटीएनएल थाने तक लाइन नहीं पहुंचा पा रहा है।
यह दिल्ली का इकलौता ऐसा थाना होगा, जहां डिजिटल इंडिया के जमाने में लैंडलाइन फोन नहीं है। इमरजेंसी में भी पहले लोगों को थाने की दौड़ लगानी पड़ती है, तब पुलिस से मदद मिलती है। जो मोबाइल नंबर हैं, वह आसानी से मिलते नहीं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जब उन्हें थाने में एसएचओ से कॉन्टैक्ट करना होता है तो वह वायरलेस सेट पर ही बात करते हैं।
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