Saturday, December 2, 2017

नाबालिग से दरिंदगी पर मिली उम्रकैद

नई दिल्ली
दिल्ली की एक अदालत ने नाबालिग लड़की के अपहरण और बलात्कार के मामले में एक दोषी को उम्रकैद जबकि उसके सहयोगी को 10 साल जेल की सजा सुनाई है। अदालत ने कहा कि ऐसे अपराधों से सड़क पर महिलाएं और बच्चे असुरक्षित हो गए हैं और खुलकर कहीं आने-जाने के उनके मौलिक अधिकार का हनन हो रहा है। लड़की की मां की शिकायत के मुताबिक, दोनों आरोपियों ने 9 फरवरी 2012 को एक कार में लड़की का अपहरण कर लिया था और फिर एक कमरे में ले जाकर उसके साथ बलात्कार किया।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गुरदीप सिंह ने नाबालिग पीड़िता को 10 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर देने का आदेश दिया और यह भी कहा कि दोषियों गौरव और हरीश से बराबर-बराबर राशि लेकर मुआवजे की रकम का भुगतान किया जाए। अदालत ने कहा कि इस अपराध से समाज की अंतरात्मा हिल गई है। कोर्ट ने कहा कि यह जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है।

दिल्ली महिला आयोग की वकील शबनम खान ने कहा कि दिल्ली पीड़िता मुआवजा योजना, 2015 के तहत पीड़िता को ज्यादा मुआवजा दिया जाए, क्योंकि इस अपराध ने पीड़िता की जिंदगी पर हमेशा के लिए जख्म छोड़ दिया है। नाबालिग को 10 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश देते हुए अदालत ने योजना में निहित अनुसूची का भी जिक्र किया जिसके अनुसार सामूहिक बलात्कार की स्थिति में मुआवजे की अधिकतम सीमा सात लाख रुपए और यदि पीड़िता की उम्र 18 साल से ज्यादा है तो यह राशि 50 फीसदी तक बढ़ाई जा सकती है।

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