नई दिल्ली
डोर स्टेप सर्विसेज को लेकर दिल्ली सरकार और एलजी में तनातनी बरकरार है। इस बीच, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि AAP सरकार महत्वाकांक्षी डोर स्टेप सर्विसेज योजना का अपना प्रस्ताव मंजूरी के लिए फिर से उपराज्यपाल अनिल बैजल को भेजेगी। इसमें उनकी ओर से जताई गई हर आपत्ति पर विस्तृत जवाब होगा। प्रस्ताव के तहत सरकार ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र सहित 40 सेवाएं नागरिकों को दरवाजे तक पहुंचाना चाहती है।
गौरतलब है कि हाल ही में पिज्जा डिलिवरी और ई-कॉमर्स के साथ डोर स्टेप सर्विसेज की तुलना किए जाने पर एलजी ऑफिस ने नाराजगी जाहिर की थी। एलजी ने कहा था कि डोर स्टेप सर्विसेज में मोबाइल सहायकों के जरिए लोगों से अहम डॉक्युमेंट्स लिए जाएंगे, जिसमें संवेदनशील जानकारी होगी। आगे कहा कि सरकार को उपभोक्ता के लेन-देन के संबंध में सुरक्षा संबंधी चिंता होनी चाहिए।
पढ़ें, एलजी ने सरकार से पूछा, क्या पिज्जा डाउनलोड होता है?
हाल में बैजल ने प्रस्ताव पर पुनर्विचार के लिए कहते हुए वापस इसे दिल्ली सरकार को भेज दिया और नागरिकों की सुरक्षा और भ्रष्टाचार सहित कई ऐतराज जताए। एलजी ने बताया था कि 18 दिसंबर 2017 को सीएम की ओर भेजी गई फाइल मिली थी। 26 दिसंबर को इसे फिर से विचार के लिए लौटा दिया गया, जबकि संबंधित विभाग ने पहले ही निविदा जारी करने का काम शुरू कर दिया था। यह कार्यक्रम अभी उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच तकरार का कारण बना हुआ है।
पढ़ें: AAP ने पूछा, अधिकार हैं तो फिर एलजी की जवाबदेही क्यों नहीं?
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बैजल से पूछा है कि क्या वह प्रस्ताव का विरोधकर भ्रष्ट व्यवस्था को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। केजरीवाल ने कहा है, 'हम अगले कुछ दिनों में सभी आपत्तियों पर विस्तृत जवाब के साथ डोर स्टेप सर्विसेज का प्रस्ताव दोबारा उपराज्यपाल को भेजेंगे।' उन्होंने जोर देकर कहा कि यह प्रस्ताव दिल्लीवासियों के लिए अच्छा है।
डोर स्टेप सर्विसेज को लेकर दिल्ली सरकार और एलजी में तनातनी बरकरार है। इस बीच, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि AAP सरकार महत्वाकांक्षी डोर स्टेप सर्विसेज योजना का अपना प्रस्ताव मंजूरी के लिए फिर से उपराज्यपाल अनिल बैजल को भेजेगी। इसमें उनकी ओर से जताई गई हर आपत्ति पर विस्तृत जवाब होगा। प्रस्ताव के तहत सरकार ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र सहित 40 सेवाएं नागरिकों को दरवाजे तक पहुंचाना चाहती है।
गौरतलब है कि हाल ही में पिज्जा डिलिवरी और ई-कॉमर्स के साथ डोर स्टेप सर्विसेज की तुलना किए जाने पर एलजी ऑफिस ने नाराजगी जाहिर की थी। एलजी ने कहा था कि डोर स्टेप सर्विसेज में मोबाइल सहायकों के जरिए लोगों से अहम डॉक्युमेंट्स लिए जाएंगे, जिसमें संवेदनशील जानकारी होगी। आगे कहा कि सरकार को उपभोक्ता के लेन-देन के संबंध में सुरक्षा संबंधी चिंता होनी चाहिए।
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हाल में बैजल ने प्रस्ताव पर पुनर्विचार के लिए कहते हुए वापस इसे दिल्ली सरकार को भेज दिया और नागरिकों की सुरक्षा और भ्रष्टाचार सहित कई ऐतराज जताए। एलजी ने बताया था कि 18 दिसंबर 2017 को सीएम की ओर भेजी गई फाइल मिली थी। 26 दिसंबर को इसे फिर से विचार के लिए लौटा दिया गया, जबकि संबंधित विभाग ने पहले ही निविदा जारी करने का काम शुरू कर दिया था। यह कार्यक्रम अभी उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच तकरार का कारण बना हुआ है।
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उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बैजल से पूछा है कि क्या वह प्रस्ताव का विरोधकर भ्रष्ट व्यवस्था को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। केजरीवाल ने कहा है, 'हम अगले कुछ दिनों में सभी आपत्तियों पर विस्तृत जवाब के साथ डोर स्टेप सर्विसेज का प्रस्ताव दोबारा उपराज्यपाल को भेजेंगे।' उन्होंने जोर देकर कहा कि यह प्रस्ताव दिल्लीवासियों के लिए अच्छा है।
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