Wednesday, November 29, 2017

'यौन उत्पीड़न असमान सत्ता समीकरण का परिणाम'

नई दिल्ली
दिल्ली की एक अदालत ने एक महिला का यौन उत्पीडन करने और शादी का प्रस्ताव ठुकराए जाने पर उसके ऊपर तेजाब फेंकने की धमकी देने के जुर्म में एक व्यक्ति को तीन साल कैद की सजा सुनाई है। अभियुक्त को महिला के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने पर भी अदालत की नाराजगी झेलनी पड़ी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सविता राव ने कहा कि उसके बयान से ऐसा लगता है कि वह बेशर्म है और उसने कोई सीख नहीं ली है।

अदालत ने उसे यौन उत्पीड़न, पीछा करने, धौंस दिखाने के अपराधों में तीन साल कैद की सजा सुनाई और उस पर 25,000 रपये का जुर्माना भी लगाया। न्यायाधीश ने कहा कि दोषी क्त को इस प्रकार की भाषा का इस्तेमाल करने को लेकर चेतावनी दी गई है। उसकी बयानबाजी दर्शाती है कि अफसोस महसूस करने के बजाय वह इतना बेशर्म है कि अदालत के सामने शिकायतकर्ता के विरुद्ध अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहा है और ऐसा जान पड़ता है कि उसने अपनी पिछली गलतियों से कोई सबक नहीं लिया है।

उन्होंने कहा कि ऐसी स्थितियों में उदार दृष्टिकोण अपनाने से समाज में गलत संदेश जाएगा और इस प्रकार के लोगों को लगेगा कि वे कानून से ऊपर हैं तथा स्त्रीत्व का अपमान करने के बाद भी वे छूट सकते हैं। अदालत ने कहा कि महिलाओं के विरुद्ध यौन अपराध पुरुषों एवं महिलाओं के बीच असल एवं धारणागत असमान सत्ता समीकरण का परिणाम होता है और उस पर समाज के पितृसत्तामक होने का बडा असर होता है।

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