Wednesday, November 29, 2017

सफदरजंग अस्पताल : बजट की कमी से रुका 'इलाज'

नई दिल्ली
बजट की कमी से सफदरजंग अस्पताल में बने इमरजेंसी और सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक शुरू नहीं हो पा रहे हैं। हालात ये हैं कि फाइनेंस और हेल्थ मिनिस्टर के बीच फाइल दौड़ रही है, लेकिन दोनों मंत्रालय में आपसी तालमेल नहीं होने की वजह से अस्पताल को शुरू करने के लिए जरूरी बजट नहीं मिल पा रहा है। बजट की कमी को देखते हुए हेल्थ मिनिस्टरी ने केवल इमरजेंसी ब्लॉक को शुरू करने की योजना बनाई, लेकिन उनकी यह योजना भी सफल नहीं हो पा रही है। कई महीनों से इस सेंटर को शुरू करने के लिए मुख्य अतिथि भी नहीं मिल रहा है जिसकी वजह से यह ब्लॉक भी बंद पड़ा है।

फरवरी 2014 में सफदरजंग अस्पताल में सुपर स्पेशिलिटी और इमरजेंसी ब्लॉक बनाने का काम शुरू हुआ था। दोनों ब्लॉक का बजट 1,333 करोड़ था। इसे मार्च 2016 को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अभी तक यह शुरू नहीं हो पाया। दोनों ब्लॉक का मकसद वर्ल्ड क्लास इन्फ्रास्ट्रक्चर में आम लोगों को फ्री इलाज की सुविधा मुहैया कराना है। दोनों ब्लॉक अब बन कर तैयार हैं, जिसमें इमरजेंसी ब्लॉक को शुरू करने की तैयारी चल रही है, लेकिन फंड की कमी की वजह से शुरू नहीं हो पा रहा है।

डॉक्टर व कर्मचारियों की नियुक्ति में देरी और उपकरणों की कमी के चलते उन्हें अब तक शुरू नहीं किया जा सका है। इमरजेंसी सेंटर में 500 बेड की क्षमता होगी, जिसमें 100 आइसीयू बेड होंगे। इस इमरजेंसी सेंटर में 12 ऑपरेशन थिअटर होंगे। अब तक देश के किसी भी अस्पताल के इमरजेंसी में इतने बेड व ऑपरेशन थिअटर नहीं हैं। इस तरह यह देश का सबसे बड़ा इमरजेंसी सेंटर होगा, जिसमें अत्याधुनिक रेडियोलॉजी ब्लॉक होगा। इसमें एमआरआई, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, एक्सरे सहित जांच की तमाम सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इस दोनों ब्लॉक के शुरू होने के बाद 1300 बेड की क्षमता और बढ़ जाएगी।

दोनों ब्लॉक के बनने से डॉक्टरों की संख्या पहले के मुकाबले बढ़ी है। नर्सों की नियुक्ति प्रक्रिया भी शुरू की गई है। सूत्रों का कहना है कि निजी एजेंसियों की मदद से पैरामेडिकल कर्मचारियों को अनुबंध पर नियुक्त किया जाएगा। बताया जा रहा है कि ब्लॉक की सफाई का काम निजी हाथों में सौंपा जा सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय चाह रहा है कि जितना सामान आ गया है, उस सामान के आधार पर इमरजेंसी सेंटर शुरू कर दिया जाए, लेकिन मुख्य अतिथि तय नहीं हो पाने की वजह से नहीं हो पा रहा है। पहले हिमाचल प्रदेश के चुनाव में नेता और मंत्री व्यस्त थे और अब गुजरात चुनाव में सब लगे हुए हैं। ऐसे में इमरजेंसी के मरीज बेहतर इलाज के लिए इंतजार कर रहे हैं।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।


Read more: सफदरजंग अस्पताल : बजट की कमी से रुका 'इलाज'