Tuesday, October 31, 2017

गूगल के साथ मिलकर जाम का इलाज खोजेगी पुलिस

प्रशांत सोनी, नई दिल्ली
दिल्ली की ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने, लोगों को जाम से बचाने और उन्हें ट्रैफिक कंजेशन की सूचना देने के साथ-साथ वैकल्पिक रास्ते सुझाने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने एक नई पहल के तहत हाल ही में गूगल इंडिया से हाथ मिलाया था। सोमवार को गूगल के अधिकारियों और ट्रैफिक पुलिस के सीनियर अफसरों के बीच मीटिंग हुई, जिसमें तीन बिंदुओं पर सहमति बनी है।

स्पेशल कमिश्नर (ट्रैफिक) दीपेंद्र पाठक ने बताया कि गूगल मैप्स की मदद से ट्रैफिक सिस्टम को किस तरह और बेहतर बनाया जा सकता है, इसके लिए ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को स्पेशल ट्रेनिंग दिलाई जाएगी।

गूगल अपने यूजर्स को न केवल ट्रैफिक कंजेशन के संबंध में एडवाइजरी देगा, बल्कि अपनी मैपिंग को कस्टमाइज करके वैकल्पिक रास्ते भी सुझाएगा। बुधवार को इसका ट्रायल किया जाएगा। फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में भारत और न्यू जीलैंड की टीमों के बीच होने वाले टी-20 मैच के मद्देनजर गूगल मैप यूजर्स को स्टेडियम के आसपास ट्रैफिक कंजेशन के बारे में जानकारी दी जाएगी और वैकल्पिक रास्ते सुझाए जाएंगे।

इसके अलावा गूगल जल्द ही 77 प्रमुख ट्रैफिक कॉरिडोर्स का सर्वे करके उनकी ट्रैफिक कंजेशन मैपिंग करेगा, जिससे यह पता चल सकेगा कि किस कॉरिडोर पर किस वक्त किस वजह से कितना जाम लगता है और उसमें सुधार के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। जिन 77 कॉरिडोर्स की कंजेशन मैपिंग की जाएगी, उनमें अरविंदो मार्ग, विकास मार्ग, एनएच-8, एनएच-24, एनएच-1 के अलग-अलग हिस्से, महरौली-बदरपुर रोड, नजफगढ़ रोड, रिंग रोड, आउटर रिंग रोड के कई कॉरिडोर्स शामिल होंगे। ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों ने गूगल के अधिकारियों से ट्रैफिक व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए सुझाव मांगे हैं और उनसे पूछा है कि इस मामले में वे ट्रैफिक पुलिस की और क्या मदद कर सकते हैं।

स्पेशल कमिश्नर ने कहा है कि कंजेशन मैपिंग के आधार पर ट्रैफिक पुलिस नए सिरे से अपनी रणनीति बनाएगी, ताकि जाम वाली जगहों पर ट्रैफिक को स्मूद बनाने के लिए जरूरी कदम उठा जा सके।

इसके अलावा पिछले 5-6 दिनों से ट्रैफिक पुलिस में एक नई प्रैक्टिस भी शुरू की गई है। इसके तहत ट्रैफिक कंट्रोल रूम से गूगल मैप पर कंजेशन वाली जगहों के स्क्रीन शॉट लेकर संबंधित इलाकों के एसीपी और जेडओ को मौके पर भेजा जाता है और फिर बाद में वे सीनियर अफसरों को यह रिपोर्ट देते हैं। सीनियर अफसर इस काम की डेली बेसिस पर मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

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