Thursday, September 28, 2017

साइबर क्राइम का गढ़ है झारखंड का यह गांव

राज शेखर, नई दिल्ली
जिस गांव के बारे में लगता होगा कि वहां शायद किसी ने बिजली ही न देखी हो, वह साइबर क्राइम का गढ़ निकलेगा, यह कोई सोच भी नहीं सकता। झारखंड के जमटारा जिले के करमाटार गांव में लगभग हर हफ्ते एक जांच टीम किसी टेक-सैवी अपराधी की तलाश में पहुंच जाती है। बैंकिग से जुड़े साइबर अपराधों का करमाटार को केंद्र माना जाता है। पुलिस का मानना है कि देश के आधे साइबर अपराध करमाटार से ही उपजते हैं। यहां के लगभग 200 युवाओं के इन अपराधों में लिप्त होने की आशंका है।

इन्हीं में से एक मोहम्मद सलीम को पिछले दिनों दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। बताया जाता है कि सलीम ने अपने पिता से पढ़ाई छोड़ काम करने की बात कही। उसकी मुलाकात गांव के ही एक व्यक्ति से हुई जो अपने रहन-सहन के कारण चर्चा का विषय बना हुआ था। इसके बाद से सलीम हर समय में अपने कमरे में रहने लगा। उसके कमरे में एक मेज, एक बिस्तर और आधा दर्जन मोबाइल फोन थे। उसके कमरे में किसी को जाने की इजााजत नहीं थी। उसके परिवार को लगता था कि सलीम किसी ऑनलाइन कंपनी के लिए डेटा एंट्री की काम करता था।

हकीकत में सलीम बैंकिंग से जुड़े फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहा था। वह हर रोज ढेरों कॉल्स कर कम से कम 2 लोगों को अपने बैंक कर्मी होने का भरोसा दिलाता। उनसे कहता कि उनका कार्ड ब्लॉक हो गया है। उसे अनब्लॉक करने के लिए उनके फोन पर गया हुआ ओटीपी मांगता। कई लोग उसके झांसे में आ भी जाते। ओटीपी मिलते ही वह अपने शिकार के खाते से पैसे ट्रांसफर कर लेता।

जिस गिरोह के लिए सलीम काम करता था उसके तार पूरे देश में फैले हुए हैं। डीसीपी (अपराध) भीष्म सिंह ने बताया कि दिल्ली के अकाउंट से पैसे राजस्थान या पंजाब पहुंच जाया करते थे।

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