नई दिल्ली
बिटकॉइन(एक प्रकार की डिजिटल मुद्रा) से मोटा मुनाफा दिलाने का झांसा देकर दिल्ली से दो युवकों को किडनैप करके गाजियाबाद में बंधक बनाया और 36 लाख लूटकर भगा दिया। इस केस में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक महिला समेत 6 लोगों को अरेस्ट किया है।
आरोपियों की संख्या पांच से अधिक थी, इसलिए मामला डकैती की दफा में दर्ज है। क्राइम ब्रांच का दावा है कि इस गैंग ने सोशल मीडिया पर बिटकॉइन देने का झांसा देकर कई लोगों को लूटा है। टारगेट दिल्ली में फंसाते, लूटते गाजियाबाद ले जाकर थे।
जॉइंट सीपी प्रवीर रंजन ने बताया कि बिटकॉइन से लूट के सिलसिले में क्राइम ब्रांच को ट्रेडर हितेश शुक्ला नामक शख्स की शिकायत मिली। हितेष के अनुसार, उनका सोशल मीडिया पर करिश्मा राजपूत नाम की महिला से संपर्क हुआ था। करिश्मा ने उन्हें कई देशों में वैध और प्रचलित बिटकॉइन के बारे में बताया था, उसके जरिए मोटा मुनाफा कमाने का लालच दिया। उसके बाद उन्हें बिटकॉइन का धंधा करने वाले सोशल मीडिया के एक ग्रुप में ऐड कर दिया। इस तरह हितेश उनके जाल में फंसते गए। वह बिटकॉइन लेने को तैयार हो गए। डील के तहत बीती 7 अप्रैल को आरोपियों ने उन्हें लक्ष्मीनगर स्थित वी3एस मॉल पर मिलने बुलाया। हितेश अपने दोस्त की फॉर्च्यूनर कार में वहां पहुंचे। वहां दो लोग मिले। वे उन्हें अपने साथ वैशाली (गाजियाबाद) में एक फ्लैट पर ले गए। वहां पहले से अन्य आरोपी मौजूद थे। दोनों दोस्तों को वहां बंधक बनाकर मारा-पीटा और 36 लाख रुपये लूट लिए।
वारदात से हितेश शुक्ला बुरी तरह घबरा गए। उन्हें बिटकॉइन की वैधता के बारे में कुछ नहीं पता था। आखिरकार उनकी शिकायत क्राइम ब्रांच को मिली। डीसीपी राजेश देव और एसीपी संजय सहरावत की टीम ने आरोपियों पर नजर रखनी शुरू की। पता चला कि यह पूरा गैंग है, जो सोशल मीडिया से शिकार फंसाकर लूटता है।
पर्याप्त साक्ष्य मिलते ही पुलिस ने महिला समेत छह आरोपियों को अरेस्ट कर लिया। कुछ फरार हैं। डीसीपी के अनुसार, इस गैंग ने बीती 10 मई को देहरादून के भी एक व्यवसायी से 4 बिटकॉइन लूटी थीं, जिसकी लाखों का रकम ई-वॉलिट से ट्रांसफर करवाई। आरोपियों की पहचान करिश्मा उर्फ प्रिया ठाकुर, यशस्वी शर्मा, कृणाल, देवेंद्र, संदीप चौहान और कर्मवीर के तौर पर हुई।
बिटकॉइन(एक प्रकार की डिजिटल मुद्रा) से मोटा मुनाफा दिलाने का झांसा देकर दिल्ली से दो युवकों को किडनैप करके गाजियाबाद में बंधक बनाया और 36 लाख लूटकर भगा दिया। इस केस में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक महिला समेत 6 लोगों को अरेस्ट किया है।
आरोपियों की संख्या पांच से अधिक थी, इसलिए मामला डकैती की दफा में दर्ज है। क्राइम ब्रांच का दावा है कि इस गैंग ने सोशल मीडिया पर बिटकॉइन देने का झांसा देकर कई लोगों को लूटा है। टारगेट दिल्ली में फंसाते, लूटते गाजियाबाद ले जाकर थे।
जॉइंट सीपी प्रवीर रंजन ने बताया कि बिटकॉइन से लूट के सिलसिले में क्राइम ब्रांच को ट्रेडर हितेश शुक्ला नामक शख्स की शिकायत मिली। हितेष के अनुसार, उनका सोशल मीडिया पर करिश्मा राजपूत नाम की महिला से संपर्क हुआ था। करिश्मा ने उन्हें कई देशों में वैध और प्रचलित बिटकॉइन के बारे में बताया था, उसके जरिए मोटा मुनाफा कमाने का लालच दिया। उसके बाद उन्हें बिटकॉइन का धंधा करने वाले सोशल मीडिया के एक ग्रुप में ऐड कर दिया। इस तरह हितेश उनके जाल में फंसते गए। वह बिटकॉइन लेने को तैयार हो गए। डील के तहत बीती 7 अप्रैल को आरोपियों ने उन्हें लक्ष्मीनगर स्थित वी3एस मॉल पर मिलने बुलाया। हितेश अपने दोस्त की फॉर्च्यूनर कार में वहां पहुंचे। वहां दो लोग मिले। वे उन्हें अपने साथ वैशाली (गाजियाबाद) में एक फ्लैट पर ले गए। वहां पहले से अन्य आरोपी मौजूद थे। दोनों दोस्तों को वहां बंधक बनाकर मारा-पीटा और 36 लाख रुपये लूट लिए।
वारदात से हितेश शुक्ला बुरी तरह घबरा गए। उन्हें बिटकॉइन की वैधता के बारे में कुछ नहीं पता था। आखिरकार उनकी शिकायत क्राइम ब्रांच को मिली। डीसीपी राजेश देव और एसीपी संजय सहरावत की टीम ने आरोपियों पर नजर रखनी शुरू की। पता चला कि यह पूरा गैंग है, जो सोशल मीडिया से शिकार फंसाकर लूटता है।
पर्याप्त साक्ष्य मिलते ही पुलिस ने महिला समेत छह आरोपियों को अरेस्ट कर लिया। कुछ फरार हैं। डीसीपी के अनुसार, इस गैंग ने बीती 10 मई को देहरादून के भी एक व्यवसायी से 4 बिटकॉइन लूटी थीं, जिसकी लाखों का रकम ई-वॉलिट से ट्रांसफर करवाई। आरोपियों की पहचान करिश्मा उर्फ प्रिया ठाकुर, यशस्वी शर्मा, कृणाल, देवेंद्र, संदीप चौहान और कर्मवीर के तौर पर हुई।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।
Read more: बिटकॉइन ट्रेडर से 36 लाख की डकैती