नई दिल्ली
नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) को निर्देश दिया है कि वह यहां यमुना की सफाई और उस पुनर्जीवित करने से जुड़े कामों की प्रगति के संबंध में हर दो महीने में रिपोर्ट दे।
एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अगुवाई वाली बेंच ने मैली से निर्मल यमुना रीवाइटेलाइजेशन प्रॉजेक्ट 2017 से जुड़े फेज-1 के तहत कामों के संबंध में बोर्ड को यह निर्देश जारी किया। बेंच ने साफ कहा कि यहां पहले दौर के काम के तहत 14 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाने समेत कोई भी काम किसी भी अथॉरिटी की वजह से रुकना नहीं चाहिए।
आदेश के मुताबिक, डीजेबी हर दो महीने में प्रोग्रेस रिपोर्ट दायर कर ट्राइब्यूनल को बताएगा कि 13 जनवरी 2015 में जारी जजमेंट के संबंध में काम कितना आगे बढ़ा। मीटिंग में पेश बोर्ड के सीईओ ने बेंच को बताया कि उन्होंने फेज 2 के संबंध में 10 जुलाई को ही प्रॉजेक्ट रिपोर्ट प्रिंसिपल कमिटी को सौंप दी थी। इस पर बेंच ने प्रिंसिपल कमिटी को निर्देश दिया कि वह तीन हफ्तों के भीतर उस रिपोर्ट की जांच कर अपनी रिपोर्ट ट्राइब्यूनल को दे। इसके अलावा बोर्ड ने बेंच को बताया कि यहां 14 एसटीपी बनाने का काम अभी तक शुरू नहीं हो सका है। उसके मुताबिक, उसने इस प्रस्ताव को यह सोचकर पास कर दिया था कि इसके लिए पूरा खर्च नैशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के तहत दिया जाएगा।
ट्राइब्यूनल के जजमेंट के मुताबिक, 14 में से 7 एसटीपी के लिए नमामि गंगे और बाकी 7 एसटीपी लगाने के लिए दिल्ली जल बोर्ड का खुद फंड जुटाना होगा। बोर्ड ने कहा कि वह इसमें सुधार करवाने की कोशिश में लगा है। नमामि गंगे मिशन की ओर से दलील दी गई कि उसने दिल्ली जल बोर्ड को सीवर हैबिलिटेशन के लिए 45 करोड़ का फंड पहले ही रिलीज कर दिया है।
यमुना नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के मुद्दे पर बीते मंगलवार को चेंबर में संबंधित पक्षों के साथ मीटिंग के बाद एनजीटी ने यह आदेश जारी किया। यमुना को प्रदूषण मुक्त बनाने और पुनर्जीवित करने से जुड़े पूरे प्रॉजेक्ट को दो फेज में बांट दिया गया है। इसमें पहले प्रॉजेक्ट के तहत नजफगढ़ नाले, पूरक नाले और दिल्ली गेट नाले से जुड़ा काम है। दूसरे फेज में यमुना से जुड़ने वाले बाकी बचे सभी नाले शामिल हैं।
नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) को निर्देश दिया है कि वह यहां यमुना की सफाई और उस पुनर्जीवित करने से जुड़े कामों की प्रगति के संबंध में हर दो महीने में रिपोर्ट दे।
एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अगुवाई वाली बेंच ने मैली से निर्मल यमुना रीवाइटेलाइजेशन प्रॉजेक्ट 2017 से जुड़े फेज-1 के तहत कामों के संबंध में बोर्ड को यह निर्देश जारी किया। बेंच ने साफ कहा कि यहां पहले दौर के काम के तहत 14 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाने समेत कोई भी काम किसी भी अथॉरिटी की वजह से रुकना नहीं चाहिए।
आदेश के मुताबिक, डीजेबी हर दो महीने में प्रोग्रेस रिपोर्ट दायर कर ट्राइब्यूनल को बताएगा कि 13 जनवरी 2015 में जारी जजमेंट के संबंध में काम कितना आगे बढ़ा। मीटिंग में पेश बोर्ड के सीईओ ने बेंच को बताया कि उन्होंने फेज 2 के संबंध में 10 जुलाई को ही प्रॉजेक्ट रिपोर्ट प्रिंसिपल कमिटी को सौंप दी थी। इस पर बेंच ने प्रिंसिपल कमिटी को निर्देश दिया कि वह तीन हफ्तों के भीतर उस रिपोर्ट की जांच कर अपनी रिपोर्ट ट्राइब्यूनल को दे। इसके अलावा बोर्ड ने बेंच को बताया कि यहां 14 एसटीपी बनाने का काम अभी तक शुरू नहीं हो सका है। उसके मुताबिक, उसने इस प्रस्ताव को यह सोचकर पास कर दिया था कि इसके लिए पूरा खर्च नैशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के तहत दिया जाएगा।
ट्राइब्यूनल के जजमेंट के मुताबिक, 14 में से 7 एसटीपी के लिए नमामि गंगे और बाकी 7 एसटीपी लगाने के लिए दिल्ली जल बोर्ड का खुद फंड जुटाना होगा। बोर्ड ने कहा कि वह इसमें सुधार करवाने की कोशिश में लगा है। नमामि गंगे मिशन की ओर से दलील दी गई कि उसने दिल्ली जल बोर्ड को सीवर हैबिलिटेशन के लिए 45 करोड़ का फंड पहले ही रिलीज कर दिया है।
यमुना नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के मुद्दे पर बीते मंगलवार को चेंबर में संबंधित पक्षों के साथ मीटिंग के बाद एनजीटी ने यह आदेश जारी किया। यमुना को प्रदूषण मुक्त बनाने और पुनर्जीवित करने से जुड़े पूरे प्रॉजेक्ट को दो फेज में बांट दिया गया है। इसमें पहले प्रॉजेक्ट के तहत नजफगढ़ नाले, पूरक नाले और दिल्ली गेट नाले से जुड़ा काम है। दूसरे फेज में यमुना से जुड़ने वाले बाकी बचे सभी नाले शामिल हैं।
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