Thursday, August 3, 2017

16 घंटों में चोटी कटने की 11 कॉल्स मिलीं

नई दिल्ली
बाहरी दिल्ली में चोटी कटने की कॉल्स तेजी से बढ़ी हैं। तमाम कॉलोनियों में चोटी कटने का शोर और अफवाह फैल रही है। फिलहाल इन पर जांच चल रही है, इसलिए न तो इन्हें कोरी अफवाह कहा जा सकता है, और न ही सही घटना। पिछले 15-16 घंटों में चोटी कटने की 11 कॉल पीसीआर को मिली हैं। संबंधित जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों कहना है कि कॉल्स की जांच की जा रही है। जब तक ठोस जानकारी सामने नहीं आती, तब तक न केस दर्ज होगा, न मीडिया को जानकारी दी जाएगी, क्योंकि ऐसी घटनाओं की रिपोर्टिंग से भय का माहौल बन रहा है।

पुलिस सूत्रों से पता चला है कि 16 घंटे में दिल्ली पुलिस के वेस्ट, आउटर और रोहिणी डिस्ट्रिक्ट में चोटी कटने की 11 पीसीआर कॉल आई हैं। पुलिस अधिकारी मौके पर छानबीन में जुटे हैं। तीन कॉल गुरुवार तड़के मिलीं। उनमें दो कॉल्स कापसहेड़ा की हैं, एक नजफगढ़ से है। तीनों जगहों पर महिलाओं की चोटी कटने की जानकारी मिल रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इससे मिलती जुलती सूचनाएं तमाम इलाकों से आ रही हैं। लोग चोटी कटने की घटना का जिक्र कर रहे हैं, लेकिन ये पुख्ता सूचनाएं नहीं कही जा सकतीं, क्योंकि इनकी कोई आधिकारिक पुष्टि खबर लिखे जाने तक नहीं हो सकी है।

दूसरी तरफ, ऐसी घटनाएं और अफवाहें तेजी से फैलने के कारण लोगों का भरोसा पुलिस से ज्यादा टोनों-टोटकों पर बढ़ने लगा है। बाहरी दिल्ली और पालम जैसे एरिया में घरों के बाहर मेहंदी और हल्दी के छापे दिख रहे हैं, जिनसे चोटी कटने का कोई लेना देना नहीं है। पालम और छावला के स्कूलों में अफवाहों के चलते बच्चियों की हाजिरी कम हो गई है। लोगों का कहना है कि बच्चियां डर से स्कूल जाने से कतरा रही हैं।

बंद कमरा, सिर में दर्द, चोटी कटी
कापसहेड़ा में एक 52 वर्षीय महिला के पति ने पुलिस को कॉल की। उन्होंने बताया कि वह बीती रात पत्नी के साथ सोए थे। कमरा और लाइट बंद थी। उनकी पत्नी करीब 11:30 बजे सिर में तेज दर्द से कराह उठी। उन्होंने बेड से उठकर लाइट जलाई तो पत्नी के बाल कटकर जमीन पर गिरे थे। इस बाबत गुरुवार सुबह पुलिस को सूचना दी।

डीसीपी की अपील और विरोधाभास
इस बीच डीसीपी (आउटर) एमएन तिवारी ने एक ऑडियो मैसेज जारी करके मीडिया से अपील की है कि चोटी कटने की घटनाओं पर रिपोर्टिंग न करें, क्योंकि उन केसों का कोई वजूद नहीं है। इस वजह से अफवाहें फैल रही हैं, जिससे डर का माहौल बन रहा है। उन्होंने ऐसी खबरों से अपनी 8 साल की बेटी और अन्य बच्चों के भयभीत होने का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि आज उनकी बेटी चोटी कटने की घटना के बारे में पूछ रही थी। इसी तरह अन्य बच्चे भी डर रहे हैं। डीसीपी का कहना है कि उनके डिस्ट्रिक्ट में ऐसी एक कॉल मिली है, वह भी फेक निकली। अगर बंद कमरे में कोई महिला चोटी कटने की शिकायत कर रही है तो उसका क्या आधार है, ऐसी शिकायतों पर पुलिस कार्रवाई करने का कोई आधार नहीं बनता।

हालांकि, डीसीपी के इस बयान से विरोधाभास पैदा हो रहा है, क्योंकि एक तरफ साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट की पुलिस ऐसी शिकायतों की न सिर्फ जांच कर रही है, बल्कि वैज्ञानिकों और इहबास के मनोचिकित्सकों की भी मदद ले रही है। सीसीटीवी आदि तरीकों के जरिए जांच की जा रही है। साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के पुलिस अधिकारियों का मानना है कि पुलिस की कोशिश है कि इन घटनाओं को बढ़ावा देने वालों का पता लगाकर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए, इसलिए एफआईआर भी दर्ज की गई। साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट में ऐसी 7 शिकायतें पुलिस को मिल चुकी हैं। पुलिस ने उन महिलाओं की मनोस्थिति समझने और उन्हें सामान्य करने के लिए इहबास के चिकित्सकों से उनकी काउंसलिंग भी करवाई है।

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