नई दिल्ली
जीबी रोड के कोठा संचालक, सेक्स वर्कर्स को खुद से ज्यादा बिजली मीटर के 'प्रोटेक्शन' की चिंता सता रही है। दरअसल, बीएसईएस कंपनी बिजली के मीटर रिहायशी परिसर से निकालकर बाहर लगा रही है, लेकिन सेक्स वर्कर्स या कोठा संचालक नहीं चाहते कि मीटर कोठों से बाहर निकले। उनका कहना है कि मीटर कोठों से दूर हुए, तो असमाजिक तत्व उन्हें बड़ी आसानी से तोड़फोड़ देंगे, जिसकी जिम्मेदारी उनके (कोठा संचालक) सिर आएगी।
जीबी रोड पर बिजली मीटर से तोड़फोड़ होने की आशंका ज्यादा रहती है, क्योंकि कोठों पर बड़ी संख्या में असमाजिक तत्व कस्टमर बनकर पहुंचते हैं, उनका कई बार कोठा संचालक, दलाल या सेक्स वर्कर्स से झगड़ा होता है, वे कोठों के बाहर लगे बिजली मीटर को टारगेट कर सकते हैं, मीटर तोड़ सकते हैं या बिजली की लाइन काट सकते हैं, जिस कारण सेक्स वर्कर्स व उनकी फैमिली को खासी परेशानी उठानी पड़ती है। ऐसे हालात में सेक्स वर्कर्स ने कंपनी को लेटर लिखकर बीच का रास्ता सुझाया है।
कोठों में घुसते घबराते हैं मीटर रीडर
यहां एक बिल्डिंग में तीन-चार कोठे चल रहे हैं, जिनकी सीढ़ियां कॉमन हैं। कुछ साल पहले सेक्स वर्कर्स की डिमांड पर ही बिजली के मीटर हर एक कोठे के अंदर लगे थे, क्योंकि बाहर असमाजिक तत्व मीटर को पत्थर मारकर डैमेज कर देते थे। काफी समय से बिजली कंपनी सभी मीटर बाहर शिफ्ट कर रही है, लेकिन जीबी रोड पर मीटर बाहर करने का विरोध हो रहा है।
कंपनी पूरी बिल्डिंग के मीटर सीढ़ियों की एंट्री पर लगाना चाहती है। सेक्स वर्कर्स का कहना है कि मीटर न कोठों की बिल्डिंग के बाहर लगे, न ही कोठों के अंदर रहे, बल्कि हर एक कोठों की एंट्री गेट पर लगा दिए जाएं। दूसरी ओर बिजली कंपनी के एक अधिकारी का कहना है कि वैसे तो सभी जगहों पर मीटर घर से बाहर ही लगाने का नियम है, ऐसे में यदि जीबी रोड के सेक्स वर्कर्स की डिमांड मानी गई, तो मीटर रीडर्स को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
रीडर कोठों में घुसकर रीडिंग लेते घबराते हैं, क्योंकि कुछ बिल्डिंग में कोठा परिसर के अंदर असमाजिक तत्व जमा रहते हैं, जो रीडर को कस्टमर समझकर खींचतान करते हैं। कोठों में कई बार मीटर रीडर के साथ बदसलूकी की घटनाएं हो चुकी हैं, इसलिए रीडर चाहते हैं कि सभी कोठों के मीटर उस बिल्डिंग के बाहर लगाए जाएं, ताकि उन्हें किसी कोठे में न घुसना न पड़े।
एनजीओ ने सुझाया बीच का रास्ता
एनजीओ भारतीय पतिता उद्धार सभा के सचिव इकबाल का कहना है कि बिल्डिंग की एंट्री पर सभी कोठों के मीटर एक साथ लगाने से किसी का कोई लाभ नहीं होगा, बल्कि विवाद बढ़ेगा। कोठों में बड़ी संख्या में असमाजिक तत्व पहुंचते हैं, जिनका अक्सर दलालों से झगड़ा होता है, सीढ़ियों की एंट्री पर लगे मीटर उनका सॉफ्ट टारगेट बनते हैं। उन पर ईंट मारते हैं, तार काटते हैं आदि तरीकों से नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं। इस वजह से बिजली सप्लाई बाधित होती है, कोठा संचालक पर मीटर से छेड़छाड़ का आरोप लगता है, बिल संबंधित विवाद पैदा होते हैं आदि समस्याएं पेश आती हैं।
बिल्डिंग की एंट्री या सीढ़ियों पर कोई झगड़ा होने पर सेक्स वर्कर्स और उनके परिवार कोठों के दरवाजे बंद कर लेते हैं, जिससे बिजली मीटर भी सेफ रहते हैं। अगर मीटर बाहर शिफ्ट किए, तो उन्हें प्रोटेक्शन कौन देगा? पतिता उद्धार सभा के अध्यक्ष खैराती लाल भोला का कहना है कि सेक्स वर्कर्स या कोठा संचालक कोठा परिसर से मीटर शिफ्ट कराने को तैयार हैं, लेकिन उन मीटर को बिल्डिंग के बाहर ले जाने के बजाए हर कोठे के एंट्री गेट के पास लगा दिया जाए। इस बाबत एनजीओ ने कंपनी को पत्र लिखा गया है।
जीबी रोड के कोठा संचालक, सेक्स वर्कर्स को खुद से ज्यादा बिजली मीटर के 'प्रोटेक्शन' की चिंता सता रही है। दरअसल, बीएसईएस कंपनी बिजली के मीटर रिहायशी परिसर से निकालकर बाहर लगा रही है, लेकिन सेक्स वर्कर्स या कोठा संचालक नहीं चाहते कि मीटर कोठों से बाहर निकले। उनका कहना है कि मीटर कोठों से दूर हुए, तो असमाजिक तत्व उन्हें बड़ी आसानी से तोड़फोड़ देंगे, जिसकी जिम्मेदारी उनके (कोठा संचालक) सिर आएगी।
जीबी रोड पर बिजली मीटर से तोड़फोड़ होने की आशंका ज्यादा रहती है, क्योंकि कोठों पर बड़ी संख्या में असमाजिक तत्व कस्टमर बनकर पहुंचते हैं, उनका कई बार कोठा संचालक, दलाल या सेक्स वर्कर्स से झगड़ा होता है, वे कोठों के बाहर लगे बिजली मीटर को टारगेट कर सकते हैं, मीटर तोड़ सकते हैं या बिजली की लाइन काट सकते हैं, जिस कारण सेक्स वर्कर्स व उनकी फैमिली को खासी परेशानी उठानी पड़ती है। ऐसे हालात में सेक्स वर्कर्स ने कंपनी को लेटर लिखकर बीच का रास्ता सुझाया है।
कोठों में घुसते घबराते हैं मीटर रीडर
यहां एक बिल्डिंग में तीन-चार कोठे चल रहे हैं, जिनकी सीढ़ियां कॉमन हैं। कुछ साल पहले सेक्स वर्कर्स की डिमांड पर ही बिजली के मीटर हर एक कोठे के अंदर लगे थे, क्योंकि बाहर असमाजिक तत्व मीटर को पत्थर मारकर डैमेज कर देते थे। काफी समय से बिजली कंपनी सभी मीटर बाहर शिफ्ट कर रही है, लेकिन जीबी रोड पर मीटर बाहर करने का विरोध हो रहा है।
कंपनी पूरी बिल्डिंग के मीटर सीढ़ियों की एंट्री पर लगाना चाहती है। सेक्स वर्कर्स का कहना है कि मीटर न कोठों की बिल्डिंग के बाहर लगे, न ही कोठों के अंदर रहे, बल्कि हर एक कोठों की एंट्री गेट पर लगा दिए जाएं। दूसरी ओर बिजली कंपनी के एक अधिकारी का कहना है कि वैसे तो सभी जगहों पर मीटर घर से बाहर ही लगाने का नियम है, ऐसे में यदि जीबी रोड के सेक्स वर्कर्स की डिमांड मानी गई, तो मीटर रीडर्स को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
रीडर कोठों में घुसकर रीडिंग लेते घबराते हैं, क्योंकि कुछ बिल्डिंग में कोठा परिसर के अंदर असमाजिक तत्व जमा रहते हैं, जो रीडर को कस्टमर समझकर खींचतान करते हैं। कोठों में कई बार मीटर रीडर के साथ बदसलूकी की घटनाएं हो चुकी हैं, इसलिए रीडर चाहते हैं कि सभी कोठों के मीटर उस बिल्डिंग के बाहर लगाए जाएं, ताकि उन्हें किसी कोठे में न घुसना न पड़े।
एनजीओ ने सुझाया बीच का रास्ता
एनजीओ भारतीय पतिता उद्धार सभा के सचिव इकबाल का कहना है कि बिल्डिंग की एंट्री पर सभी कोठों के मीटर एक साथ लगाने से किसी का कोई लाभ नहीं होगा, बल्कि विवाद बढ़ेगा। कोठों में बड़ी संख्या में असमाजिक तत्व पहुंचते हैं, जिनका अक्सर दलालों से झगड़ा होता है, सीढ़ियों की एंट्री पर लगे मीटर उनका सॉफ्ट टारगेट बनते हैं। उन पर ईंट मारते हैं, तार काटते हैं आदि तरीकों से नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं। इस वजह से बिजली सप्लाई बाधित होती है, कोठा संचालक पर मीटर से छेड़छाड़ का आरोप लगता है, बिल संबंधित विवाद पैदा होते हैं आदि समस्याएं पेश आती हैं।
बिल्डिंग की एंट्री या सीढ़ियों पर कोई झगड़ा होने पर सेक्स वर्कर्स और उनके परिवार कोठों के दरवाजे बंद कर लेते हैं, जिससे बिजली मीटर भी सेफ रहते हैं। अगर मीटर बाहर शिफ्ट किए, तो उन्हें प्रोटेक्शन कौन देगा? पतिता उद्धार सभा के अध्यक्ष खैराती लाल भोला का कहना है कि सेक्स वर्कर्स या कोठा संचालक कोठा परिसर से मीटर शिफ्ट कराने को तैयार हैं, लेकिन उन मीटर को बिल्डिंग के बाहर ले जाने के बजाए हर कोठे के एंट्री गेट के पास लगा दिया जाए। इस बाबत एनजीओ ने कंपनी को पत्र लिखा गया है।
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