सुचित्रा रॉय, नई दिल्ली
दिल्ली मेट्रो का फेज 3 प्रॉजेक्ट लगभग पूरा होने वाला है और कॉरपोरेशन ट्रेनों की संख्या विस्तार की तैयारी में है। मार्च 2018 तक न सिर्फ मेट्रो को नेटवर्क 218 किलोमीटर से बढ़कर 348 किलोमीटर हो जाएगा बल्कि ट्रेनों की संख्या में भी 45 फीसदी तक का इजाफा हो जाएगा। फिलहाल सभी लाइनों की ट्रेनों की संख्या मिलाकर 227 है, जो मार्च तक बढ़कर 328 हो जाएगी।
अक्टूबर के महीने से दिल्ली मेट्रो मजेंटा(जनकपुरी- वेस्ट बॉटैनिकल गार्डन) और पिंक लाइन(मजलिस पार्क- शिव विहार) की कमिशनिंग दो फेजों में शुरू कर देगी। इन दोनों लाइनों पर मार्च 2018 से मेट्रो दौड़ने लगेगी।
फिलहाल डीएमआरसी 227 ट्रेनें चलाती है। इनमें 4 कोचों वाली, 6 कोचों वाली और 8 कोचों वाली ट्रेनें शामिल हैं। फेज 3 का काम पूरा हो जाने के बाद ट्रेनों की संख्या 328 हो जाएगी और कोचों की संख्या 1,468 से बढ़कर 2,158 तक पहुंच जाएगी।
वहीं, 690 नए कोचों में से 504 मजेंटा ओर पिंक लाइन मेट्रो में इस्तेमाल किए जाएंगे और मौजूदा कॉरिडोर्स पर चलने वाली मेट्रो की संख्या 227 से बढ़कर 244 हो जाएगी। इनमें से ज्यादातर 8 कोचों वाली मेट्रो होंगी, ताकि यात्रियों की भीड़ से निबटा जा सके। इसके अलावा, 6 कोचों वाली मेट्रो ट्रेनों को भी 8 कोच वाली मेट्रो में तब्दील किया जाएगा।
ब्लू लाइन मेट्रो कॉरिडोर सबसे व्यस्त रहता है। इस कॉरिडोर को सबसे ज्यादा ट्रेनें दी जाएंगी। इस कॉरिडोर पर 8 कोचों वाली ट्रेनों को 56 से बढ़ाकर 65 किया जाएगा। इसके बाद दूसरा सबसे बिजी कॉरिडोर है येलो लाइन। इस कॉरिडोर पर भी ट्रेनों की संख्या को 38 से बढ़ाकर 52 किए जाने की योजना है।
पिंक और मजेंटा लाइनों पर 6 कोचों वाली ट्रेनें चलेंगी क्योंकि ब्लू और येलो लाइनों के मुकाबले यहां कम भीड़ की गुंजाइश है।
इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ें
दिल्ली मेट्रो का फेज 3 प्रॉजेक्ट लगभग पूरा होने वाला है और कॉरपोरेशन ट्रेनों की संख्या विस्तार की तैयारी में है। मार्च 2018 तक न सिर्फ मेट्रो को नेटवर्क 218 किलोमीटर से बढ़कर 348 किलोमीटर हो जाएगा बल्कि ट्रेनों की संख्या में भी 45 फीसदी तक का इजाफा हो जाएगा। फिलहाल सभी लाइनों की ट्रेनों की संख्या मिलाकर 227 है, जो मार्च तक बढ़कर 328 हो जाएगी।
अक्टूबर के महीने से दिल्ली मेट्रो मजेंटा(जनकपुरी- वेस्ट बॉटैनिकल गार्डन) और पिंक लाइन(मजलिस पार्क- शिव विहार) की कमिशनिंग दो फेजों में शुरू कर देगी। इन दोनों लाइनों पर मार्च 2018 से मेट्रो दौड़ने लगेगी।
फिलहाल डीएमआरसी 227 ट्रेनें चलाती है। इनमें 4 कोचों वाली, 6 कोचों वाली और 8 कोचों वाली ट्रेनें शामिल हैं। फेज 3 का काम पूरा हो जाने के बाद ट्रेनों की संख्या 328 हो जाएगी और कोचों की संख्या 1,468 से बढ़कर 2,158 तक पहुंच जाएगी।
वहीं, 690 नए कोचों में से 504 मजेंटा ओर पिंक लाइन मेट्रो में इस्तेमाल किए जाएंगे और मौजूदा कॉरिडोर्स पर चलने वाली मेट्रो की संख्या 227 से बढ़कर 244 हो जाएगी। इनमें से ज्यादातर 8 कोचों वाली मेट्रो होंगी, ताकि यात्रियों की भीड़ से निबटा जा सके। इसके अलावा, 6 कोचों वाली मेट्रो ट्रेनों को भी 8 कोच वाली मेट्रो में तब्दील किया जाएगा।
ब्लू लाइन मेट्रो कॉरिडोर सबसे व्यस्त रहता है। इस कॉरिडोर को सबसे ज्यादा ट्रेनें दी जाएंगी। इस कॉरिडोर पर 8 कोचों वाली ट्रेनों को 56 से बढ़ाकर 65 किया जाएगा। इसके बाद दूसरा सबसे बिजी कॉरिडोर है येलो लाइन। इस कॉरिडोर पर भी ट्रेनों की संख्या को 38 से बढ़ाकर 52 किए जाने की योजना है।
पिंक और मजेंटा लाइनों पर 6 कोचों वाली ट्रेनें चलेंगी क्योंकि ब्लू और येलो लाइनों के मुकाबले यहां कम भीड़ की गुंजाइश है।
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