Wednesday, June 28, 2017

दिल्ली में 75% रोड साइनेज हैं गलत

नई दिल्ली

दिल्ली में रोड सेफ्टी साइनेज पर भरोसा कर गाड़ी चलाना खतरनाक है। पिछले एक साल में इन दोषपूर्ण रोड साइनेज की वजह से दिल्ली में 1622 लोगों की मौत हुई। इनमें 684 पैदल चलने वाले थे।

इंस्टिट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन (IRTE) के सर्वे के मुताबिक, राजधानी की सड़कों पर लगे करीब 75 फीसदी रोड साइनेज इंडियन रोड कांग्रेस (IRC) के तय स्टैंडर्ड के मुताबिक नहीं हैं। गलत साइनेज से दिल्ली में मुकरबा और पीरागढ़ी चौक सबसे खतरनाक बन गए हैं। गुड़गांव स्थित इफको चौक पर इसी वजह से पिछले एक साल के दौरान 365 लोगों की मौत हुई है। आइआरटीआई ने दिल्ली में 14 सड़कों पर करीब 85 किमी तक 1514 साइनेज की स्टडी की, जिनमें 1098 रोड साइनेज ठीक नहीं थे।

आईआरटीई के प्रेजिडेंट रोहित बलूजा के मुताबिक, दिल्ली में 249 स्पीड लिमिट के साइनेज की स्टडी की, जिनमें 241 स्टैंडर्ड के मुताबिक नहीं मिले। दिल्ली-एनसीआर में 30 स्टॉप साइन की स्टडी की गई, जिसमें सभी गलत तरीके से लगाए गए मिले। रोड डिवाइडर पर गाड़ियों को लेफ्ट और राइट रखने के लिए लगे 60 साइनेज में से 59 गलत निकले।

साइनेज ठीक न होने के कारण दुनिया में अमेरिका के बाद भारत में सबसे अधिक सड़क हादसे होते हैं। आईआरटीई के प्रेजिडेंट के अनुसार, दिल्ली में रोड साइनेज जितनी ऊंचाई पर लगाया जाना चाहिए, अथॉरिटीज ने उतनी ऊंचाई पर इसे नहीं लगाया। इसके अलावा, लिखावट भी जैसी होनी चाहिए, वैसी नहीं थी।

8 कोण वाला स्टॉप साइन काफी महत्वपूर्ण होता है, लेकिन यह साइन भी अधिकतर स्थानों पर दोषपूर्ण है। ये साइन रेड और वाइट होनी चाहिए। मगर, दूसरी ओर किसी कलर का इस्तेमाल नहीं किया गया है। दिल्ली-एनसीआर में ऐसे 30 स्टॉप साइन की स्टडी की गई, लेकिन ये सभी साइन गलत तरीके से लगाए गए हैं।

आईआरटीई के पदाधिकारियों का कहना है कि रोड साइनेज में खामियां हैं। गाड़ी चलाने वालों को भी रोड साइनेज के बारे में जानकारी नहीं है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के कई कर्मचारियों को कई रोड साइनेज के बारे में प्रॉपर जानकारी नहीं है। ऐसे में लोग न रोड साइनेज पर दिए गए निर्देशों का पालन करते हैं और न ही ट्रैफिक पुलिस नियमों का उल्लंघन करने पर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करती है।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।


Read more: दिल्ली में 75% रोड साइनेज हैं गलत