Wednesday, May 3, 2017

HC ने दिया स्पीड ब्रेकरों की गिनती का आदेश

नई दिल्ली
दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को नगर निगमों, ट्रैफिक पुलिस और दूसरी सिविक एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे दिल्ली की हर सड़कों का निरीक्षण करें और उन पर बने कुल स्पीड ब्रेकरों को गिनकर बताए। कोर्ट ने यह निर्देश तब दिया जब दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने बताया कि शहर में PWD द्वारा बनाई सड़कों पर सिर्फ 93 स्पीड ब्रेकर ही अधिकृत तौर पर बने हैं।

जस्टिस एस. रविंद्र भट्ट और जस्टिस योगेश खन्ना की बेंच ने एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे दिल्ली की सड़कों पर गढ्ढों, मेनहोल और इस तरह की दूसरी सभी चीजों की पहचान कर कोर्ट में रिपोर्ट पेश करें। दरअसल ट्रैफिक पुलिस ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली की मुख्य सड़कों पर 93 स्पीड ब्रेकर हैं लेकिन वह यह नहीं बता पाई कि कॉलोनियों, अपार्टमेंट सोसाइटियों जैसे इलाकों में बनी दूसरी सड़कों पर कितने स्पीड ब्रेकर हैं।

बेंच ने दिल्ली के तीनों नगर-निगमों के चीफ इंजिनियरों और स्पेशल कमिश्नर ऑफ पुलिस को निर्देश दिया कि वे मिलकर काम करें और स्पीड ब्रेकरों की असली संख्या बताएं। बेंच ने DDA (दिल्ली डिवेलपमेंट अथॉरिटी), दिल्ली कैंट, PWD और दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल ऐंड इंफ्रस्ट्रकचर डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन को भी यही निर्देश दिया है।

एजेंसियों को न सिर्फ स्पीड ब्रेकरों की गिनती करनी है बल्कि यह भी बताना है कि इसमें से कितनी अधिकृत हैं और कितनी गैर-अधिकृत। कोर्ट ने एजेंसियों से 16 अगस्त को अगली सुनवाई तक तक प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश करने को कहा है। दरअसल हाई कोर्ट दिल्ली की सड़कों पर अनधिकृत तौर पर बने स्पीड ब्रेकरों के खिलाफ 2 जनहित याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है। हाई कोर्ट ने 2016 में एजेंसियों को राष्ट्रीय राजधानी में मानकों के खिलाफ और ट्रैफिक पुलिस की बिना मंजूरी के बने सभी स्पीड ब्रेकरों को हटाने का निर्देश दिया था।

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