नई दिल्ली
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जीएसटी सिस्टम को लागू करने की प्रक्रिया को दोषपूर्ण बताया और इससे राष्ट्रीय राजधानी में महंगाई बढ़ने का दावा किया है। सिसोदिया ने कहा कि सैद्धांतिक तौर पर दिल्ली सरकार जीएसटी के पक्ष में है, लेकिन इसे लागू करने के दोषपूर्ण तरीके को देखते हुए महंगाई बढ़ना तय है। सिसोदिया ने दिल्ली के 50 से अधिक व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात के बाद यह बात कही।
वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने इस बारे में कहा कि 28 पर्सेंट का टैक्स स्लैब बहुत ज्यादा है और सरकार को मिनिमम टैक्स-मोर कम्प्लायंस के फॉर्मुले पर काम करना चाहिए । उन्होंने कहा कि वो 3 जून को जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में व्यापारियों के पक्ष को पुरजोर तरीके से रखेंगे। मनीष सिसोदिया ने कहा कि वो चाहते हैं कि ज्यादातर वस्तुओं पर 5 पर्सेंट और 12 पर्सेंट का टैक्स हो ना कि 18 पर्सेंट और 28 पर्सेंट।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में यह सबसे बड़ा बदलाव है। सिसोदिया ने कहा कि वह लगातार इस पहलू को जीएसटी परिषद में उठाते रहे हैं। पिछली बैठक में भी उन्होंने झाड़ूसे लेकर ट्रैक्टर जैसे उत्पादों की कीमत में इजाफे से मंहगाई बढ़ने की आशंका जतायी थी। उन्होंने कहा कि अभी इन वस्तुओं पर 5 से 12.5 प्रतिशत वैट और इतना ही उत्पाद शुल्क लगता है, लेकिन अब 28 प्रतिशत जीएसटी लगने से इनकी कीमतें बढ़ना तय है जिससे आम आदमी के लिये गुजर बसर कठिन हो जाएगा।
सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार ने जीएसटी विधेयक पारित करने के लिये कल विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया है। इसमें जीएसटी कर प्रणाली की जटिलता और इसे लागू करने की दोषपूर्ण प्रोसेस के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत विचार विमर्श किया जाएगा।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जीएसटी सिस्टम को लागू करने की प्रक्रिया को दोषपूर्ण बताया और इससे राष्ट्रीय राजधानी में महंगाई बढ़ने का दावा किया है। सिसोदिया ने कहा कि सैद्धांतिक तौर पर दिल्ली सरकार जीएसटी के पक्ष में है, लेकिन इसे लागू करने के दोषपूर्ण तरीके को देखते हुए महंगाई बढ़ना तय है। सिसोदिया ने दिल्ली के 50 से अधिक व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात के बाद यह बात कही।
वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने इस बारे में कहा कि 28 पर्सेंट का टैक्स स्लैब बहुत ज्यादा है और सरकार को मिनिमम टैक्स-मोर कम्प्लायंस के फॉर्मुले पर काम करना चाहिए । उन्होंने कहा कि वो 3 जून को जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में व्यापारियों के पक्ष को पुरजोर तरीके से रखेंगे। मनीष सिसोदिया ने कहा कि वो चाहते हैं कि ज्यादातर वस्तुओं पर 5 पर्सेंट और 12 पर्सेंट का टैक्स हो ना कि 18 पर्सेंट और 28 पर्सेंट।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में यह सबसे बड़ा बदलाव है। सिसोदिया ने कहा कि वह लगातार इस पहलू को जीएसटी परिषद में उठाते रहे हैं। पिछली बैठक में भी उन्होंने झाड़ूसे लेकर ट्रैक्टर जैसे उत्पादों की कीमत में इजाफे से मंहगाई बढ़ने की आशंका जतायी थी। उन्होंने कहा कि अभी इन वस्तुओं पर 5 से 12.5 प्रतिशत वैट और इतना ही उत्पाद शुल्क लगता है, लेकिन अब 28 प्रतिशत जीएसटी लगने से इनकी कीमतें बढ़ना तय है जिससे आम आदमी के लिये गुजर बसर कठिन हो जाएगा।
सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार ने जीएसटी विधेयक पारित करने के लिये कल विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया है। इसमें जीएसटी कर प्रणाली की जटिलता और इसे लागू करने की दोषपूर्ण प्रोसेस के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत विचार विमर्श किया जाएगा।
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