नई दिल्ली
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के तुगलकाबाद इलाके में शनिवार को कंटेनर डिपो से गैस लीक होने की वजह से 300 से अधिक स्कूली लड़कियां बीमार हो गई हैं। सभी बच्चियों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। गैस रिसाव की यह घटना एक स्कूल के पास में हुई जिसके कारण इससे सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स ही प्रभावित हुए हैं। कैसे क्या हुआ, यह जानने के लिए पढ़ें परीक्षित निर्भय की रिपोर्ट:
रानी झांसी सर्वोदय कन्या विद्यालय की 7वीं की स्टूडेंट प्रीती ने बताया कि आज सुबह जब मैं स्कूल पहुंची तो अपनी दोस्तों के साथ क्लास की ओर जा रही थी। अभी सेंकड फ्लोर तक पहुंची थी कि इतने में मेरी आंख में जलन सी होने लगी। मुझे लगा कि मेरी आंख में कुछ गिर गया है। मैंने अपने दुपट्टे को मुंह से फूंक मारते हुए अपनी आंख पर भी रखा, लेकिन कोई आराम नहीं मिला। इतनी ही देर में मेरी साथ की बाकी दोस्तों की हालत भी खराब होने लगी। फिर भी हम क्लास की ओर दौड़ पड़े। वहां सुमित्रा मैडम क्लास में थी और बाकी क्लासमेट्स भी अपनी आंखों को रगड़ रहे थे। तभी ऐम्बुलेंस स्कूल पहुंचा और सुमित्रा मैडम ने हमें उसमें बैठा दिया।
प्रीती स्कूल के पास एक कॉलोनी में रहती है। उसके पिता ऑटो ड्राइवर हैं। सुबह 'सांध्य टाइम्स' से फोन पर बातचीत में प्रीती ने तुगलकाबाद डिपो से हुए गैस लीक के बारे की जानकारी दी थी। प्रीती का कहना है कि महज 20 से 25 मिनट के भीतर पूरे स्कूल की स्टूडेंट्स की हालत खराब हो गई। सब अपनी आंखों में दर्द की शिकायत के कारण रो रहे थे। ऐसा लग रहा था मानों किसी ने आंख में मिर्ची डाल दी हो। प्रीती ने बताया, 'हम में से कुछ ने टीचर के कहने पर ठंडे पानी से मुंह धोया था, लेकिन आंख में पानी जाने के बाद जलन कम नहीं हुई। जलन इतनी तेज थी कि आंख से पानी और सिर दर्द से फटा जा रहा था।'
वहीं, पुल प्रहलादपुर पुलिस स्टेशन के समीप रहने वाली 8वीं की छात्रा विनीता तोमर ने बताया कि क्लास में बैठने के बाद उसे तकलीफ होनी शुरू हुई थी। उस वक्त क्लास में टीचर नहीं थी। जब एक साथ कई लड़कियों को दर्द से चीखते हुए सुना, तो महिमा मैडम क्लास में पहुंचीं। यहां 12 छात्राओं की हालत खराब हो गई थी।
बता दें कि गैस लीक की सूचना मिलने के बाद सुबह करीब 7.45 बजे पहुंचे ऐम्बुलेंस ने बच्चियों को ओखला ईएसआई, अपोलो और जामिया हमदर्द अस्पताल पहुंचाया। चूंकि छात्राओं की संख्या ज्यादा थी इसलिए ऐम्बुलेंस चालकों ने तत्काल अलग-अलग अस्पताल ले जाना उचित समझा। जामिया हमदर्द अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ़ अजाज मुस्तफा ने बताया कि अस्पताल पहुंचने के बाद बच्चियों का उपचार तत्काल शुरू कर दिया गया था। वैसे कुछ समय बाद अधिकांश बच्चियां ठीक हो चुकी हैं। कुछ की स्थिति अब भी थोड़ी नाजुक है। उनका उपचार चल रहा है।
पढ़ेंः दिल्ली के तुगलकाबाद में गैस लीक, 300 लड़कियां अस्पताल में भर्ती
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के तुगलकाबाद इलाके में शनिवार को कंटेनर डिपो से गैस लीक होने की वजह से 300 से अधिक स्कूली लड़कियां बीमार हो गई हैं। सभी बच्चियों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। गैस रिसाव की यह घटना एक स्कूल के पास में हुई जिसके कारण इससे सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स ही प्रभावित हुए हैं। कैसे क्या हुआ, यह जानने के लिए पढ़ें परीक्षित निर्भय की रिपोर्ट:
रानी झांसी सर्वोदय कन्या विद्यालय की 7वीं की स्टूडेंट प्रीती ने बताया कि आज सुबह जब मैं स्कूल पहुंची तो अपनी दोस्तों के साथ क्लास की ओर जा रही थी। अभी सेंकड फ्लोर तक पहुंची थी कि इतने में मेरी आंख में जलन सी होने लगी। मुझे लगा कि मेरी आंख में कुछ गिर गया है। मैंने अपने दुपट्टे को मुंह से फूंक मारते हुए अपनी आंख पर भी रखा, लेकिन कोई आराम नहीं मिला। इतनी ही देर में मेरी साथ की बाकी दोस्तों की हालत भी खराब होने लगी। फिर भी हम क्लास की ओर दौड़ पड़े। वहां सुमित्रा मैडम क्लास में थी और बाकी क्लासमेट्स भी अपनी आंखों को रगड़ रहे थे। तभी ऐम्बुलेंस स्कूल पहुंचा और सुमित्रा मैडम ने हमें उसमें बैठा दिया।
प्रीती स्कूल के पास एक कॉलोनी में रहती है। उसके पिता ऑटो ड्राइवर हैं। सुबह 'सांध्य टाइम्स' से फोन पर बातचीत में प्रीती ने तुगलकाबाद डिपो से हुए गैस लीक के बारे की जानकारी दी थी। प्रीती का कहना है कि महज 20 से 25 मिनट के भीतर पूरे स्कूल की स्टूडेंट्स की हालत खराब हो गई। सब अपनी आंखों में दर्द की शिकायत के कारण रो रहे थे। ऐसा लग रहा था मानों किसी ने आंख में मिर्ची डाल दी हो। प्रीती ने बताया, 'हम में से कुछ ने टीचर के कहने पर ठंडे पानी से मुंह धोया था, लेकिन आंख में पानी जाने के बाद जलन कम नहीं हुई। जलन इतनी तेज थी कि आंख से पानी और सिर दर्द से फटा जा रहा था।'
वहीं, पुल प्रहलादपुर पुलिस स्टेशन के समीप रहने वाली 8वीं की छात्रा विनीता तोमर ने बताया कि क्लास में बैठने के बाद उसे तकलीफ होनी शुरू हुई थी। उस वक्त क्लास में टीचर नहीं थी। जब एक साथ कई लड़कियों को दर्द से चीखते हुए सुना, तो महिमा मैडम क्लास में पहुंचीं। यहां 12 छात्राओं की हालत खराब हो गई थी।
बता दें कि गैस लीक की सूचना मिलने के बाद सुबह करीब 7.45 बजे पहुंचे ऐम्बुलेंस ने बच्चियों को ओखला ईएसआई, अपोलो और जामिया हमदर्द अस्पताल पहुंचाया। चूंकि छात्राओं की संख्या ज्यादा थी इसलिए ऐम्बुलेंस चालकों ने तत्काल अलग-अलग अस्पताल ले जाना उचित समझा। जामिया हमदर्द अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ़ अजाज मुस्तफा ने बताया कि अस्पताल पहुंचने के बाद बच्चियों का उपचार तत्काल शुरू कर दिया गया था। वैसे कुछ समय बाद अधिकांश बच्चियां ठीक हो चुकी हैं। कुछ की स्थिति अब भी थोड़ी नाजुक है। उनका उपचार चल रहा है।
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