नई दिल्ली
निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों की सुप्रीम कोर्ट से फांसी की सजा बरकरार रहने के बाद इनके ऊपर लगाई गई टू लेयर मॉनिटरिंग लेयर को थ्री लेयर का कर दिया गया है। अब इन पर नजर रखने के लिए तमिलनाडु स्पेशल पुलिस (TSP) के जवान भी तैनात कर दिए गए हैं। ये जवान 24 घंटे सातों दिन इनकी निगरानी करेंगे। यह निगरानी दो तरह से अहम बताई गई हैं, कहीं ये सूइसाइड करने की कोशिश न करें या फिर जेल से न भाग जाएं।
तिहाड़ जेल प्रशासन ने यह कदम सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद उठाया है। जेल अधिकारियों ने बताया कि चारों दोषियों में से एक विनय करीब 15 दिन पहले तक जेल नंबर-4 में बंद था। बताया गया है कि यहां इसने दीवार पर अपना सिर फोड़ने की कोशिश की। इसके बाद इसे जेल नंबर-4 से जेल नंबर-7 के हाई सिक्यॉरिटी वॉर्ड में शिफ्ट कर दिया गया। दूसरे तीन दोषियों को मुकेश, पवन और अक्षय जेल नंबर-2 के वॉर्ड नंबर-3 में रखा गया है। इनमें से एक पवन को अलग सेल में बंद किया गया है। यानी ये चारों तीन अलग-अलग सेल में बंद हैं। इनके ऊपर राउंड द क्लॉक टीएसपी के तीन जवान लगा दिए गए हैं।
बताया जाता है कि सुप्रीम कोर्ट से आए फैसले को इन्होंने जैसे ही न्यूज चैनल पर देखा, ये बेचैन हो गए। इन्हें अपनी फांसी की सजा उम्रकैद में बदलने की उम्मीद थी। लेकिन फैसला आने के बाद चारों देर रात तक चुप रहे। इसके बाद जेल प्रशासन ने इनकी मनोदशा को समझते हुए शनिवार को इनकी काउंसलिंग कराई। इसके लिए विशेष तौर पर काउंसलिंग करने वाले तीन सीनियर डॉक्टरों को बुलाया गया। ये डॉक्टर रेगुलर हेल्थ चेकअप करेंगे और उनकी काउंसलिंग भी करेंगे। कोर्ट के इस फैसले से इन चारों को छोड़कर अधिकतर कैदी भी खुश थे। दूसरे कैदियों ने जेल अधिकारियों को बताया कि इन लोगों का गुनाह ही इतना खतरनाक था कि कोर्ट इनकी सजा में किसी भी तरह की कोई रियायत शायद ही देती। जैसा सोचा जा रहा था, कोर्ट का फैसला भी वैसा ही आया।
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