नई दिल्ली
क्लास 12 के बायलॉजी के एक प्रश्न पर विवाद के बाद सीबीएसई ने सब्जेक्ट एक्सपर्ट को हटा दिया है। बोर्ड ने माना है कि प्रश्न पत्र में शब्द का गलत इस्तेमाल हुआ है, इसलिए एक्शन लिया गया है। एयर पल्यूशन से जुड़े सवाल में 'दफनाइए, जलाइए नहीं' से विवाद हो गया था। बुधवार को क्लास 12 के बायलॉजी के पेपर में बिगड़ती एयर क्वॉलिटी को देखते हुए एक सवाल पूछा गया था। इसे लेकर सोशल मीडिया में विवाद शुरू हुआ।
इस सवाल में कहा गया था कि आपके इलाके की रिहायशी कल्याण संस्था ने 'दफनाइए, जलाइए नहीं' जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया और जीव विज्ञान का स्टूडेंट होने के नाते आपको इसमें हिस्सा लेने के लिए इनवाइट किया गया है। तो 'दफनाने को बढ़ावा देने और जलाने को निरुत्साहित करने के आपके तर्क की पुष्टि किस प्रकार करेंगे?'
सेक्शन डी के इस क्वेश्चन पर एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर से सवाल करते हुए आलोक भट्ट नाम के एक शख्स ने ट्विटर पर पेपर टैग कर कुछ ट्वीट किए थे। इसके बाद सवाल को अंतिम संस्कार से जोड़ते हुए विवाद और बढ़ा। आलोक ने पूछा था कि यह सवाल बायलॉजी के संदर्भ में कैसे पूछा जा सकता है? क्या सीबीएसई 'दफनाने' की बजाय 'जलाने' को प्रमोट करना चाहती है?
हालांकि, ट्विटर पर बड़ी तादाद में लोगों ने साफ भी किया था कि सवाल पत्तों या कूड़े को जलाने या गाड़ने के लिए पूछा जा रहा है। हालांकि, सीबीएसई ने एक्शन लेते हए इस सवाल को बनाने वाले सब्जेक्ट एक्सपर्ट को हटा दिया है। यानी बतौर सब्जेक्ट एक्सपर्ट उनसे आगे काम नहीं लिया जाएगा।
बोर्ड के एक अधिकारी का कहना है कि 'दफनाने' शब्द का गलत इस्तेमाल हुआ है, जिससे मायने बदल जाता है। अगर इसमें किसी और की गलती भी पाई गई, तो एक्शन लिया जाएगा। हालांकि बोर्ड का कहना है कि सवाल इको सिस्टम के संदर्भ में था और किताब में इस पर चैप्टर है, जिसमें कोई भी गड़बड़ी नहीं है। टीचर्स का भी मानना है कि सवाल वेस्ट डिस्पोजल पर था।
क्लास 12 के बायलॉजी के एक प्रश्न पर विवाद के बाद सीबीएसई ने सब्जेक्ट एक्सपर्ट को हटा दिया है। बोर्ड ने माना है कि प्रश्न पत्र में शब्द का गलत इस्तेमाल हुआ है, इसलिए एक्शन लिया गया है। एयर पल्यूशन से जुड़े सवाल में 'दफनाइए, जलाइए नहीं' से विवाद हो गया था। बुधवार को क्लास 12 के बायलॉजी के पेपर में बिगड़ती एयर क्वॉलिटी को देखते हुए एक सवाल पूछा गया था। इसे लेकर सोशल मीडिया में विवाद शुरू हुआ।
इस सवाल में कहा गया था कि आपके इलाके की रिहायशी कल्याण संस्था ने 'दफनाइए, जलाइए नहीं' जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया और जीव विज्ञान का स्टूडेंट होने के नाते आपको इसमें हिस्सा लेने के लिए इनवाइट किया गया है। तो 'दफनाने को बढ़ावा देने और जलाने को निरुत्साहित करने के आपके तर्क की पुष्टि किस प्रकार करेंगे?'
सेक्शन डी के इस क्वेश्चन पर एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर से सवाल करते हुए आलोक भट्ट नाम के एक शख्स ने ट्विटर पर पेपर टैग कर कुछ ट्वीट किए थे। इसके बाद सवाल को अंतिम संस्कार से जोड़ते हुए विवाद और बढ़ा। आलोक ने पूछा था कि यह सवाल बायलॉजी के संदर्भ में कैसे पूछा जा सकता है? क्या सीबीएसई 'दफनाने' की बजाय 'जलाने' को प्रमोट करना चाहती है?
हालांकि, ट्विटर पर बड़ी तादाद में लोगों ने साफ भी किया था कि सवाल पत्तों या कूड़े को जलाने या गाड़ने के लिए पूछा जा रहा है। हालांकि, सीबीएसई ने एक्शन लेते हए इस सवाल को बनाने वाले सब्जेक्ट एक्सपर्ट को हटा दिया है। यानी बतौर सब्जेक्ट एक्सपर्ट उनसे आगे काम नहीं लिया जाएगा।
बोर्ड के एक अधिकारी का कहना है कि 'दफनाने' शब्द का गलत इस्तेमाल हुआ है, जिससे मायने बदल जाता है। अगर इसमें किसी और की गलती भी पाई गई, तो एक्शन लिया जाएगा। हालांकि बोर्ड का कहना है कि सवाल इको सिस्टम के संदर्भ में था और किताब में इस पर चैप्टर है, जिसमें कोई भी गड़बड़ी नहीं है। टीचर्स का भी मानना है कि सवाल वेस्ट डिस्पोजल पर था।
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Read more: एग्जाम में 'दफनाने और जलाने' पर प्रश्न, बवाल