Friday, March 31, 2017

रामजस में 4 'राष्ट्रवादी' नाटकों का मंचन रद्द

नई दिल्ली
पिछले महीने हिंसक प्रदर्शनों का गवाह बना दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) का रामजस कॉलेज एक बार फिर सुर्खियों में है। शुक्रवारको कॉलेज के वार्षिक नुक्कड नाटकोत्सव 'मुखातिब' के दौरान राष्ट्रवाद की थीम पर रचे गए 4 नाटकों को मंचन नहीं करने दिया गया।

रामजस की ड्रामा सोसाइटी के सदस्यों का दावा है कि कॉलेज प्रशासन ने नाटकों का मंचन रद्द करने का फैसला इसलिए किया क्योंकि उनके विषय 'संवेदनशील' थे। इन नाटकों की थीम राष्ट्रवाद, अभिव्यक्ति की आजादी और कश्मीर पर आधारित थी।

हालांकि प्रधानाचार्य ने कहा कि यह अधिकारियों का नहीं बल्कि ड्रामा सोसायटी के छात्रों का फैसला था। हमने छात्रों को बस सलाह दी थी कि फेस्ट में ऐसा कोई मंचन न शामिल किया जाए जो कॉलेज के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ सकता हो।

शुक्रवार को 'मुखातिब' के दौरान रामजस के छात्रों ने मूक विरोध प्रदर्शन भी किया। नाटकों का मंचन रद्द होने के विरोध में छात्रों ने अपने हाथों पर काले बैंड बांध रखे थे और काले टेप से अपने मुंह सील कर रखे थे। इन नाटकों का मंचन रद्द होने के विरोध में लेडी श्री राम कॉलेज के स्टूडेंट्स ने अपना मंचन भी रद्द कर दिया। जिन दो कॉलेजों ने अपने नाटक का मंचन किया उनमें किरोड़ी मल कॉलेज और मिरांडा हाउस शामिल थे।

जिन कार्यक्रमों को रद्द किया गया उनमें एसजीटीबी खालसा कॉलेज का नाटक 'ट्रंप कार्ड', दयाल सिंह कॉलेज का 'जोकिस्तान', गुरु गोविंद सिंह कॉलेज ऑफ कॉमर्स का 'सवाल तो उठेगा' और गार्गी कॉलेज का 'मैं कश्मीर और आप? मैं मणिपुर' शामिल हैं।

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