अभिषेक रावत, नई दिल्ली
मोदी सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को सफल बनाने के लिए इनकम टैक्स विभाग बड़ी मुहिम शुरू करने जा रहा है। अब विभाग ऐसे लोगों पर रेड करेगा जिन्होंने ब्लैक मनी डिक्लेयर न करते हुए उन्हें अलग-अलग बैंक खातों में जमा कराया। उनसे ''इच्छा'' के अनुसार स्कीम में घोषणा कराई जाएगी। इनकम टैक्स विभाग इसकी शुरुआत सोमवार से करने जा रहा है। उन लोगों पर सीधे रेड की जाएगी जिन्होंने नोटबंदी के बाद अपने खातों में एक करोड़ रुपये या उससे ज्यादा की रकम जमा कराई। सूत्रों का कहना है कि इस कार्रवाई को सर्वे का नाम दिया गया है, जिसके तहत हर आईटीओ या उससे ऊपर रैंक के अधिकारी पर डिफॉल्टरों से गरीब कल्याण योजना के तहत ब्लैक मनी की घोषणा कराने की जिम्मेदारी होगी। सभी इनकम टैक्स कमिश्नरों के पास पैन कार्ड के आधार पर डाटा भेज दिया गया है।
इनकम टैक्स विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि नोटबंदी के बाद गरीब कल्याण योजना का ऐलान किया गया था। इसमें विकल्प रखा गया था कि जो कोई अपनी ब्लैक मनी डिक्लेयर करता है, उस पर 50 प्रतिशत की पेनल्टी लगाई जाएगी और 25 प्रतिशत की मनी चार साल के लिए फ्रीज कर दी जाएगी लेकिन कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी। पेनल्टी से आने वाली रकम को गरीब कल्याण योजनाओं में खर्च किया जाएगा, लेकिन किसी ने स्वेच्छा से इस स्कीम के तहत ब्लैक मनी डिक्लेयर नहीं की। अब सीबीडीटी की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि इस स्कीम को सफल बनाने के लिए सर्वे किया जाए। सर्वे से मतलब है सीधे तौर पर रेड की जाए और उसे किसी भी सूरत में ब्लैक मनी डिक्लेयर करने के लिए तैयार किया जाए। अगर वह ऐसा नहीं करता है तब उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
कैसे की जाएगी रेड
इनकम टैक्स विभाग के सूत्रों के मुताबिक बैंकों से पैन कार्ड के आधार पर सारी डीटेल्स इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास आ चुकी थी। अब उसकी स्क्रूटनी हो चुकी है और डाटा तैयार कर लिया गया है। यह पता लगा लिया गया है कि एक पैन कार्ड से कितने बैंक अकाउंट लिंक्ड हैं और नोटबंदी के बाद उनमें कब और कितनी रकम जमा कराई गई। जिन लोगों ने एक करोड़ या उससे ज्यादा की रकम जमा कराई, पहले उन पर छापेमारी की जाएगी। न नोटिस दिया जाएगा और न कोई मोहलत। इनकम टैक्स ऑफिसर(आईटीओ) या उससे ऊपर के अधिकारी के ज्यूरिस्डिक्शन में पैन कार्ड होते हैं। उसी हिसाब से सभी को पैन कार्ड आधारित डीटेल्स सौंप दी गई है। जिन खातों में ढाई लाख से 1 करोड़ तक ही जमा कराए हैं, उन्हें जरूर 5 दिन की मोहलत दी जाएगी। नोटिस भेज कर इनकम का सोर्स पूछा जाएगा। अगर संतुष्ट जवाब नहीं आता तो उसके खिलाफ वही ऐक्शन होगा जो एक करोड़ से ज्यादा वालों पर किया जाएगा।
मोदी सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को सफल बनाने के लिए इनकम टैक्स विभाग बड़ी मुहिम शुरू करने जा रहा है। अब विभाग ऐसे लोगों पर रेड करेगा जिन्होंने ब्लैक मनी डिक्लेयर न करते हुए उन्हें अलग-अलग बैंक खातों में जमा कराया। उनसे ''इच्छा'' के अनुसार स्कीम में घोषणा कराई जाएगी। इनकम टैक्स विभाग इसकी शुरुआत सोमवार से करने जा रहा है। उन लोगों पर सीधे रेड की जाएगी जिन्होंने नोटबंदी के बाद अपने खातों में एक करोड़ रुपये या उससे ज्यादा की रकम जमा कराई। सूत्रों का कहना है कि इस कार्रवाई को सर्वे का नाम दिया गया है, जिसके तहत हर आईटीओ या उससे ऊपर रैंक के अधिकारी पर डिफॉल्टरों से गरीब कल्याण योजना के तहत ब्लैक मनी की घोषणा कराने की जिम्मेदारी होगी। सभी इनकम टैक्स कमिश्नरों के पास पैन कार्ड के आधार पर डाटा भेज दिया गया है।
इनकम टैक्स विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि नोटबंदी के बाद गरीब कल्याण योजना का ऐलान किया गया था। इसमें विकल्प रखा गया था कि जो कोई अपनी ब्लैक मनी डिक्लेयर करता है, उस पर 50 प्रतिशत की पेनल्टी लगाई जाएगी और 25 प्रतिशत की मनी चार साल के लिए फ्रीज कर दी जाएगी लेकिन कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी। पेनल्टी से आने वाली रकम को गरीब कल्याण योजनाओं में खर्च किया जाएगा, लेकिन किसी ने स्वेच्छा से इस स्कीम के तहत ब्लैक मनी डिक्लेयर नहीं की। अब सीबीडीटी की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि इस स्कीम को सफल बनाने के लिए सर्वे किया जाए। सर्वे से मतलब है सीधे तौर पर रेड की जाए और उसे किसी भी सूरत में ब्लैक मनी डिक्लेयर करने के लिए तैयार किया जाए। अगर वह ऐसा नहीं करता है तब उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
कैसे की जाएगी रेड
इनकम टैक्स विभाग के सूत्रों के मुताबिक बैंकों से पैन कार्ड के आधार पर सारी डीटेल्स इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास आ चुकी थी। अब उसकी स्क्रूटनी हो चुकी है और डाटा तैयार कर लिया गया है। यह पता लगा लिया गया है कि एक पैन कार्ड से कितने बैंक अकाउंट लिंक्ड हैं और नोटबंदी के बाद उनमें कब और कितनी रकम जमा कराई गई। जिन लोगों ने एक करोड़ या उससे ज्यादा की रकम जमा कराई, पहले उन पर छापेमारी की जाएगी। न नोटिस दिया जाएगा और न कोई मोहलत। इनकम टैक्स ऑफिसर(आईटीओ) या उससे ऊपर के अधिकारी के ज्यूरिस्डिक्शन में पैन कार्ड होते हैं। उसी हिसाब से सभी को पैन कार्ड आधारित डीटेल्स सौंप दी गई है। जिन खातों में ढाई लाख से 1 करोड़ तक ही जमा कराए हैं, उन्हें जरूर 5 दिन की मोहलत दी जाएगी। नोटिस भेज कर इनकम का सोर्स पूछा जाएगा। अगर संतुष्ट जवाब नहीं आता तो उसके खिलाफ वही ऐक्शन होगा जो एक करोड़ से ज्यादा वालों पर किया जाएगा।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।
Read more: सोमवार से इनकम टैक्स विभाग करेगा छापेमारी