नई दिल्ली
दिल्ली से नोएडा के बीच DND फ्लाइओवर से सफर करने वालों के लिए राहत भरी खबर है। फिलहाल उनका सफर 'फ्री' ही चलता रहेगा। इस मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने CAG (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) को टोल कंपनी के खातों की जांच के लिए 8 हफ्ते का समय और दिया है। इस बीच टोल वसूलने पर लगी रोक हटाने से भी इनकार कर दिया।
इस मामले में सोमवार सुबह लंबी सुनवाई हुई। इस दौरान CAG की ओर से कोर्ट को बताया गया कि कंपनी से संबंधित रिपोर्ट तैयार नहीं हुई है। इसके लिए कुछ वक्त और चाहिए। पिछली सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने CAG को कंपनी के खातों की जांच करके रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। इस आदेश के तहत CAG को सुप्रीम कोर्ट को बताना है कि फ्लाइओवर बनाने में कितना खर्च आया और अब तक कंपनी कितना टोल वसूल चुकी है।
कोर्ट में कंपनी का पक्ष है कि उनकी ओर से अभी तक टोल पर 1135 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं जबकि उनकी कमाई 1103 करोड़ रुपये हुई है। इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने टोल की वसूली पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने माना था कि टोल कंपनी अपनी लागत से बहुत ज्यादा पैसा कमा चुकी है। इस आदेश के खिलाफ टोल कंपनी सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने के बजाए CAG को टोल कंपनी के खातों का ऑडिट करने का आदेश दिया।
दिल्ली से नोएडा के बीच DND फ्लाइओवर से सफर करने वालों के लिए राहत भरी खबर है। फिलहाल उनका सफर 'फ्री' ही चलता रहेगा। इस मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने CAG (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) को टोल कंपनी के खातों की जांच के लिए 8 हफ्ते का समय और दिया है। इस बीच टोल वसूलने पर लगी रोक हटाने से भी इनकार कर दिया।
इस मामले में सोमवार सुबह लंबी सुनवाई हुई। इस दौरान CAG की ओर से कोर्ट को बताया गया कि कंपनी से संबंधित रिपोर्ट तैयार नहीं हुई है। इसके लिए कुछ वक्त और चाहिए। पिछली सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने CAG को कंपनी के खातों की जांच करके रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। इस आदेश के तहत CAG को सुप्रीम कोर्ट को बताना है कि फ्लाइओवर बनाने में कितना खर्च आया और अब तक कंपनी कितना टोल वसूल चुकी है।
कोर्ट में कंपनी का पक्ष है कि उनकी ओर से अभी तक टोल पर 1135 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं जबकि उनकी कमाई 1103 करोड़ रुपये हुई है। इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने टोल की वसूली पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने माना था कि टोल कंपनी अपनी लागत से बहुत ज्यादा पैसा कमा चुकी है। इस आदेश के खिलाफ टोल कंपनी सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने के बजाए CAG को टोल कंपनी के खातों का ऑडिट करने का आदेश दिया।
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