नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लखनऊ में हुई रैली से ठीक एक दिन पहले कानपुर के पास पटरियों की फिश प्लेट और क्लिप गायब होने के मामले में रेलवे सख्त हो गया है। वह पटरियों से हुई इस छेड़ की सीबीआई जांच चाहता है। रेलवे को आशंका है कि यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यह किसी की शरारत हो सकती है। इससे पहले हाल ही में इसी रूट पर ट्रेनों के बेपटरी होने से दो एक्सीडेंट हो चुके हैं।
20 नवंबर को इंदौर-पटना एक्सप्रेस और 28 दिसंबर को सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस पटरी से उतरने के कारण दुर्घटनाग्रस्त हुई थीं। इसके बाद पहली जनवरी को जब रेलवे की पेट्रोलिंग टीम ने पाया कि फर्रुखाबाद के कल्याणपुर और मंधाना रेलवे स्टेशन के बीच फिश प्लेट्स और पटरियों की क्लिप को हटाया गया है। इसके अलावा ट्रैक के कई हिस्सों को आरी से भी काटने की कोशिश की गई है। इसके बाद से रेलवे इस मामले को हल्के में नहीं लेना चाहता।
28 दिसंबर को दिल्ली-हावड़ा रूट पर दोबारा दुर्घटना होने से रेलवे विभाग का तनाव बढ़ गया था। दिल्ली-हावड़ा रूट को देश के सुरक्षित रूटों में एक माना जाता है और इस रूट से राजधानी और शताब्दी जैसी विशेष ट्रेनें भी गुजरती हैं। वैसे तो पटरियों से हुई इस छेड़छाड़ की जांच रेलवे सेफ्टी कमिश्नर को इस सौंपी गई है, लेकिन रेलवे के कई अधिकारियों का मानना है इसकी जांच सीबीआई से होनी चाहिए, जिसमें हाल ही में हुई दोनों दुर्घटनाओं की जांच भी शामिल हो।
जब इंदौर-पटना एक्सप्रेस पटरी से उतरने के कारण दुर्घटनाग्रस्त हुई थी, को इस हादसे में 150 लोग मारे गए थे। इसी दिन प्रधानमंत्री को आगरा में एक रैली को संबोधित करना था और रेव विकास शिविर के समापन में भी बोलना था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लखनऊ में हुई रैली से ठीक एक दिन पहले कानपुर के पास पटरियों की फिश प्लेट और क्लिप गायब होने के मामले में रेलवे सख्त हो गया है। वह पटरियों से हुई इस छेड़ की सीबीआई जांच चाहता है। रेलवे को आशंका है कि यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यह किसी की शरारत हो सकती है। इससे पहले हाल ही में इसी रूट पर ट्रेनों के बेपटरी होने से दो एक्सीडेंट हो चुके हैं।
20 नवंबर को इंदौर-पटना एक्सप्रेस और 28 दिसंबर को सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस पटरी से उतरने के कारण दुर्घटनाग्रस्त हुई थीं। इसके बाद पहली जनवरी को जब रेलवे की पेट्रोलिंग टीम ने पाया कि फर्रुखाबाद के कल्याणपुर और मंधाना रेलवे स्टेशन के बीच फिश प्लेट्स और पटरियों की क्लिप को हटाया गया है। इसके अलावा ट्रैक के कई हिस्सों को आरी से भी काटने की कोशिश की गई है। इसके बाद से रेलवे इस मामले को हल्के में नहीं लेना चाहता।
28 दिसंबर को दिल्ली-हावड़ा रूट पर दोबारा दुर्घटना होने से रेलवे विभाग का तनाव बढ़ गया था। दिल्ली-हावड़ा रूट को देश के सुरक्षित रूटों में एक माना जाता है और इस रूट से राजधानी और शताब्दी जैसी विशेष ट्रेनें भी गुजरती हैं। वैसे तो पटरियों से हुई इस छेड़छाड़ की जांच रेलवे सेफ्टी कमिश्नर को इस सौंपी गई है, लेकिन रेलवे के कई अधिकारियों का मानना है इसकी जांच सीबीआई से होनी चाहिए, जिसमें हाल ही में हुई दोनों दुर्घटनाओं की जांच भी शामिल हो।
जब इंदौर-पटना एक्सप्रेस पटरी से उतरने के कारण दुर्घटनाग्रस्त हुई थी, को इस हादसे में 150 लोग मारे गए थे। इसी दिन प्रधानमंत्री को आगरा में एक रैली को संबोधित करना था और रेव विकास शिविर के समापन में भी बोलना था।
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Read more: ट्रैक से हुई छेड़छाड़ पर CBI जांच चाहता है रेलवे