नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने सड़कों और सीवर लाइनों के लिए कॉन्ट्रैक्ट देने में कथित तौर पर बरती गई अनियमितताओं के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके करीबी रिश्तेदार के अलावा एक इंजिनियर के खिलाफ प्राथमिक जांच शुरू की है। रोड्स ऐंटी करप्शन ऑर्गनाइजेशन नामक एक एनजीओ के वकील किसलय पांडेय ने आर्थिक अपराध शाखा में लिखित कंप्लेंट देकर उनके खिलाफ धोखाधड़ी सहित कई अन्य गंभीर आरोप लगाए हैं।
दिल्ली पुलिस के एक सीनियर अफसर ने प्राथमिक जांच शुरू करने की पुष्टि करते हुए कहा कि अभी तक इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई। प्राथमिक जांच पूरी होने के बाद जो तथ्य सामने आएंगे उनके मुताबिक आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। शिकायतकर्ता का आरोप है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के रिश्तेदार सुरेंद्र कुमार बंसल को नियमों को ताक पर रखकर दिल्ली की सड़कों और सीवर लाइनों के रख-रखाव का ठेका दिया गया।
आरोप के मुताबिक इसमें पीडब्ल्यूडी के इंजिनियर पी.के. कथूरिया की भी मिलीभगत रही। एनजीओ का यह भी आरोप है कि बंसल ने पीडब्ल्यूडी को जाली बिल सौंपे। इसके लिए उन्होंने फर्जी दस्तावेज तैयार किए, जबकि सड़क और सीवर रख-रखाव से संबंधित कोई सामान नहीं खरीदा गया। इससे सरकारी खजाने को 10 करोड़ रुपये से भी अधिक राशि का नुकसान हुआ। लिहाजा इस मामले में मुख्यमंत्री सहित अन्य लोगों की भूमिका की जांच जांच होनी चाहिए।
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने सड़कों और सीवर लाइनों के लिए कॉन्ट्रैक्ट देने में कथित तौर पर बरती गई अनियमितताओं के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके करीबी रिश्तेदार के अलावा एक इंजिनियर के खिलाफ प्राथमिक जांच शुरू की है। रोड्स ऐंटी करप्शन ऑर्गनाइजेशन नामक एक एनजीओ के वकील किसलय पांडेय ने आर्थिक अपराध शाखा में लिखित कंप्लेंट देकर उनके खिलाफ धोखाधड़ी सहित कई अन्य गंभीर आरोप लगाए हैं।
दिल्ली पुलिस के एक सीनियर अफसर ने प्राथमिक जांच शुरू करने की पुष्टि करते हुए कहा कि अभी तक इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई। प्राथमिक जांच पूरी होने के बाद जो तथ्य सामने आएंगे उनके मुताबिक आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। शिकायतकर्ता का आरोप है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के रिश्तेदार सुरेंद्र कुमार बंसल को नियमों को ताक पर रखकर दिल्ली की सड़कों और सीवर लाइनों के रख-रखाव का ठेका दिया गया।
आरोप के मुताबिक इसमें पीडब्ल्यूडी के इंजिनियर पी.के. कथूरिया की भी मिलीभगत रही। एनजीओ का यह भी आरोप है कि बंसल ने पीडब्ल्यूडी को जाली बिल सौंपे। इसके लिए उन्होंने फर्जी दस्तावेज तैयार किए, जबकि सड़क और सीवर रख-रखाव से संबंधित कोई सामान नहीं खरीदा गया। इससे सरकारी खजाने को 10 करोड़ रुपये से भी अधिक राशि का नुकसान हुआ। लिहाजा इस मामले में मुख्यमंत्री सहित अन्य लोगों की भूमिका की जांच जांच होनी चाहिए।
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