Thursday, January 26, 2017

वेबसाइट हैक कर एक करोड़ की 'डिजिटल चोरी'

राजशेखर झा, दिल्ली
देश में इंटरनेट और टेक्नॉलजी के प्रसार के साथ ही साइबर अपराधों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हुआ है। ऐसी ही एक घटना में कुछ टेक और ड्रॉपआउट छात्रों ने गिफ्टिंग वेबसाइट से तकरीबन एक करोड़ रुपये के ई-वाउचर्स चुरा लिए। हैकरों ने वेबसाइट के पेमेंट गेटवे में सेंध लगाई और लाखों के वाउचर्स उड़ा लिए।

साउथ दिल्ली बेस्ड वेबसाइट Gyftr.com ने 30 दिसंबर को हौज खास पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई थी। तकरीबन 25 दिनों की जांच के बाद पुलिस ने एक हैकर और उसके तीन साथियों को गिरफ्तार कर लिया है। मास्टरमाइंड सनी नेहरा हरियाणा के सोनीपत का है। वह बीटेक ड्रॉपआउट है। पुलिस ने उसे हरियाणा के लीला ऐंबिएंस से गिरफ्तार किया। पुलिस के मुताबिक मास्टरमाइंड ई-कॉमर्स वेबसाइट्स की कमजोरी का फायदा उठा कर उन्हें हैक करने में माहिर है।

जॉइंट कमिश्नर आरपी उपाध्याय ने बताया कि अन्य तीन आरोपी आजाद चौधरी, तेजवीर शेओरान और प्रखर अग्रवाल हैं। आजाद राजस्थान के चुरू से है और बीटेक का छात्र है। प्रखर भी देहरादून के एक कॉलेज में बीटेक का छात्र है। वहीं, तेजवीर हरियाणा के भिवानी से है और दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक कॉलेज में बीसीए का छात्र है। डीसीपी (साउथ) ईश्वर सिंह ने बताया,'इन्होंने वेबसाइट का पेमेंट गेटवे हैक किया और सोर्स कोड तथा बाकी डीटेल्स की मदद से डिजिटल चोरी को अंजाम दिया।'

शिकायतकर्ता ने कई ई-कंपनियों के डेटा और अन्य दस्तावेज सबूत के तौर पर पुलिस को दिए थे। इनसे पता चला कि चुराए गए वाउचर 'मेक माय ट्रिप', 'ऐमेजॉन', 'फ्लिपकार्ट', 'बिग बाजार', 'रिलायंस डिजिटल', 'मिंत्रा.कॉम', 'यात्रा.कॉम', 'डॉमिनोज', 'टाइटन' और 'शॉपर्स स्टॉप' जैसी नामी ऑनलाइन कंपनियों के थे। इस चोरी से Gyftr.com को 92 लाख रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है। मामले की तह तक जाने के लिए पुलिस को अपराधियों की पहचान और क्राइम लोकेशन का पता लगाना जरूरी था। इसके लिए आईपी अड्रेस, ईमेल्स, सम्बन्धित फोन नंबरों और बैंक ट्रांजैक्शन्स को ट्रैक किया गया। पेयू, ऐमेजॉन, फ्लिपकार्ट और रिलायंस डिजिटल ने भी बाकी जानाकारियां जुटाने में पुलिस की मदद की।

काफी कोशिशों के बाद एसीपी राजेंद्र पठानिया की अगुवाई वाली टीम आखिरकार मास्टरमाइंड सनी नेहरा को गुड़गांव के लीला ऐंबिएंस से गिरफ्तार करने में कामयाब हो गई। इसके बाद बाकी तीनों आरोपी भी पकड़े गए। चारों से पूछताछ की गई और उन्होंने चोरी करने के तरीके का खुलासा किया। अडिशनल डीसीपी (साउथ) चिन्मय बिस्वाल ने बताया,'सनी का दावा है कि उसके हैकर दोस्तों ने ही उसे इस वेबसाइट के बारे में बताया था।'

सनी को हैरानी हुई कि इतनी नामी वेबसाइट में इतनी बड़ी कमजोरी कैसे हो सकती है। उसने वेबसाइट की टेस्टिंग शुरू कर दी और जल्द ही उसे पता चला कि इसमें सेंध लगाई जा सकती है। सनी ने बताया कि वे और उसके दोस्त 'डेटा टेंपरिंग' में एक्सपर्ट हैं। इसका इस्तेमाल करके कई तरह के साइबर अपराधों को अंजाम दिया जा सकता है।

Read this story in English: Digital shoplifters' held for Rs 1 crore thefts

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