Friday, January 27, 2017

नेताओं और मंत्रियों से जबरन उगाही! गिरोह का भंडाफोड़

नई दिल्ली
क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे हाई प्रोफाइल चीटर को अरेस्ट किया है, जिसके निशाने पर केंद्रीय मंत्री, नेता और सरकारी अफसर होते थे। वह खुद को बीजेपी महामंत्री राम माधव बताकर बीजेपी मंत्रियों और नेताओं को फोन करता था और आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी फंड के लिए मोटी रकम देने के लिए कहता था। उसने कई नेताओं और मंत्रियों को सोनिया गांधी का पीए बनकर भी कॉल किया। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को अरेस्ट किया है। आरोपी की पहचान संजय कुमार तिवारी (40) और उसके साथी की पहचान गौरव शर्मा (23) के रूप में हुई है। वह खुद को राम माधव का पीए भी बताता था।

जॉइंट सीपी रवींद्र यादव ने बताया कि झारखंड सरकार में रेवेन्यू, रजिस्ट्रेशन और लैंड मिनिस्टर अमर कुमार बौरी के सेक्रेटरी सुशांत कुमार मुखर्जी ने क्राइम ब्रांच में कंप्लेंट दी थी कि पिछले तीन दिनों से एक नंबर से लगातार कॉल आ रही है। कॉलर खुद को बीजेपी महामंत्री राम माधव बताकर मंत्री अमर कुमार बौरी से आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी फंड के लिए मोटी रकम की डिमांड कर रहा है। 23 जनवरी को कॉलर ने मंत्री के ऑफिस में एक व्यक्ति को पैसे लेने के लिए भेजा था।

जब उन्होंने बीजेपी के सीनियर लीडर राम माधव के ऑफिस से इस बारे में पता किया तो उन्हें यह बताया गया कि उनकी तरफ से ऐसे किसी शख्स को नहीं भेजा गया है। इससे साफ हो गया कि कोई जालसाज बीजेपी नेता के नाम पर मंत्री से पैसे ऐंठने की कोशिश कर रहा है। क्राइम ब्रांच ने इस शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया।

पुलिस ने डीसीपी मधुर वर्मा की देखरेख में एसीपी संजय सहरावत, इंस्पेक्टर सुनील कुमार, एसआई नीरज कुमार और विजय समारिया सहित दूसरे पुलिस वालों की टीम बनाई गई। पुलिस टीम को तफ्तीश में पता चला कि एक्सटॉर्शन के इस रैकेट का मास्टरमाइंड संजय कुमार तिवारी है। पुलिस को पता चला कि आरोपी अपने साथी से मिलने के लिए आईटीओ आएगा। इस सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने बताई गई जगह पर अपना ट्रैप लगाकर संजय के अलावा उसके साथी गौरव को अरेस्ट कर लिया।

पुलिस ने उनके पास से दो मोबाइल फोन भी बरामद किए। मुख्य आरोपी सिर्फ नेताओं, ब्यूरोक्रेट्स और सीनियर अफसरों को ही अपना निशाना बनाता था। बात पक्की होने के बाद पैसे लेने के लिए खुद नहीं जाता था। उसने कुछ बेरोजगार भरोसेमंद युवकों को रखा हुआ था। वे वहां पहुंचकर संबंधित अफसर या नेता से संजय या फिर गौरव की बात कराते थे। उसके खिलाफ 11 आपराधिक मामले दर्ज हैं।

उसने गरीब लड़कियों की शादी के लिए बीजेपी के पूर्व विधायक अनिल शर्मा से भी पैसे ऐंठने का प्रयास किया था। इस केस में क्राइम ब्रांच ने उसे अक्टूबर 2016 को अरेस्ट भी किया था। उसी साल नवंबर में जमानत पर छूटने के बाद उसने दोबारा ठगी का धंधा शुरू कर दिया था।

यहां जानिए संजय तिवारी से जुड़े कुछ तथ्य :

1. यूपी के फैजाबाद से ताल्लुक रखने वाले 40 वर्षीय संजय तिवारी ने कक्षा 10 के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। इसके बाद उसने शादी कर ली और उसके दो बच्चे हैं। 1999 में वह दिल्ली आ गया और यहां आॅल इंडिया रेडियो में बतौर फ्रीलांसर काम शुरू कर दिया। इसके बाद उसने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में काम किया जहां उसने स्टिंग आॅपरेशन में इस्तेमाल होने वाले स्पाय कैमरों का इस्तेमाल करना सीख लिया।

2. जॉइंट सीपी रविंद्र यादव के मुताबिक, तिवारी ने एलपीजी सिलिंडर कॉन्ट्रैक्टर का स्टिंग आॅपरेशन किया और फिर उसको विडियो का हवाला देकर रकम वसूली के लिए ब्लैकमेल करने लगा।

3. डीसीपी क्राइम के मुताबिक, इसके बाद तिवारी ने एक के बाद एक कई वारदातों को अंजाम दिया। देखते ही देखते उसने जबरन वसूली का रैकेट खड़ा कर दिया। तिवारी के खिलाफ चीटिंग, एक्सटॉर्शन से जुड़े कुल 11 केस दर्ज हैं।

4. संजय तिवारी ने जांच में बताया कि उसने एक मैगजीन संपादक के साथ काम किया और फिर मुंबई में एक फिल्म डायरेक्टर के साथ भी काम किया। इसके अलावा उसने अरुणाचल प्रदेश में एक लोकसभा सांसद के पर्सनल सेक्रटरी के रूप में भी काम किया। वहां उसे लगा कि वह कैसे शॉर्टकट से जल्दी रकम जुटा सकता है।

5. तिवारी के मुताबिक, 2011 तक वह एक न्यूज पोर्टल का संचालन करता था। उसने खुद को एक टीवी चैनल का चेयरमैन भी बताया। उसके कई मंत्रियों से संपर्क थे और वह आसानी से धोखाधड़ी कर जबरन वसूली करता था।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।


Read more: नेताओं और मंत्रियों से जबरन उगाही! गिरोह का भंडाफोड़