Sunday, January 1, 2017

'बदमाशों' की लिस्ट में पीछे नहीं हैं पुलिसवाले

नई दिल्ली
दिल्ली में अपराधियों की गिरफ्तारी की लंबी लिस्ट। इसमें खुद दिल्ली पुलिस के लोग भी पीछे नहीं हैं। पिछले साल लगभग एक दर्जन पुलिसवालों को अलग-अलग अपराधों के आरोप में गिरफ्तार किया गया। हाल ही में तीन ट्रैफिक पुलिसवालों को एक बिजनसमैन को किडनैप करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। वह बैंक में पैसे जमा करने जा रहा था। इन पुलिसवालों ने उसे तबतक नहीं छोड़ा, जबतक वह उन्हें पैसे देने को राजी नहीं हुआ। इसके कुछ दिन बाद ही एक पुलिसवाले को बदमाशों ने गोली मार दी। बाद में पता चला कि वह बदमाशों के साथ मिलकर जुए का रैकेट और डांस बार चलाता था।

मई 2016 में एक SHO को गिरफ्तार किया गया, जिसपर एक क्रमिनल की गर्लफ्रेंड को खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप है। महिला ने तीस हजारी थाने जाकर जहर खा लिया था और SHO को इसका जिम्मेदार ठहराया था। 2016 में सतर्कता विभाग ने 55 फीसदी ज्यादा पुलिस वालों की जांच की। दिल्ली पुलिस के एक सर्वे के अनुसार 2015 में 34 फीसदी पुलिस वाले भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए थे।

पिछले साल विभाग ने 77 पुलिस वालों पर भ्रष्टाचार के 88 केस दर्ज किए। 838 पुलिसवालों की जांच गई और एक एसीपी समेत 12 इंस्पेक्टर, 18 सब-इंस्पेक्टर, दो एएसआई और 5 हेड कॉन्स्टेबलों को दोषी पाया गया। 2015 में 490 पुलिसवालों को सस्पेंड किया गया जिसमें 10 इंस्पेक्टर और 90 सब-इंस्पेक्टर और 46 ASI शामिल हैं। 1,017 अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए थे और 90 पुलिसवालों को बर्खास्त कर दिया गया था। इस विभाग के एंटी-करप्शन हेल्पलाइन पर 1.09 लाख शिकायतें मिलीं। इसके लिए एक स्पेशल दस्ता बनाया गया और रजिस्ट्रेशन के लिए ऐप भी शुरू किया गया।

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